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Fraud in Jaipur : बैंकों से गरीबों के नाम पर लोन उठा कर करोड़ों की ठगी, 5 आरोपी गिरफ्तार - ETV Bharat Rajasthan News

बैंकों से गरीबों के नाम पर लोन उठाकर करोड़ों रुपए की ठगी करने वाली गैंग का पुलिस ने खुलासा किया है. साथ ही इस गैंग के पांच शातिर बदमाशों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है.

Fraud by Taking loan on Bank account of other people
Fraud by Taking loan on Bank account of other people
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Published : May 14, 2023, 7:18 PM IST

जयपुर. बैंकों में खाते खुलवाने और करोड़ों रुपए के लोन उठाकर ठगी की वारदात को अंजाम देने वाले एक गिरोह का रविवार को पुलिस ने पर्दाफाश किया है. पुलिस आयुक्तालय की सीएसटी और सोडाला थाना पुलिस ने इस गिरोह के सरगना सहित पांच बदमाशों को गिरफ्तार किया है. इनके कब्जे से बड़ी संख्या में बैंक संबंधी दस्तावेज, फोटो भी मिले हैं.

अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (प्रथम) कैलाशचंद बिश्नोई ने बताया कि जयपुर शहर में फर्जी कागजात से बैंकों में खाता खुलवाकर लोन लेकर धोखाधड़ी करने वाले गिरोह की शिकायत मिलने पर एक टीम का गठन कर पुख्ता जानकारी जुटाई गई. इस गिरोह से जुड़े जयपुर के सोडाला निवासी विशाल शर्मा, करधनी निवासी विकास अग्रवाल, करधनी निवासी रविकांत शर्मा, भांकरोटा निवासी योगेश चौधरी और झोटवाड़ा निवासी रामावतार वर्मा को गिरफ्तार किया गया है.

पढ़ें. फर्जी खाते खुलवाकर साइबर ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश, दो बैंककर्मी सहित 8 गिरफ्तार

दस लाख रुपए, खाली चेक मिले : पुलिस के अनुसार, इन पांच शातिर बदमाशों के कब्जे से 9.95 लाख रुपए नकद, दो लग्जरी कार, 20 मोबाइल, अलग-अलग बैंकों की 3 दर्जन पासबुक, 16 एटीएम, 13 पेन कार्ड, आईडी कार्ड, दो दर्जन करीब सिम, 200 खाली चेक, दर्जनभर चेकबुक, दर्जनभर फर्जी मोहर, 150 पासपोर्ट साइज फोटो, लैपटॉप और हिसाब-किताब की दो डायरियां मिली हैं.

महिला ने दर्ज करवाया था मामला : अतिरिक्त पुलिस आयुक्त कैलाशचंद विश्नोई ने बताया कि 20 अप्रैल को सोडाला थाने में सुशीलपुरा निवासी सोनू मेहरा ने एक परिवाद पेश किया था. इसमें महिला ने कुछ युवकों पर फर्जी तरीके से लोगों को मुद्रा लोन दिलाने के बहाने वेतन प्रमाण पत्र बनाकर लोन उठाने का आरोप लगाया गया था. इसी संबंध में पुलिस ने जांच की तो एक के बाद एक सारी परतें उधड़ती गईं.

पढ़ें. रेलवे में नौकरी का झांसा, 5 लाख लेकर फर्जी नियुक्ति पत्र भी दिया, मामला दर्ज

लालच देकर हासिल करते थे दस्तावेज : इस गिरोह से जुड़े बदमाशों से पूछताछ में पता चला है कि ये गरीब तबके के लोगों को टारगेट कर उन्हें लालच देते और उनका आधार कार्ड ले लेते थे. इसके बाद उसके कर्मचारी होने का फर्जी दस्तावेज तैयार करवाते और फर्जी आय प्रमाण पत्र और बैंक स्टेटमेंट बनवा लेते थे. आधार कार्ड में पता बदलकर बैंक में खाता खुलवाकर चेकबुक, पासबुक, एटीएम और सिम भी जारी करवा लेते थे. इसके बाद संबंधित व्यक्ति को साथ ले जाकर बैंक से उसके नाम का पर्सनल लोन ले लेते थे. लोन पास होने पर शातिर बदमाश खुद रकम निकाल लेते थे और तैयार किए गए फर्जी दस्तावेज भी अपने पास ही रखते थे. प्रारंभिक तौर पर पता चला है कि इन्होंने अब तक करोड़ों रुपए की ठगी की है.

