जयपुर. पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने रविवार को राजस्थान विधानसभा में पहुंच कर प्रदेश के विधायकों को संसदीय कार्य से जुड़े कई टिप्स दिए. राजस्थान विधानसभा में नवनिर्वाचित विधायकों के लिए आयोजित प्रबोधन कार्यक्रम के समापन सत्र को संबोधित करते हुए मनमोहन सिंह ने विधायी कार्यों में विधायकों की भागीदारी बढ़ाए जाने पर जोर दिया. इस दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया भी मौजूद रहे.
उन्होंने कहा कि राजनेता का नेतृत्व ऐसा हो कि लोगों में सुरक्षा के भाव आए और जनता में भरोसे को बनाए रखना भी एक विधायक की पहली प्राथमिकता होना चाहिए. इस दौरान मनमोहन सिंह ने यहां मौजूद विधायकों कहा की विधानसभा में विधायक की सक्रियता बेहद जरूरी है और विषय की पूरी जानकारी और टाइम मैनेजमेंट भी बेहद अहम है. मनमोहन सिंह के अनुसार नियम और विधायी को जानने से विधायक का काम और प्रभावी होता है. साथ ही मनमोहन सिंह ने कहा कि लोकतंत्र को कैसे संभाले और कैसे आगे बढे इस पर भी समय-समय पर चर्चा होना बेहद जरूरी है. इस दौरान मनमोहन सिंह ने विधायक निधि के पूरे इस्तेमाल पर भी जोर दिया.
समापन सत्र को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंच पर मौजूद पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की तारीफ की. गहलोत ने कहा कि मनमोहन सिंह जी के वित्त मंत्री के कार्यकाल में देश में उदारीकरण की शुरुआत हुई और इनके प्रधानमंत्री के कार्यकाल में देश के विकास की गति आगे बढ़ी. गहलोत के अनुसार जब पूरी दुनिया में मंदी का दौर चल रहा था तब भी भारत इससे अछूता रहा. इस दौरान गहलोत ने मनमोहन सरकार के कार्यकाल में पारित हुई सूचना का अधिकार, शिक्षा का अधिकार और मनरेगा जैसी योजनाओं का जिक्र कर कहा कि ये योजनाएं देश के विकास में मील का पत्थर साबित हुई है.
इससे पहले विधानसभा परिसर पहुंचने पर मनमोहन सिंह का मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया और स्पीकर सीपी जोशी ने स्वागत किया. वहीं सदन के भीतर सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के जरिए पूर्व प्रधानमंत्री का स्वागत कराया गया.