जयपुर. राजधानी जयपुर में ब्यूरोक्रेसी के केंद्र सचिवालय में आज सुबह आग लग गई. हालांकि, सुबह का समय होने से वहां कोई स्टाफ मौजूद नहीं था. इसलिए बड़ा हादसा टल गया. आग के कारण कमरे में रखा फर्नीचर व अन्य उपकरण जलकर खाक हो गए. गार्ड की मुस्तैदी और तत्परता के चलते जल्दी ही आग पर काबू पा लिया गया. जिससे बड़ा हादसा टल गया. वहीं, शासन सचिवालय लाइब्रेरी भवन में लगी आग पर बीजेपी ने सवाल उठाया है . भाजपा ने आरोप लगाया कि सचिवालय के जिस भवन से गहलोत सरकार का सोशल मीडिया हैंडल किया जाता था , वहां ये आग लगी नही लगाई गई है. ये आग लगी नही है डिजाइन बॉक्स के लाखों करोड़ों रुपए के भ्रष्टाचार के सबूत मिटाने के लिए लगाई गई है. बीजेपी ने निर्वाचन आयोग से इस आग की अपने स्तर पर जांच करने की मांग उठाई.
दरअसल, सचिवालय में स्थित लाइब्रेरी भवन की चौथी मंजिल पर स्थित एक कमरे में बुधवार सुबह आग लग गई. कमरे से धुआं उठता देखकर गार्ड स्टाफ ने आग बुझाने के प्रयास शुरू किए. सुबह का समय होने के कारण इस कमरे में बैठने वाला स्टाफ नहीं आया था. इसलिए कोई गंभीर हादसा नहीं हुआ, लेकिन कमरे में रखा फर्नीचर और अन्य उपकरण आग की चपेट में आकार खाक हो गए. सचिवालय में आग की सूचना मिलने से एकबारगी हड़कंप मच गया. प्रारंभिक तौर पर शार्ट सर्किट के कारण आग लगने की बात सामने आ रही है.
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सोशल मीडिया टीम बैठती है इस कमरे में : सचिवालय में लाइब्रेरी भवन की चौथी मंजिल के जिस कमरे में आग लगी है. वहां से सरकार का सोशल मीडिया का काम देखने वाली टीम बैठती है. राजस्थान सरकार का ट्विटर हैंडल ऑपरेट करने वाला स्टाफ इसी कमरे में बैठकर काम करता है. ऐसे में इस कमरे में सरकारी कामकाज से जुड़ी फाइल या दस्तावेज भी नहीं हैं. हालांकि, आग की चपेट में आने से फर्नीचर खाक हो गया और कुछ उपकरण भी आग की चपेट में आए हैं.
भ्रष्टाचार के सबूत मिटाने की कोशिशः भाजपा प्रवक्ता लक्ष्मीकांत भारद्वाज ने कहा कि आज शासन सचिवालय में आग लग गई , आग वहां पर लगी जहां पर मुख्यमंत्री का स्टाफ बैठता है , मुख्यमंत्री की सोशल मीडिया चलाने वाली टीम बैठती है. उन्होंने आरोप लगाया कि राजस्थान में सब जानते हैं कि एक कंपनी है डिजाइन बॉक्स, जिसको सरकार ने लाखों करोड़ों रुपए सिर्फ इस लिए दिए ताकि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की छवि चमका सके. भारद्वाज ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने राजस्थान की जनता से लूटा हुआ सैकड़ो करोड़ रुपए इस कंपनी को दिया है और अब जब 25 नवंबर को होने वाले चुनाव के बाद राजस्थान में सरकार बदलने वाली है तो उस भ्रष्टाचार के सबूतों को मिटाने की साजिश चल रही है. उन्होंने कहा कि बीजेपी का आरोप है कि ये आग लगी नहीं है, भ्रष्टाचार के सबूत मिटाने के लिए लगाई गई है. लक्ष्मीकांत भारद्वाज ने मांग की है कि निर्वाचन आयोग को इस मामले में संज्ञान लेना चाहिए और पूरे मामले की स्वयं के स्तर पर जांच करनी चाहिए , क्योंकि प्रदेश की जांच एजेंसी निष्पक्ष नहीं हो सकती.