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पंचायत चुनाव 2020ः जयपुर की पावटा पंचायत समिति में 29 जनवरी को होंगे चुनाव - पावटा पंचायत समिति में चुनाव

जयपुर के कोटपूतली में स्थित पावटा पंचायत समिति की ग्राम पंचायतों के लिए मतदान 29 जनवरी को होगा. इसके लिए सरपंच उम्मीदवारों ने मतदाताओं को रिझाने में पूरी ताकत झोंक दी है.

Election to Pavata Panchayat Samiti, पावटा पंचायत समिति में चुनाव
पावटा पंचायत समिति में 29 जनवरी को होगा चुनाव
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Published : Jan 27, 2020, 4:56 PM IST

कोटपूतली (जयपुर). पावटा पंचायत समिति की ग्राम पंचायतों के मतदान में अब 2 दिन का ही समय बचा है. 29 जनवरी को मतदान होना है. इससे पहले सरपंच उम्मीदवारों ने मतदाताओं को रिझाने में पूरी ताकत झोंक दी है. यहां मुख्य मुद्दा भ्रष्टाचार का है.

पावटा पंचायत समिति में 29 जनवरी को होगा चुनाव

भ्रष्टाचार के बाद लोग जिस समस्या से सबसे ज्यादा पीड़ित हैं, वो हैं अतिक्रमण की, बाजार में जहां देखो वहीं, अतिक्रमण पैर पसारे हुए नजर आता है. सफाई, पानी निकासी और CCTV कैमरे भी ऐसे मुद्दे हैं, जिन्हें पावटा के 11,327 मतदाता इन चुनावों में वोट डालने से पहले ध्यान देंगे.

पावटा ग्राम पंचायत में 13 उम्मीदवार मैदान में हैं, लेकिन मतदाताओं की नजर में मुकाबला द्विपक्षीय है. बता दें कि पावटा पंचायत को इस बार सामान्य महिला के लिए आरक्षित किया गया है.

वर्तमान सरपंच पूजा अग्रवाल के परिवार से खड़ी नेहा अग्रवाल दावा करती है कि बीते सालों में काफी काम कराया गया है. वहीं, उनके मुकाबले में दमदार नजर आ रही उर्मिला अग्रवाल भी मतदाताओं को सुनहरे भविष्य के सपने दिखाती नजर आती है.

पावटा के पास ही दूसरी बड़ी पंचायत है, बड़नगर. यहां करीब 5 हजार मतदाता हैं. यहां सबसे ज्यादा संख्या राजपूत और अनुसूचित जाति के मतदाताओं की है. हालांकि यहां सड़क, नाली और सफाई से ज्यादा बड़ा मुद्दा जातिवाद का नजर आता है. मतदाताओं का साफ कहना है कि वे उसे ही वोट देंगे जो जातिगत भावना से उपर उठकर काम करेगा.

यह भी पढ़ें- जयपुर देहात की एसीबी ने प्रिसिंपल को 1100 की रिश्वत लेते किया गिरफ्तार

2020 के पंचायत चुनाव में मतदाताओं के बीच पिछले चुनावों से ज्यादा जागरूकता नजर आ रही है. इस बार लोग जातिवादी राजनीति करने वाले उम्मीदवारों की खुलकर मुखालफत करते नजर आ रहे हैं. निश्चित ही ये लोकतंत्र और गांव की सरकार के लिए सुखद संकेत हैं.

कोटपूतली (जयपुर). पावटा पंचायत समिति की ग्राम पंचायतों के मतदान में अब 2 दिन का ही समय बचा है. 29 जनवरी को मतदान होना है. इससे पहले सरपंच उम्मीदवारों ने मतदाताओं को रिझाने में पूरी ताकत झोंक दी है. यहां मुख्य मुद्दा भ्रष्टाचार का है.

पावटा पंचायत समिति में 29 जनवरी को होगा चुनाव

भ्रष्टाचार के बाद लोग जिस समस्या से सबसे ज्यादा पीड़ित हैं, वो हैं अतिक्रमण की, बाजार में जहां देखो वहीं, अतिक्रमण पैर पसारे हुए नजर आता है. सफाई, पानी निकासी और CCTV कैमरे भी ऐसे मुद्दे हैं, जिन्हें पावटा के 11,327 मतदाता इन चुनावों में वोट डालने से पहले ध्यान देंगे.

पावटा ग्राम पंचायत में 13 उम्मीदवार मैदान में हैं, लेकिन मतदाताओं की नजर में मुकाबला द्विपक्षीय है. बता दें कि पावटा पंचायत को इस बार सामान्य महिला के लिए आरक्षित किया गया है.

