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देश का वोटर पढ़ा-लिखा और समझदार हो गया है, अब पॉलिटिकल पार्टियों को यह समझना होगा : चुनाव आयुक्त

देश के चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने इशारों ही इशारों में कांग्रेस सहित ईवीएम पर सवाल उठाने वालों को साफ कहा कि ईवीएम में कोई खामी नहीं है. पार्टियों को यह समझना चाहिए कि वोटर अब पढ़ा-लिखा और समझदार है. वह जानता है कि नाली, सड़क और अस्पताल की जिम्मेदारी किसकी और देश की इकॉनोमी, डिफेंस और उनके नेता की स्ट्रेंथ क्या है. दुनिया में जिस इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया को पितामह माना जाता है और हमारे देश में इतने पढ़े-लिखे और समझदार लोग होने के बाद भी हमारी बुराई हो रही है. उनका कहना रहा कि इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया की उपलब्धियों को लेकर हमें गर्व होना चाहिए.

जयपुर में चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा
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Published : Aug 1, 2019, 11:59 PM IST

जयपुर. राजस्थान विधानसभा में गुरुवार को हुई सीपीए की कार्यशाल में भाग लेने के लिए समापन सत्र में चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा भी आए और उन्होंने इस सत्र में जोया हसन के लोकतंत्र के बदलाव की बात पर कहा कि लोकतंत्र इसलिए बदला है, क्योंकि देश का वोटर बदल गया है. ये इसलिए नहीं कि कौन इलेक्शन लड़ रहा है. उन्होंने कहा कि हमारे पास पहली बार के वोटर है, युवा वोटर है, जो पढ़े-लिखे हैं. जो जानते हैं कि क्या इश्यु है जो सेन्ट्रल गर्वमेंट से जुड़े हैं तो वहीं क्या इश्यू है, जो प्रदेश सरकार से जुड़े हैं. यही कारण है कि लोग समझ रहे हैं कि अगर देश का चुनाव है तो वो देश की इकॉनोमी, डिफेंस और स्ट्रेंथ ऑफ लीडर देख रहे हैं.

जयपुर में चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा

वो जानते हैं कि इलेक्शन अगर स्थानीय हैं तो राज्य सरकार को देखकर वोट देता है. यही कारण है कि हम देख रहे हैं कि वोटर 6 महीने पहले हुए चुनाव में विधानसभा में किसी और पार्टी को चुन रहा है तो 6 महीने बाद ही वो लोकसभा में उसी वोटिंग मशीन से उसी जगह दूसरी पार्टी को चुन रहा है.

यह भी पढ़ें : विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को हटाने के बिल पर मंत्री भाटी ने कही ये बड़ी बातें

उनका कहना रहा कि आज से 20 साल पहले लोगों को ये पता नहीं था कि वो अपनी नाली को सही करवाने के लिए किसको वोट दें. सड़क के लिए किसको वोट दें और अस्पताल के लिए किसको वोट दें और बिजली-पानी के लिए किसको. उन्होंने कहा कि 20 साल पहले बात अलग थी. उस समय मिक्स पैटर्न था और जो भी खामी होती थी, उसके लिए लोग पार्लियामेंट को जिम्मेदार ठहराते हुए उनके खिलाफ वोट करते थे, लेकिन आज पढ़ा-लिखा मतदाता है और गांवों में भी लोग समझते हैं कि उन्हें क्या करना है.

यह भी पढ़ें : जयपुर पहुंचने पर राजस्थान की 'गोल्डन गर्ल' का हुआ स्वागत

उन्होंने पॉलिटिकल पार्टियों को नसीहत देते हुए कहा कि अब हमें वोटर को समझना होगा कि ये इलेक्टरोल का चुनाव है, ना कि किसी एक व्यक्ति या किसी एक थ्योरी का. वहीं उन्होंने बार-बार देश में ईवीएम मशीन को लेकर सवालों के घेरे में खड़ा करने पर बिना किसी का नाम लिए दुख जताते हुए कहा कि भारत के चुनाव आयोग को इन्टरनेशनल ऑब्जर्वर की तरह चुना जाता है. विश्व के देश चाहते हैं कि हम उन्हें बताए कि इलेक्शन कैसे होते हैं. हम 20 साल से ईवीएम से चुनाव करवा रहे हैं. अब वीवीपैट से इलेक्शन करवा रहे हैं. जो उदारण है.

उनका कहना रहा कि करीब सवा करोड़ ईवीएम और वीवीपैट की हमने मैचिंग करवाई. इसमें केवल 51 वोटों का फर्क था. वो भी हयूमन एरर था ना कि मशीन का. ईवीएम मशीन बिल्कुल सही है. अब तो वीवीपैट के बाद हर व्यक्ति ने खुद वोट देखा है, किसी और ने नहीं.

