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Work Boycott: अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे वनकर्मी, किया कार्य बहिष्कार, वन विभाग के सभी कार्य प्रभावित - वनकर्मियों की ओर से कार्य बहिष्कार

प्रदेशभर में वनकर्मी अपनी 15 सूत्रीय मांगों को लेकर धरने पर बैठ गए हैं और कार्य बहिष्कार कर दिया (Forest worker work boycott in Rajasthan) है. वनकर्मियों के कार्य बहिष्कार से वन विभाग के कार्य बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं.

Forest worker work boycott in Rajasthan
अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे वनकर्मी, किया कार्य बहिष्कार, वन विभाग के सभी कार्य प्रभावित
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Published : Feb 6, 2023, 7:49 PM IST

Updated : Feb 6, 2023, 11:56 PM IST

वन​कर्मियों ने अपनी मांगों को लेकर किया कार्य बहिष्कार...

जयपुर. अपनी 15 सूत्रीय मांगों को लेकर वन विभाग के कर्मचारियों ने सोमवार से प्रदेशभर में कार्य बहिष्कार किया है. कर्मचारियों के धरने और कार्य बहिष्कार के चलते वन विभाग के सभी कार्य प्रभावित हो रहे हैं. राजधानी में चिड़ियाघर समेत चार जगह पर कर्मचारी धरने पर बैठे हुए हैं. हड़ताल के चलते जोधपुर से लॉयन लाना भी कैंसिल हो गया. वन विभाग की टीम सोमवार को नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क के लिए लॉयन लाने जोधपुर रवाना होने वाली थी, लेकिन हड़ताल के चलते नहीं जा पाए.

राजस्थान अधीनस्थ कर्मचारी संघ के जयपुर संभाग अध्यक्ष जोगेंद्र सिंह शेखावत के मुताबिक पुलिस और पटवारी के समान वेतनमान की मांग, मैस भत्ता, हार्ड ड्यूटी एलाउंस, वर्दी भत्ता, ग्रेड पे, राष्ट्रीय उद्यानों में निशुल्क प्रवेश, वन विभाग के वाहन चालकों को योग्यता अनुसार पदोन्नति समेत विभिन्न मांगों को लेकर कर्मचारी आंदोलन कर रहे हैं. वन विभाग के कर्मचारी 19 सितंबर, 2022 से आंदोलन कर रहे हैं. संयुक्त संघर्ष समिति के तत्वाधान में वन विभाग के कर्मचारी अपनी 15 सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं.

पढ़ें: Protest in Jaipur : सड़कों पर उतरे वन कर्मी, महारैली के जरिए सरकार को चेताया

उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से अनदेखी की जा रही है, जिसके चलते वन विभाग के कर्मचारी में भारी आक्रोश है. पिछले दिनों भी कर्मचारियों ने आंदोलन और प्रदर्शन किए थे. वन विभाग के प्रधान मुख्य वन संरक्षक डॉ डीएन पांडे ने धरनास्थल पर आकर मांग पत्र को लागू करवाने का आश्वासन भी दिया था. लेकिन लंबे समय बाद भी कर्मचारियों की मांगों को पूरा नहीं किया गया.

पढ़ें: वन विभाग में बड़े स्तर पर फेरबदल: 228 कार्मिकों के किए तबादले, 22 रेंज अधिकारियों के प्रमोशन

मजबूरन संयुक्त संघर्ष समिति की ओर से गत 1 फरवरी को प्रदेश के 5000 कर्मचारियों ने शहीद स्मारक पर धरना देकर सिविल लाइन फाटक तक रैली निकालकर विरोध किया था. प्रमुख शासन सचिव को मुख्यमंत्री के नाम मांग पत्र सौंपा गया था. सोमवार को प्रदेश के वनकर्मियों की ओर से कार्य बहिष्कार किया गया है. जोधपुर, बीकानेर, उदयपुर संभाग समेत अन्य जगह पर वन्यजीवों की रेस्क्यू कार्य भी प्रभावित हुए हैं.

पढ़ें: Work Boycott : वन कर्मचारियों ने किया कार्य बहिष्कार, टाइगर सहित अन्य वन्यजीवों की सुरक्षा व्यवस्था गड़बड़ाई

राजस्थान अधीनस्थ कर्मचारी संघ के जयपुर मंडल अध्यक्ष राजकिशोर योगी ने बताया कि अगर सुनवाई नहीं हुई, तो आंदोलन को तेज किया जाएगा. प्रदेशभर के पार्क, सफारी, चिड़ियाघरों के गेट बंद किए जाएंगे. वन विभाग के कर्मचारियों की मांग है कि पुलिस, पटवारी और ग्राम सेवक के समान वेतन दिलवाया जाए. जंगलों में काम करने वाले वन कर्मचारियों को मैस भत्ता 2200 रुपए दिलवाया जाए. इसके साथ ही पदोन्नति नवीन पद, हार्ड ड्यूटी एलाउंस, ग्रेड पे, वर्दी भत्ता, साइकिल भत्ते के स्थान पर पेट्रोल भत्ता, वन्यजीव और वनों की सुरक्षा के लिए हथियार दिए जाएं.

