जयपुर. अतिरिक्त सत्र न्यायालय क्रम-1 बहरोड़ ने चाकसू के पूर्व विधायक वेद प्रकाश सोलंकी को चैक अनादरण के मामले में निचली अदालत की ओर से मिली एक साल की सजा को अपील के निस्तारण तक सशर्त स्थगित कर दिया है. अदालत ने यह आदेश सोलंकी की अपील पर दिए. अदालत ने अपने आदेश में कहा है कि अपीलार्थी दो माह में हर्जाना राशि की 20 फीसदी यानि 11 लाख रुपए की राशि जमा कराए. यदि इस अवधि में राशि जमा नहीं होती है, तो सजा स्थगित करने का यह आदेश स्वत: ही रद्द हो जाएगा और निचली अदालत प्रकरण में कार्रवाई के लिए स्वतंत्र होगी.
मामले के अनुसार निचली अदालत ने गत 28 नवंबर को चैक अनादरण के मामले में वेद प्रकाश सोलंकी को एक साल की सजा और 55 लाख रुपए का जुर्माना की सजा दी थी. इस आदेश को सोलंकी की ओर से चुनौती दी गई है. इसके साथ ही सोलंकी की ओर से प्रार्थना पत्र पेश कर कहा गया कि अपील के निस्तारण में समय लगेगा. ऐसे में अपील के निस्तारण तक निचली अदालत के आदेश को स्थगित किया जाए. मामले के अनुसार मोहर सिंह यादव ने निचली अदालत में परिवाद पेश किया था.
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परिवाद में आरोप लगाया गया था कि उसने वर्ष 2015 में वेद प्रकाश सोलंकी को जमीन के पेटे 35 लाख रुपए का भुगतान किया था, लेकिन सोलंकी ने न तो उसे प्लॉट दिया और ना ही रकम वापस लौटाई. परिवादी की ओर से बार-बार रुपए मांगने पर सोलंकी ने परिवादी को चेक दे दिया, लेकिन परिवादी ने जब चेक को भुगतान के लिए बैंक में पेश किया, तो वह बाउंस हो गया. इस पर परिवादी ने अदालत में परिवाद पेश कर रुपए दिलाने की गुहार की थी. गौरतलब है कि वेद प्रकाश सोलंकी को सचिन पायलट का करीबी माना जाता है और सियासी संकट के दौरान भी सोलंकी ने पायलट का साथ दिया था.