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'हिंगोनिया' में गायों की मौत को लेकर निशाने पर आए पूर्व मेयर लाहोटी, कहा- कांग्रेस की सरकार है...कार्रवाई करे

हिंगोनिया गोशाला में गायों की मौत के मामले में भाजपा विधायक अशोक लाहोटी फंसते नजर आ रहे हैं. दरअसल, तत्कालीन महापौर अशोक लाहोटी के कार्यकाल में ही हिंगोनिया गोशाला तक चारे का भुगतान समय पर नहीं हो रहा था. जिसके जवाब में लाहोटी ने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है और मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई करे.

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Published : Mar 4, 2019, 9:05 PM IST

'हिंगोनिया' में गायों की मौत को लेकर निशाने पर आए पूर्व मेयर लाहोटी

जयपुर. हिंगोनिया गोशाला में गायों की मौत के मामले में भाजपा विधायक अशोक लाहोटी फंसते नजर आ रहे हैं. दरअसल, तत्कालीन महापौर अशोक लाहोटी के कार्यकाल में ही हिंगोनिया गोशाला तक चारे का भुगतान समय पर नहीं हो रहा था. जिसके जवाब में लाहोटी ने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है और मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई करे.


हालांकि, लाहोटी के इस बयान से ये तो साफ हो गया कि गायों की मौत से उन्हें कुछ ज्यादा फर्क नहीं पड़ता है. लेकिन, शायद विपक्ष भी गायों से किसी तरह का सरोकार नहीं रखता. इस मामले को उजागर करने के बाद सवाल अक्षय पात्र की चुप्पी और विपक्ष की भूमिका पर भी उठाए गए थे. जिस पर जवाब भी कुछ खास संतुष्ट करने वाले नहीं आया.
विपक्ष ने पूर्व मेयर नाहटा के कार्यकाल में हुई गायों की मौत के मुद्दे को गिनाते हुए अपनी भूमिका स्पष्ट करनी चाहिए. लेकिन, जब पूर्व मेयर अशोक लाहोटी के कार्यकाल का जिक्र किया तो उन्होंने कहा कि जब वो सदन में इस मुद्दे को उठाते थे तो सदन से उन्हें निलंबित कर दिया जाता था और सवाल उठाने के बावजूद उनकी बात को दबा दिया जाता था.

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'हिंगोनिया' में गायों की मौत को लेकर निशाने पर आए पूर्व मेयर लाहोटी

उधर, अक्षय पात्र ने एमओयू का हवाला देते हुए कहा कि निगम को हर महीने का भुगतान 15 दिन के भीतर करना होता है. लेकिन, मार्च 2018 से भुगतान में देरी होनी शुरू हुई. इस संबंध में लिखित रूप से और मौखिक दोनों के जरिए बात भी रखी गई लेकिन, समाधान नहीं निकला.
वहीं, पूर्व मेयर अशोक लाहोटी से लेकर विपक्ष और अक्षय पात्र के ये बयान गायों की मौत पर महज कफन से ज्यादा कुछ नजर नहीं आते. जरूरत है इस मामले की संगीनता से जांच की जाए और जिम्मेदारों पर उचित कार्रवाई हो.

जयपुर. हिंगोनिया गोशाला में गायों की मौत के मामले में भाजपा विधायक अशोक लाहोटी फंसते नजर आ रहे हैं. दरअसल, तत्कालीन महापौर अशोक लाहोटी के कार्यकाल में ही हिंगोनिया गोशाला तक चारे का भुगतान समय पर नहीं हो रहा था. जिसके जवाब में लाहोटी ने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है और मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई करे.


हालांकि, लाहोटी के इस बयान से ये तो साफ हो गया कि गायों की मौत से उन्हें कुछ ज्यादा फर्क नहीं पड़ता है. लेकिन, शायद विपक्ष भी गायों से किसी तरह का सरोकार नहीं रखता. इस मामले को उजागर करने के बाद सवाल अक्षय पात्र की चुप्पी और विपक्ष की भूमिका पर भी उठाए गए थे. जिस पर जवाब भी कुछ खास संतुष्ट करने वाले नहीं आया.
विपक्ष ने पूर्व मेयर नाहटा के कार्यकाल में हुई गायों की मौत के मुद्दे को गिनाते हुए अपनी भूमिका स्पष्ट करनी चाहिए. लेकिन, जब पूर्व मेयर अशोक लाहोटी के कार्यकाल का जिक्र किया तो उन्होंने कहा कि जब वो सदन में इस मुद्दे को उठाते थे तो सदन से उन्हें निलंबित कर दिया जाता था और सवाल उठाने के बावजूद उनकी बात को दबा दिया जाता था.

