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राजस्थान की इन सीटों पर टिकी सबकी निगाहें, नतीजे से ज्यादा मुकाबले की चर्चा

Hot Seats in Rajasthan Assembly Election 2023, किसी भी चुनाव में दिलचस्पी के लिहाज से हॉट सीटों पर सबकी निगाहें टिकी होती हैं. राजस्थान में भी इस बार के इलेक्शन में ऐसी 15 सीटें हैं. वहीं, इन सीटों पर बड़े नेताओं के होने से पूरे राज्य में ये चर्चा के केंद्र में हैं.

Rajasthan Assembly Election 2023
Rajasthan Assembly Election 2023
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Nov 25, 2023, 6:01 AM IST

Updated : Nov 25, 2023, 8:10 AM IST

जयपुर. राजस्थान विधानसभा चुनाव में इस बार 15 ऐसी सीटें हैं, जिन पर सभी की नजरें टिकी हैं. इन सीटों पर होने वाले मुकाबले को देखते हुए ईटीवी भारत ने इन सभी विधानसभा क्षेत्रों के हालात को जाना. वहीं, इन क्षेत्रों के नेताओं के साथ ही पार्टियों की किस्मत भी अब पूरी तरह से जनता के वोट पर निर्भर करेगी. माना जा रहा है कि ये सीटें राज्य के भावी मुखिया तय करेंगी.

राजस्थान की हॉट सीटें

सरदारपुरा : इस सीट से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत चुनाव लड़ रहे हैं और वो 1998 से अब तक तीन बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं. उनके सामने भाजपा से महेंद्र सिंह राठौड़ मैदान में हैं. दोनों नेता स्थानीय हैं. इसलिए यहां रोचक मुकाबला होने के आसार हैं.

झालरापाटन : पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे इस सीट से वर्ष 2003 से लगातार विधायक रही हैं. उनके सामने कांग्रेस के रामलाल चौहान मैदान में हैं. यहां मुकाबला दिलचस्प तो नहीं है, लेकिन नजरें इस बात पर होंगी कि जीत-हार के अंतर में क्या फर्क आता है.

टोंक : पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट यहां से कांग्रेस के प्रत्याशी हैं और वे दूसरी बार यहां से भाग्य आजमा रहे हैं. इस बार उनका मुकाबला भाजपा के पूर्व विधायक अजीत मेहता से है. परिणाम में बड़ी तब्दीली से ज्यादा इस सीट पर जीत-हार के अंतर की चर्चा हो रही है.

इसे भी पढ़ें - राजस्थान में 199 सीटों पर मतदान कल, 5 करोड़ से अधिक मतदाता करेंगे 1863 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला

कोटा उत्तर : काफी विवादों के बाद मुख्यमंत्री गहलोत के करीबी और मंत्री रहे शांति धारीवाल को यहां से टिकट मिला है. धारीवाल के विकास के आगे भाजपा का मुद्दा यहां के नतीजे तय करेगा, लेकिन उनके मुकाबले में भाजपा प्रत्याशी प्रह्लाद गुंजल यहां के चुनाव को दिलचस्प बनाए हुए हैं.

नागौर : इस सीट पर कांग्रेस की ओर से हरेंद्र मिर्धा और भाजपा की ओर से उनकी भतीजी ज्योति मिर्धा के बीच मुख्य टक्कर है. ज्योति कांग्रेस में ही हुआ करती थीं, लेकिन अब भाजपा में हैं. मुकाबले को निर्दलीय प्रत्याशी हबीबुर्रहमान ने त्रिकोणीय बना दिया है.

शिव : इस सीट पर चतुष्कोणीय मुकाबला है. कांग्रेस से अमीन खान और भाजपा से स्वरूप सिंह खारा के सामने तीन बागी हैं. अमीन खान को अपनी ही पार्टी के फतेह खान से चुनौती मिल रही है, तो स्वरूप सिंह खारा के समक्ष रविन्द्र सिंह भाटी और पूर्व विधायक जालम सिंह रावलोत चुनौती हैं.

धौलपुर : यहां जीजा-साली के बीच मुकाबला है. भाजपा की ओर से शिवचरण कुशवाहा और कांग्रेस की ओर से शोभारानी कुशवाहा चुनावी मैदान में हैं, लेकिन सबसे रोचक यह है कि दोनों ने इस बार पार्टियां बदल ली हैं. शोभारानी पिछली बार भाजपा से थीं और शिवचरण कांग्रेस से. इस बार ठीक इसके उल्ट हुआ है.

लक्ष्मणगढ़ : कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा का मुकाबला पहले भाजपा फिर कांग्रेस और अब फिर भाजपा में आ गए सुभाष महरिया से है. यहां की लड़ाई रोचक है और डोटासरा का प्रचार के लिए कहीं और नहीं जा पाना बता रहा है कि मुकाबला कड़ा हो सकता है.