वर्तमान सरपंच पूजा अग्रवाल के परिवार से खड़ी नेहा अग्रवाल दावा करती है कि बीते सालों में काफी काम कराया गया है. वहीं, उनके मुकाबले में दमदार नजर आ रही उर्मिला अग्रवाल भी मतदाताओं को सुनहरे भविष्य के सपने दिखाती नजर आती है.

पावटा के पास ही दूसरी बड़ी पंचायत है, बड़नगर. यहां करीब 5 हजार मतदाता हैं. यहां सबसे ज्यादा संख्या राजपूत और अनुसूचित जाति के मतदाताओं की है. हालांकि यहां सड़क, नाली और सफाई से ज्यादा बड़ा मुद्दा जातिवाद का नजर आता है. मतदाताओं का साफ कहना है कि वे उसे ही वोट देंगे जो जातिगत भावना से उपर उठकर काम करेगा.

यह भी पढ़ें- जयपुर देहात की एसीबी ने प्रिसिंपल को 1100 की रिश्वत लेते किया गिरफ्तार

2020 के पंचायत चुनाव में मतदाताओं के बीच पिछले चुनावों से ज्यादा जागरूकता नजर आ रही है. इस बार लोग जातिवादी राजनीति करने वाले उम्मीदवारों की खुलकर मुखालफत करते नजर आ रहे हैं. निश्चित ही ये लोकतंत्र और गांव की सरकार के लिए सुखद संकेत हैं.

Intro:पावटा पंचायत समिति की ग्राम पंचायतों के मतदान में अब 2 दिन का ही समय बचा है। 29 जनवरी को मतदान होना है। इससे पहले सरपंच उम्मीदवारों ने मतदाताओं को रिझाने में पूरी ताकत झोंक दी है। यहां मुख्य मुद्दा भ्रष्टाचार का है। Body:इसके बाद लोग जिस समस्या से सबसे ज्यादा पीड़ित हैं, वो है अतिक्रमण की। बाजार में जहां देखो वहीं अतिक्रमण पैर पसाये हुए नजर आता है। सफाई, पानी निकासी और CCTV कैमरे भी ऐसे मुद्दे हैं, जिन्हे पावटा के 11,327 मतदाता इन चुनावों में वोट डालने से पहले जरूर ध्यान रखेंगे।
बाइट - निर्मल पंसारी, मतदाता, पावटा
बाइट- हरिओम, मतदाता, पावटा
Byte- विक्रम, मतदाता, पावटा

बात करें पावटा ग्राम पंचायत की तो यहां पर 13 उम्मीदवार मैदान में हैं। लेकिन मतदाताओं की नजर में मुकाबला द्विपक्षीय है। आपको बतादें कि पावटा पंचायत को इस बार सामान्य महिला के लिए आरक्षित किया गया है। वर्तमान सरपंच पूजा अग्रवाल के परिवार से खड़ी नेहा अग्रवाल दावा करती हैं कि बीते सालों में काफी काम कराया गया है। वहीं, उनके मुकाबले में दमदार नजर आ रही उर्मिला अग्रवाल भी मतदाताओं को सुनहरे भविष्य के सपने दिखाती नजर आती हैं।
Byte- नेहा अग्रवाल, सरपंच उम्मीदवार
Byte- उर्मिला अग्रवाल, सरपंच उम्मीदवार

पावटा के पास ही दूसरी बड़ी पंचायत है बड़नगर। यहां करीब 5 हजार मतदाता हैं। यहां सबसे ज्यादा संख्या राजपूत और अनुसूचित जाति के मतदाताओं की है। हालांकि यहां सड़क, नाली या सफाई से ज्यादा बड़ा मुद्दा जातिवाद का नजर आता है। मतदाताओं का साफ कहना है कि वे उसे ही वोट देंगे जो जातिगत भावना से यपर उठकर काम करेगा।
Byte- महिपाल सिंह, मतदाता, बड़नगर
Byte- रवि वर्मा, मतदाता, बड़नगर

Conclusion:2020 के पंचायत चुनाव में मतदाताओं के बीच पिछले चुनावों से ज्यादा जागरूकता नजर आ रही है। इस बार लोग जातिवादी राजनीति करने वाले उम्मीदवारों की खुलकर मुखालफत करते नजर आ रहे हैं। निश्चित ही ये लोकतंत्र और गांव की सरकार के लिए सुखद संकेत हैं।

मनोज सैनी, ई टीवी भारत, कोटपूतली
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