12 विभागों की फर्जी सील भी मिली : पुलिस को आरोपियों के कब्जे से 12 सरकारी विभागों के सील भी मिले हैं. इनमें निगम नगर निगम हेजिटेज के उपायुक्त, प्रमुख सचिव विधि, खान एवं गोपालन विभाग, जयपुर के साथ ही निर्मला हॉस्पिटल एवं रिसर्च सेंटर, आईडीबीआई बैंक के फर्जी सील भी शामिल हैं. पुलिस आरोपियों से पूछताछ और अग्रिम अनुसंधान कर रही है. पूछताछ में कई अन्य वारदातों का खुलासा होने की भी संभावना है.

जयपुर. बैंकों में खाते खुलवाने और करोड़ों रुपए के लोन उठाकर ठगी की वारदात को अंजाम देने वाले एक गिरोह का रविवार को पुलिस ने पर्दाफाश किया है. पुलिस आयुक्तालय की सीएसटी और सोडाला थाना पुलिस ने इस गिरोह के सरगना सहित पांच बदमाशों को गिरफ्तार किया है. इनके कब्जे से बड़ी संख्या में बैंक संबंधी दस्तावेज, फोटो भी मिले हैं.

अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (प्रथम) कैलाशचंद बिश्नोई ने बताया कि जयपुर शहर में फर्जी कागजात से बैंकों में खाता खुलवाकर लोन लेकर धोखाधड़ी करने वाले गिरोह की शिकायत मिलने पर एक टीम का गठन कर पुख्ता जानकारी जुटाई गई. इस गिरोह से जुड़े जयपुर के सोडाला निवासी विशाल शर्मा, करधनी निवासी विकास अग्रवाल, करधनी निवासी रविकांत शर्मा, भांकरोटा निवासी योगेश चौधरी और झोटवाड़ा निवासी रामावतार वर्मा को गिरफ्तार किया गया है.

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दस लाख रुपए, खाली चेक मिले : पुलिस के अनुसार, इन पांच शातिर बदमाशों के कब्जे से 9.95 लाख रुपए नकद, दो लग्जरी कार, 20 मोबाइल, अलग-अलग बैंकों की 3 दर्जन पासबुक, 16 एटीएम, 13 पेन कार्ड, आईडी कार्ड, दो दर्जन करीब सिम, 200 खाली चेक, दर्जनभर चेकबुक, दर्जनभर फर्जी मोहर, 150 पासपोर्ट साइज फोटो, लैपटॉप और हिसाब-किताब की दो डायरियां मिली हैं.

महिला ने दर्ज करवाया था मामला : अतिरिक्त पुलिस आयुक्त कैलाशचंद विश्नोई ने बताया कि 20 अप्रैल को सोडाला थाने में सुशीलपुरा निवासी सोनू मेहरा ने एक परिवाद पेश किया था. इसमें महिला ने कुछ युवकों पर फर्जी तरीके से लोगों को मुद्रा लोन दिलाने के बहाने वेतन प्रमाण पत्र बनाकर लोन उठाने का आरोप लगाया गया था. इसी संबंध में पुलिस ने जांच की तो एक के बाद एक सारी परतें उधड़ती गईं.

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लालच देकर हासिल करते थे दस्तावेज : इस गिरोह से जुड़े बदमाशों से पूछताछ में पता चला है कि ये गरीब तबके के लोगों को टारगेट कर उन्हें लालच देते और उनका आधार कार्ड ले लेते थे. इसके बाद उसके कर्मचारी होने का फर्जी दस्तावेज तैयार करवाते और फर्जी आय प्रमाण पत्र और बैंक स्टेटमेंट बनवा लेते थे. आधार कार्ड में पता बदलकर बैंक में खाता खुलवाकर चेकबुक, पासबुक, एटीएम और सिम भी जारी करवा लेते थे. इसके बाद संबंधित व्यक्ति को साथ ले जाकर बैंक से उसके नाम का पर्सनल लोन ले लेते थे. लोन पास होने पर शातिर बदमाश खुद रकम निकाल लेते थे और तैयार किए गए फर्जी दस्तावेज भी अपने पास ही रखते थे. प्रारंभिक तौर पर पता चला है कि इन्होंने अब तक करोड़ों रुपए की ठगी की है.

12 विभागों की फर्जी सील भी मिली : पुलिस को आरोपियों के कब्जे से 12 सरकारी विभागों के सील भी मिले हैं. इनमें निगम नगर निगम हेजिटेज के उपायुक्त, प्रमुख सचिव विधि, खान एवं गोपालन विभाग, जयपुर के साथ ही निर्मला हॉस्पिटल एवं रिसर्च सेंटर, आईडीबीआई बैंक के फर्जी सील भी शामिल हैं. पुलिस आरोपियों से पूछताछ और अग्रिम अनुसंधान कर रही है. पूछताछ में कई अन्य वारदातों का खुलासा होने की भी संभावना है.

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