विद्याधर नगर : यहां से भाजपा ने सांसद दीया कुमारी को टिकट दिया है, जो एक बड़े चेहरे के रूप में आगे बढ़ती दिख रही हैं. दीया का मुकाबला कांग्रेस के कोषाध्यक्ष सीताराम अग्रवाल से है, जो पिछले पांच साल से क्षेत्र में सक्रिय हैं.

इसे भी पढ़ें - राजस्थान के सबसे ऊंचे पोलिंग बूथ पर पहुंचा मतदान दल, 117 मतदाता पहली बार अपने गांव में डालेंगे वोट

तारानगर : नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ चूरू से सीट बदल कर आए हैं तो उनके सामने कांग्रेस के बड़े नेता नरेंद्र बुड़ानिया हैं. यहां भी मामला रोचक होता दिख रहा है.

खींवसर : इस सीट पर राजस्थान में तीसरी ताकत का दावा करने वाले आरएलपी के संयोजक हनुमान बेनीवाल की चर्चा में है. उनके सामने भाजपा ने रेवंतराम डागा और कांग्रेस ने तेजपाल मिर्धा को चुनाव में उतारा है.

तिजारा : मेवात की इस सीट पर भाजपा ने सांसद बाबा बालकनाथ को और कांग्रेस ने ऐन मौके पर बसपा छोड़कर आए इमरान खान को टिकट दिया है. यह सीट राजस्थान में हिन्दू-मुस्लिम वोटों के ध्रुवीकरण की सबसे बड़ी सीट मानी जा रही है.

सवाई माधोपुर : भाजपा के चर्चित आदिवासी चेहरे डॉ. किरोड़ीलाल मीणा को टिकट दिया है और उनके सामने कांग्रेस के दानिश अबरार मैदान में हैं. लेकिन चुनाव को भाजपा की बागी आशा मीणा ने चुनौतीपूर्ण बना दिया है.

झोटवाड़ा : राजधानी की शहरी और ग्रामीण आबादी वाली इस सीट पर त्रिकोणीय और रोचक मुकाबला है. यहां से भाजपा ने पूर्व मंत्री और वसुंधरा के करीबी राजपाल सिंह शेखावत का टिकट काटकर सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़ पर भरोसा जताया है. इनके सामने कांग्रेस से NSUI के प्रदेश अध्यक्ष अभिषेक चौधरी को उतारा है. यहां से निर्दलीय आशु सिंह ने भी मुकाबले को दिलचस्प बना दिया है.

उदयपुरवाटी : उदयपुरवाटी से 'लाल डायरी' का खुलासा करने वाले बर्खास्त मंत्री राजेंद्र गुढ़ा चुनावी समर में उतरे हैं. इस बार वे शिवसेना (शिंदे) गुट के प्रत्याशी हैं. इससे पहले वे बसपा की टिकट पर जीते और कांग्रेस सरकार में मंत्री बने. गुढ़ा लोजपा से भी विधायक रह चुके हैं. गुढ़ा के सामने भाजपा से शुभकरण चौधरी और कांग्रेस से भगवाना राम सैनी मैदान में हैं. इस सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला है.

जयपुर. राजस्थान विधानसभा चुनाव में इस बार 15 ऐसी सीटें हैं, जिन पर सभी की नजरें टिकी हैं. इन सीटों पर होने वाले मुकाबले को देखते हुए ईटीवी भारत ने इन सभी विधानसभा क्षेत्रों के हालात को जाना. वहीं, इन क्षेत्रों के नेताओं के साथ ही पार्टियों की किस्मत भी अब पूरी तरह से जनता के वोट पर निर्भर करेगी. माना जा रहा है कि ये सीटें राज्य के भावी मुखिया तय करेंगी.

राजस्थान की हॉट सीटें

सरदारपुरा : इस सीट से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत चुनाव लड़ रहे हैं और वो 1998 से अब तक तीन बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं. उनके सामने भाजपा से महेंद्र सिंह राठौड़ मैदान में हैं. दोनों नेता स्थानीय हैं. इसलिए यहां रोचक मुकाबला होने के आसार हैं.

झालरापाटन : पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे इस सीट से वर्ष 2003 से लगातार विधायक रही हैं. उनके सामने कांग्रेस के रामलाल चौहान मैदान में हैं. यहां मुकाबला दिलचस्प तो नहीं है, लेकिन नजरें इस बात पर होंगी कि जीत-हार के अंतर में क्या फर्क आता है.

टोंक : पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट यहां से कांग्रेस के प्रत्याशी हैं और वे दूसरी बार यहां से भाग्य आजमा रहे हैं. इस बार उनका मुकाबला भाजपा के पूर्व विधायक अजीत मेहता से है. परिणाम में बड़ी तब्दीली से ज्यादा इस सीट पर जीत-हार के अंतर की चर्चा हो रही है.

