जयपुर. डिप्टी सीएम सचिन पायलट की अध्यक्षता में गुरुवार को सचिवालय में पंचायत पुनर्गठन को लेकर बैठक हुई. जिसमें हाड़ौती क्षेत्र के चार जिलों के साथ सिरोही, पाली, झुंझुनू, नागौर, सवाई माधोपुर, टोंक, दौसा सहित अन्य जिलों से आए प्रस्तावों पर कमेटी ने चर्चा की. माना जा रहा है कि इनमें करीब 135 नई ग्राम पंचायतों और 7 पंचायत समितियों के प्रस्ताव कलेक्टरों ने भेजे हैं.
लेकिन इन्हें लेकर कैबिनेट सब कमेटी सदस्यों में आम राय नहीं बन पाई है. 18 सितंबर तक जिलों से जो प्रस्ताव आए थे उनमें से अधिकतर तय मानदंडों पर सही नहीं पाए गए थे. जिलों की ओर से अब मिले संशोधित प्रस्तावों पर मशक्कत जारी है. जिसका अभी ठोस नतीजा नहीं निकला है.
कई बिंदुओं पर सहमति नहीं बनने से पुनर्गठन के बड़े काम को कमेटी अमली जामा नहीं पहना पा रही है. दरअसल, फरवरी में प्रस्तावित पंचायत चुनाव को लेकर मुख्यमंत्री के निर्देश पर डिप्टी सीएम सचिन पायलट की अध्यक्षता में सब कमेटी बनाई गई, जो सभी जिलों से प्रस्ताव लेकर पुनर्गठन के काम को अंतिम रूप देगी.
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लेकिन सचिवालय में चार बार हुई बैठक के बावजूद अभी भी कई जिलों में काम पूरा नहीं हो सका. जबकि, सब कमेटी को 5 नवम्बर से पहले अपनी रिपोर्ट तैयार करना है. हालांकि, अधीकतर जिलों के पुनर्गठन का काम निपटा लिया गया है.
लेकिन जिन जिलों का काम बाकी है उससे ऐसा लग रहा है नियमित समय पर सब कमेटी अपनी रिपोर्ट तैयार नहीं कर पाएगी. वहीं गुरुवार को सचिवालय में हुई बैठक में डिप्टी सीएम सचिन पायलट, मंत्री उदयलाल आंजना, गोविंद सिंह डोटासरा, मास्टर भंवर लाल मेघवाल, हरीश चौधरी, ग्रमीण एंव पंचायत राज विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजेश्वर सिंह सहित संबंधित अधिकारी मौजूद रहे.