कोटपूतली (जयपुर). पावटा पंचायत समिति की ग्राम पंचायतों के मतदान में अब 2 दिन का ही समय बचा है. 29 जनवरी को मतदान होना है. इससे पहले सरपंच उम्मीदवारों ने मतदाताओं को रिझाने में पूरी ताकत झोंक दी है. यहां मुख्य मुद्दा भ्रष्टाचार का है.
भ्रष्टाचार के बाद लोग जिस समस्या से सबसे ज्यादा पीड़ित हैं, वो हैं अतिक्रमण की, बाजार में जहां देखो वहीं, अतिक्रमण पैर पसारे हुए नजर आता है. सफाई, पानी निकासी और CCTV कैमरे भी ऐसे मुद्दे हैं, जिन्हें पावटा के 11,327 मतदाता इन चुनावों में वोट डालने से पहले ध्यान देंगे.
पावटा ग्राम पंचायत में 13 उम्मीदवार मैदान में हैं, लेकिन मतदाताओं की नजर में मुकाबला द्विपक्षीय है. बता दें कि पावटा पंचायत को इस बार सामान्य महिला के लिए आरक्षित किया गया है.
वर्तमान सरपंच पूजा अग्रवाल के परिवार से खड़ी नेहा अग्रवाल दावा करती है कि बीते सालों में काफी काम कराया गया है. वहीं, उनके मुकाबले में दमदार नजर आ रही उर्मिला अग्रवाल भी मतदाताओं को सुनहरे भविष्य के सपने दिखाती नजर आती है.
पावटा के पास ही दूसरी बड़ी पंचायत है, बड़नगर. यहां करीब 5 हजार मतदाता हैं. यहां सबसे ज्यादा संख्या राजपूत और अनुसूचित जाति के मतदाताओं की है. हालांकि यहां सड़क, नाली और सफाई से ज्यादा बड़ा मुद्दा जातिवाद का नजर आता है. मतदाताओं का साफ कहना है कि वे उसे ही वोट देंगे जो जातिगत भावना से उपर उठकर काम करेगा.
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2020 के पंचायत चुनाव में मतदाताओं के बीच पिछले चुनावों से ज्यादा जागरूकता नजर आ रही है. इस बार लोग जातिवादी राजनीति करने वाले उम्मीदवारों की खुलकर मुखालफत करते नजर आ रहे हैं. निश्चित ही ये लोकतंत्र और गांव की सरकार के लिए सुखद संकेत हैं.