भारत कॉमलवेल्थ देशों में सबसे बड़ा लोकतंत्र है और भारत के चुनाव आयोग को कॉमनवेल्थ देश भीष्म पितामाह मानते हैं. जबकि हमारे देश में इसका क्रिटिसाइज ज्यादा करते हैं. हम पढ़े-लिखे हैं, समझदार हैं. जबकि हमें खुद पर भी गर्व करने की फिलिंग होनी चाहिए. उन्होंने जानकारी दी कि इस साल भारत के इलेक्शन कमीशन को 109 देशों की एसोसिएसन ऑफ वर्ल्ड इलेक्शन बॉडिज का चेयरमैन नियुक्त किया गया है.

जयपुर. राजस्थान विधानसभा में गुरुवार को हुई सीपीए की कार्यशाल में भाग लेने के लिए समापन सत्र में चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा भी आए और उन्होंने इस सत्र में जोया हसन के लोकतंत्र के बदलाव की बात पर कहा कि लोकतंत्र इसलिए बदला है, क्योंकि देश का वोटर बदल गया है. ये इसलिए नहीं कि कौन इलेक्शन लड़ रहा है. उन्होंने कहा कि हमारे पास पहली बार के वोटर है, युवा वोटर है, जो पढ़े-लिखे हैं. जो जानते हैं कि क्या इश्यु है जो सेन्ट्रल गर्वमेंट से जुड़े हैं तो वहीं क्या इश्यू है, जो प्रदेश सरकार से जुड़े हैं. यही कारण है कि लोग समझ रहे हैं कि अगर देश का चुनाव है तो वो देश की इकॉनोमी, डिफेंस और स्ट्रेंथ ऑफ लीडर देख रहे हैं.

जयपुर में चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा

वो जानते हैं कि इलेक्शन अगर स्थानीय हैं तो राज्य सरकार को देखकर वोट देता है. यही कारण है कि हम देख रहे हैं कि वोटर 6 महीने पहले हुए चुनाव में विधानसभा में किसी और पार्टी को चुन रहा है तो 6 महीने बाद ही वो लोकसभा में उसी वोटिंग मशीन से उसी जगह दूसरी पार्टी को चुन रहा है.

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उनका कहना रहा कि आज से 20 साल पहले लोगों को ये पता नहीं था कि वो अपनी नाली को सही करवाने के लिए किसको वोट दें. सड़क के लिए किसको वोट दें और अस्पताल के लिए किसको वोट दें और बिजली-पानी के लिए किसको. उन्होंने कहा कि 20 साल पहले बात अलग थी. उस समय मिक्स पैटर्न था और जो भी खामी होती थी, उसके लिए लोग पार्लियामेंट को जिम्मेदार ठहराते हुए उनके खिलाफ वोट करते थे, लेकिन आज पढ़ा-लिखा मतदाता है और गांवों में भी लोग समझते हैं कि उन्हें क्या करना है.

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उन्होंने पॉलिटिकल पार्टियों को नसीहत देते हुए कहा कि अब हमें वोटर को समझना होगा कि ये इलेक्टरोल का चुनाव है, ना कि किसी एक व्यक्ति या किसी एक थ्योरी का. वहीं उन्होंने बार-बार देश में ईवीएम मशीन को लेकर सवालों के घेरे में खड़ा करने पर बिना किसी का नाम लिए दुख जताते हुए कहा कि भारत के चुनाव आयोग को इन्टरनेशनल ऑब्जर्वर की तरह चुना जाता है. विश्व के देश चाहते हैं कि हम उन्हें बताए कि इलेक्शन कैसे होते हैं. हम 20 साल से ईवीएम से चुनाव करवा रहे हैं. अब वीवीपैट से इलेक्शन करवा रहे हैं. जो उदारण है.

उनका कहना रहा कि करीब सवा करोड़ ईवीएम और वीवीपैट की हमने मैचिंग करवाई. इसमें केवल 51 वोटों का फर्क था. वो भी हयूमन एरर था ना कि मशीन का. ईवीएम मशीन बिल्कुल सही है. अब तो वीवीपैट के बाद हर व्यक्ति ने खुद वोट देखा है, किसी और ने नहीं.

भारत कॉमलवेल्थ देशों में सबसे बड़ा लोकतंत्र है और भारत के चुनाव आयोग को कॉमनवेल्थ देश भीष्म पितामाह मानते हैं. जबकि हमारे देश में इसका क्रिटिसाइज ज्यादा करते हैं. हम पढ़े-लिखे हैं, समझदार हैं. जबकि हमें खुद पर भी गर्व करने की फिलिंग होनी चाहिए. उन्होंने जानकारी दी कि इस साल भारत के इलेक्शन कमीशन को 109 देशों की एसोसिएसन ऑफ वर्ल्ड इलेक्शन बॉडिज का चेयरमैन नियुक्त किया गया है.

