जयपुर. राजधानी में मंगलवार को हुई तेज बारिश से कई जगह पर काफी तबाही का मंजर देखने को मिला है. टोंक रोड, सीकर रोड, जल महल, आमेर रोड समेत कई इलाकों में तो 3 से 4 फीट तक पानी बहता नजर आया था. मंगलवार रात राजधानी में हुई भीषण बारिश में वन्यजीवों को भी नहीं बख्शा.
इस सीजन की हुई सबसे तेज बारिश से झालाना लेपर्ड सफारी में भी तबाही का मंजर देखने को मिला है. तेज बारिश के चलते झालाना लेपर्ड सफारी क्षेत्र से निकल रहे नाले ने अपना बहाव क्षेत्र ही बदल लिया और झालाना लेपर्ड सफारी के प्रवेश द्वार से लेकर अंदर कई जगह सुरक्षा दीवार को तहस-नहस कर डाला.
झालाना में भी तेज बारिश से काफी नुकसान हुआ है. बुधवार सुबह जब अधिकारियों ने झालाना लेपर्ड सफारी का दौरा किया, तो कई जगह पर दीवारें टूटी मिली, तो कई जगह पानी भरा मिला. झालाना लेपर्ड सफारी के हालात देखकर अधिकारियों के भी होश उड़ गए. पानी का बहाव इतना तेज था कि एक बार तो लेपर्ड सफारी कार्यालय के समीप तक पानी जा पहुंचा. जहां इंटरप्रिटेशन सेंटर और रेस्ट हाउस बने हुए हैं.
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कालका माता मंदिर के आसपास भी पानी का बहाव काफी तेज था. ऐसे में मंगलवार को शाम के सत्र की सफारी भी बंद रखी गई थी. लेपर्ड सफारी क्षेत्र में कुल 37 वाटर होल हैं. वह भी लबालब भरे दिखाई दिए. सुरक्षा दीवार टूटने के बाद खुद रेंजर जनेश्वर चौधरी और उनकी पूरी टीम देर रात तक आपदा प्रबंधन में लगी रही.
झालाना लेपर्ड सफारी क्षेत्र में भारी बारिश से वन्यजीव बाहर ना निकले, इसका भी पूरा ध्यान रखा गया. अब सुबह से दीवार की मरम्मत का काम तेजी से किया जा रहा है. बता दें कि झालाना लेपर्ड सफारी क्षेत्र में करीब 30 लेपर्ड है, और सैकड़ों की तादाद में अन्य वन्यजीव भी हैं. तेज बारिश से सर्विलेंस कैमरा को भी नुकसान पहुंचा है. वन विभाग की टीम उन्हें दुरुस्त करने में लगी है.