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'हिंगोनिया' में गायों की मौत को लेकर निशाने पर आए पूर्व मेयर लाहोटी

उधर, अक्षय पात्र ने एमओयू का हवाला देते हुए कहा कि निगम को हर महीने का भुगतान 15 दिन के भीतर करना होता है. लेकिन, मार्च 2018 से भुगतान में देरी होनी शुरू हुई. इस संबंध में लिखित रूप से और मौखिक दोनों के जरिए बात भी रखी गई लेकिन, समाधान नहीं निकला.
वहीं, पूर्व मेयर अशोक लाहोटी से लेकर विपक्ष और अक्षय पात्र के ये बयान गायों की मौत पर महज कफन से ज्यादा कुछ नजर नहीं आते. जरूरत है इस मामले की संगीनता से जांच की जाए और जिम्मेदारों पर उचित कार्रवाई हो.

Intro:हिंगोनिया गौशाला में गायों की मौत को लेकर निशाने पर आए पूर्व मेयर अशोक लाहोटी के साथ-साथ,,, विपक्ष और अक्षय पात्र भी अपनी भूमिका निभाने में फेल साबित हुए हैं...


Body:हिंगोनिया गौशाला में गायों की मौत पर उठे सवालों के जवाब तलाशने के लिए ईटीवी भारत लगातार जुटा हुआ है... हाल ही में हमने कुछ दस्तावेज पेश किए थे जिसमें ये साफ हो गया था कि पूर्व महापौर और सांगानेर से विधायक अशोक लाहोटी के कार्यकाल से ही हिंगोनिया गौशाला तक चारे का भुगतान समय पर नहीं हो रहा था... इस पर जब अशोक लाहोटी से कारण जानना चाहा तो उन्होंने टका सा जवाब देते हुए कहा कि निगम के मेयर विष्णु लाटा है,,, और प्रदेश में सरकार भी कांग्रेस की है,,, यदि किसी को जांच करानी है,,, मुकदमे दर्ज कराने हैं बेखौफ होकर जो कार्रवाई करनी है वो करें...

लाहोटी के इस बयान से ये तो साफ हो गया कि गायों की मौत से उन्हें कुछ ज्यादा फर्क नहीं,,, लेकिन शायद विपक्ष भी गायों से किसी तरह का सरोकार नहीं रखता... इस मामले को उजागर करने के बाद सवाल अक्षय पात्र की चुप्पी और विपक्ष की भूमिका पर भी उठाए गए थे... जिस पर जवाब भी कुछ खास संतुष्ट करने वाले नहीं आए... विपक्ष ने पूर्व मेयर नाहटा के कार्यकाल में हुई गायों की मौत के मुद्दे को गिनाते हुए,,,अपनी भूमिका स्पष्ट करनी चाहिए,,, लेकिन जब पूर्व मेयर अशोक लाहोटी के कार्यकाल का जिक्र किया तो उन्होंने कहा कि जब वह सदन में इस मुद्दे को उठाते थे तो सदन से उन्हें निलंबित कर दिया जाता था... सवाल उठाने के बावजूद उनकी बात को दबा दिया जाता था...

उधर, अक्षय पात्र ने एमओयू का हवाला देते हुए कहा कि निगम को हर महीने का भुगतान 15 दिन के भीतर करना होता है... लेकिन मार्च 2018 से भुगतान में देरी होनी शुरू हुई,,,, इस संबंध में लिखित रूप से मौखिक और बैठक के जरिए बात भी रखी गई... लेकिन समाधान नहीं निकला...


Conclusion:पूर्व मेयर अशोक लाहोटी से लेकर विपक्ष और अक्षय पात्र के ये बयान गायों की मौत पर महज कफन से ज्यादा कुछ नजर नहीं आते... जरूरत है इस मामले की संगीनता से जांच की जाए,,, और जिम्मेदारों पर उचित कार्रवाई हो... ताकि भविष्य में हिंगोनिया गौशाला सुर्खियों में तो आए,,, लेकिन इसकी वजह गायों की मौत ना हो...
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