Intro:देश के चुनाव आयूक्त सूशील चंद्रा ने इशारों में कांग्रेस पार्टी को बोला ईवीएम मशीन में नही कोई खामी, पार्टीयों को समझना चाहिए कि वोटर अब पढा लिखा और समझदार है जानता है कि नाली सडक और अस्पताल की जिम्मेदारी किसकी और देश की इकॉनोमी डिफेंस और उनके नेता की स्ट्रेंथ क्या है विश्व में जिस इलैक्शन कमीशन आफ इंडिया को माना जाता है पितामाह और हमारे देश मे इतने पढे लिखे ओर समझदार लोग हाने के बाद भी हमारी हो रही है बूराई हमे खूद पर होना चाहिए गर्व Body:राजस्थान विधानसभा में आज हुई सीपीए की कार्यशाल में भाग लेने के लिए समापन सत्र में चुनाव आयूक्त शुशील चन्द्रा भी आये और उन्होने इस सत्र में जोया हसन के लोकतंत्र के बदलाव की बात पर कहा कि लोकतंत्र इसलिए बदला है क्योंकि देश का वोटर बदल गया है ये इसलिए नही कि कोन इलैक्शन लड रहा है उन्होने कहा कि हमारे पास पहली बार के वोटर है युवा वोटर है जो पढे लिखे है जो जानते हे कि क्या इश्यु हे जो सेन्टर गर्वमेंट से जूडे है तो क्या इश्यू है जो प्रदेश से जूडे है यही कारण है कि लोग समझ रहे है कि अगर कि अगर देश का चुनाव है तो वो देश की इकॉनोमी डिफेंस और स्टेंथ आफ लीडर देख रहें है वो जानते है कि इलैक्शन अगर लोकल है तो स्टेट गार्वेमेंट को देखकर वोट देता है यही कारण है कि हम देख रहें हैं कि वोटर छ महीने पहले हुए चुनाव में विधानसभा में किसी और पार्टी को चुन रहा है तो छ महीने वाद वो लोकसभा में उसी मशीन से उसी जगह दूसरी पार्टी को चुन रहा है आज से बीस साल पहले लोगों के ये पता नही था कि वो अपनी नाली को सही करवाने के लिए किसकों वोट दे सडक के लिए किसकों वोट दे और अस्पताल के लिए किसकों वोट दे और बिजली पानी के लिए किसकों।उन्होने कहा कि 20 साल पहले बात अलग थी उस समय मिक्स पैटर्न था और जो भी खामी होती थी उसके लिए लोग पार्लिमेंट को जिम्मेदार ठहराते हुए उनके खिलाफ वोट करते थे लेकिन आज पढा लिखा मतदाता है और गावों में भी लोग समझते है कि उन्हे क्या करना है उन्होने पॉलिटीकल पार्टीयों को नसीहत देते हुए कहा कि अब हमे वोटर को समझना होगा ये इलैक्टोरल का चुनाव है ना कि किसी एक व्यक्ती या किसी एक थ्योरी का ।वही उन्होने बार बार देश में ईवीएम मशीन को लेकर सवालों के घेरे मे खडा करने पर बिना किसी का नाम लिये दूख जताते हुए कहा कि भारत के चुनाव आयोग को इन्टरनेशनल आब्जर्वर की तरह चुना जाता है विश्व के देश चाहते है कि हम उन्हे बताये कि इलैक्शन कैसे होते है ।हम 20 साल से ईवीएम से चुनाव करवा रहे है अब वीवीपैट से इलैक्शन करवा रहे है जो उदारण है सवा करोड ईवीएम और वीवीपैट की हमने मैचिंग करवायी इसमें केवल 51 वोटों का फर्क था वो भी हयूमन एरर था ना कि मशीन ईवीएम मशीन बिल्कूल सही है अब तो वीवीपैट के बाद हर व्यक्ती ने खूद वोट देखा है किसी और ने नही ।भारत कॉमलवेल्थ में सबसे बढा लोकतंत्र है और भारत के चुनाव आयोग को कॉमनवैल्थ देश भीष्म पितामाह मानते है जबकि हमारे देश में इसका किटीसाइज ज्यादा करते है हम पढे लिखे है समझदार है जबकि हमे खूद पर भी गर्व करने की फिलींग होनी चाहिए उन्होने जानकारी दी कि इस साल भारत के इलैक्शन कमीशन को 108 देशों की ऐसोसिएसन आफ वर्ल्ड इलैक्शन बॉडिज का चैयरमैन बनाया गया है
बाइट सूशील चंद्रा चुनाव चुनाव आयूक्त Conclusion:
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