वन​कर्मियों ने अपनी मांगों को लेकर किया कार्य बहिष्कार...

जयपुर. अपनी 15 सूत्रीय मांगों को लेकर वन विभाग के कर्मचारियों ने सोमवार से प्रदेशभर में कार्य बहिष्कार किया है. कर्मचारियों के धरने और कार्य बहिष्कार के चलते वन विभाग के सभी कार्य प्रभावित हो रहे हैं. राजधानी में चिड़ियाघर समेत चार जगह पर कर्मचारी धरने पर बैठे हुए हैं. हड़ताल के चलते जोधपुर से लॉयन लाना भी कैंसिल हो गया. वन विभाग की टीम सोमवार को नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क के लिए लॉयन लाने जोधपुर रवाना होने वाली थी, लेकिन हड़ताल के चलते नहीं जा पाए.

राजस्थान अधीनस्थ कर्मचारी संघ के जयपुर संभाग अध्यक्ष जोगेंद्र सिंह शेखावत के मुताबिक पुलिस और पटवारी के समान वेतनमान की मांग, मैस भत्ता, हार्ड ड्यूटी एलाउंस, वर्दी भत्ता, ग्रेड पे, राष्ट्रीय उद्यानों में निशुल्क प्रवेश, वन विभाग के वाहन चालकों को योग्यता अनुसार पदोन्नति समेत विभिन्न मांगों को लेकर कर्मचारी आंदोलन कर रहे हैं. वन विभाग के कर्मचारी 19 सितंबर, 2022 से आंदोलन कर रहे हैं. संयुक्त संघर्ष समिति के तत्वाधान में वन विभाग के कर्मचारी अपनी 15 सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं.

पढ़ें: Protest in Jaipur : सड़कों पर उतरे वन कर्मी, महारैली के जरिए सरकार को चेताया

उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से अनदेखी की जा रही है, जिसके चलते वन विभाग के कर्मचारी में भारी आक्रोश है. पिछले दिनों भी कर्मचारियों ने आंदोलन और प्रदर्शन किए थे. वन विभाग के प्रधान मुख्य वन संरक्षक डॉ डीएन पांडे ने धरनास्थल पर आकर मांग पत्र को लागू करवाने का आश्वासन भी दिया था. लेकिन लंबे समय बाद भी कर्मचारियों की मांगों को पूरा नहीं किया गया.

पढ़ें: वन विभाग में बड़े स्तर पर फेरबदल: 228 कार्मिकों के किए तबादले, 22 रेंज अधिकारियों के प्रमोशन

मजबूरन संयुक्त संघर्ष समिति की ओर से गत 1 फरवरी को प्रदेश के 5000 कर्मचारियों ने शहीद स्मारक पर धरना देकर सिविल लाइन फाटक तक रैली निकालकर विरोध किया था. प्रमुख शासन सचिव को मुख्यमंत्री के नाम मांग पत्र सौंपा गया था. सोमवार को प्रदेश के वनकर्मियों की ओर से कार्य बहिष्कार किया गया है. जोधपुर, बीकानेर, उदयपुर संभाग समेत अन्य जगह पर वन्यजीवों की रेस्क्यू कार्य भी प्रभावित हुए हैं.

पढ़ें: Work Boycott : वन कर्मचारियों ने किया कार्य बहिष्कार, टाइगर सहित अन्य वन्यजीवों की सुरक्षा व्यवस्था गड़बड़ाई

राजस्थान अधीनस्थ कर्मचारी संघ के जयपुर मंडल अध्यक्ष राजकिशोर योगी ने बताया कि अगर सुनवाई नहीं हुई, तो आंदोलन को तेज किया जाएगा. प्रदेशभर के पार्क, सफारी, चिड़ियाघरों के गेट बंद किए जाएंगे. वन विभाग के कर्मचारियों की मांग है कि पुलिस, पटवारी और ग्राम सेवक के समान वेतन दिलवाया जाए. जंगलों में काम करने वाले वन कर्मचारियों को मैस भत्ता 2200 रुपए दिलवाया जाए. इसके साथ ही पदोन्नति नवीन पद, हार्ड ड्यूटी एलाउंस, ग्रेड पे, वर्दी भत्ता, साइकिल भत्ते के स्थान पर पेट्रोल भत्ता, वन्यजीव और वनों की सुरक्षा के लिए हथियार दिए जाएं.

Last Updated : Feb 6, 2023, 11:56 PM IST
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