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कोटा उत्तर : काफी विवादों के बाद मुख्यमंत्री गहलोत के करीबी और मंत्री रहे शांति धारीवाल को यहां से टिकट मिला है. धारीवाल के विकास के आगे भाजपा का मुद्दा यहां के नतीजे तय करेगा, लेकिन उनके मुकाबले में भाजपा प्रत्याशी प्रह्लाद गुंजल यहां के चुनाव को दिलचस्प बनाए हुए हैं.

नागौर : इस सीट पर कांग्रेस की ओर से हरेंद्र मिर्धा और भाजपा की ओर से उनकी भतीजी ज्योति मिर्धा के बीच मुख्य टक्कर है. ज्योति कांग्रेस में ही हुआ करती थीं, लेकिन अब भाजपा में हैं. मुकाबले को निर्दलीय प्रत्याशी हबीबुर्रहमान ने त्रिकोणीय बना दिया है.

शिव : इस सीट पर चतुष्कोणीय मुकाबला है. कांग्रेस से अमीन खान और भाजपा से स्वरूप सिंह खारा के सामने तीन बागी हैं. अमीन खान को अपनी ही पार्टी के फतेह खान से चुनौती मिल रही है, तो स्वरूप सिंह खारा के समक्ष रविन्द्र सिंह भाटी और पूर्व विधायक जालम सिंह रावलोत चुनौती हैं.

धौलपुर : यहां जीजा-साली के बीच मुकाबला है. भाजपा की ओर से शिवचरण कुशवाहा और कांग्रेस की ओर से शोभारानी कुशवाहा चुनावी मैदान में हैं, लेकिन सबसे रोचक यह है कि दोनों ने इस बार पार्टियां बदल ली हैं. शोभारानी पिछली बार भाजपा से थीं और शिवचरण कांग्रेस से. इस बार ठीक इसके उल्ट हुआ है.

लक्ष्मणगढ़ : कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा का मुकाबला पहले भाजपा फिर कांग्रेस और अब फिर भाजपा में आ गए सुभाष महरिया से है. यहां की लड़ाई रोचक है और डोटासरा का प्रचार के लिए कहीं और नहीं जा पाना बता रहा है कि मुकाबला कड़ा हो सकता है.

विद्याधर नगर : यहां से भाजपा ने सांसद दीया कुमारी को टिकट दिया है, जो एक बड़े चेहरे के रूप में आगे बढ़ती दिख रही हैं. दीया का मुकाबला कांग्रेस के कोषाध्यक्ष सीताराम अग्रवाल से है, जो पिछले पांच साल से क्षेत्र में सक्रिय हैं.

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तारानगर : नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ चूरू से सीट बदल कर आए हैं तो उनके सामने कांग्रेस के बड़े नेता नरेंद्र बुड़ानिया हैं. यहां भी मामला रोचक होता दिख रहा है.

खींवसर : इस सीट पर राजस्थान में तीसरी ताकत का दावा करने वाले आरएलपी के संयोजक हनुमान बेनीवाल की चर्चा में है. उनके सामने भाजपा ने रेवंतराम डागा और कांग्रेस ने तेजपाल मिर्धा को चुनाव में उतारा है.

तिजारा : मेवात की इस सीट पर भाजपा ने सांसद बाबा बालकनाथ को और कांग्रेस ने ऐन मौके पर बसपा छोड़कर आए इमरान खान को टिकट दिया है. यह सीट राजस्थान में हिन्दू-मुस्लिम वोटों के ध्रुवीकरण की सबसे बड़ी सीट मानी जा रही है.

सवाई माधोपुर : भाजपा के चर्चित आदिवासी चेहरे डॉ. किरोड़ीलाल मीणा को टिकट दिया है और उनके सामने कांग्रेस के दानिश अबरार मैदान में हैं. लेकिन चुनाव को भाजपा की बागी आशा मीणा ने चुनौतीपूर्ण बना दिया है.

झोटवाड़ा : राजधानी की शहरी और ग्रामीण आबादी वाली इस सीट पर त्रिकोणीय और रोचक मुकाबला है. यहां से भाजपा ने पूर्व मंत्री और वसुंधरा के करीबी राजपाल सिंह शेखावत का टिकट काटकर सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़ पर भरोसा जताया है. इनके सामने कांग्रेस से NSUI के प्रदेश अध्यक्ष अभिषेक चौधरी को उतारा है. यहां से निर्दलीय आशु सिंह ने भी मुकाबले को दिलचस्प बना दिया है.

उदयपुरवाटी : उदयपुरवाटी से 'लाल डायरी' का खुलासा करने वाले बर्खास्त मंत्री राजेंद्र गुढ़ा चुनावी समर में उतरे हैं. इस बार वे शिवसेना (शिंदे) गुट के प्रत्याशी हैं. इससे पहले वे बसपा की टिकट पर जीते और कांग्रेस सरकार में मंत्री बने. गुढ़ा लोजपा से भी विधायक रह चुके हैं. गुढ़ा के सामने भाजपा से शुभकरण चौधरी और कांग्रेस से भगवाना राम सैनी मैदान में हैं. इस सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला है.

Last Updated : Nov 25, 2023, 8:10 AM IST
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