जयपुर : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की टिप्पणी को लेकर सियासी विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. कांग्रेस और भाजपा के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अमित शाह की टिप्पणी पर भाजपा और केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया. जयपुर हवाई अड्डे पर मीडिया से बातचीत में गहलोत ने कहा कि अमित शाह की टिप्पणी से देशभर में आक्रोश है. उन्होंने कहा, "सरकार को यह समझना चाहिए कि जनता में आक्रोश क्यों है और उनकी भावनाएं क्या हैं." कांग्रेस ने अमित शाह के इस्तीफे की मांग करते हुए कहा कि यह मुद्दा संसद के अंदर और बाहर चर्चा का विषय बना हुआ है.
आजादी की लड़ाई में भाजपा की भूमिका नहीं : भाजपा द्वारा बाबा साहेब अंबेडकर की अनदेखी के आरोपों पर गहलोत ने पलटवार किया. उन्होंने कहा, "भाजपा नेताओं को इतिहास की जानकारी नहीं है. डॉ. अंबेडकर को देश का पहला कानून मंत्री कांग्रेस ने बनाया और संविधान प्रारूप समिति का अध्यक्ष भी कांग्रेस ने ही नियुक्त किया था." उन्होंने आगे कहा कि आजादी की लड़ाई में भाजपा की कोई भूमिका नहीं थी. "डॉ. अंबेडकर को जो सम्मान मिला, वह कांग्रेस की देन है. गहलोत ने आरोप लगाया कि "आरएसएस ने तो संविधान को मानने से ही इनकार कर दिया था."
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राहुल की राजनीती सत्य-अहिंसा की : राहुल गांधी को लेकर गहलोत ने कहा कि उनकी राजनीति सत्य और अहिंसा पर आधारित है. "राहुल गांधी प्रेम, मोहब्बत, भाईचारे और सद्भाव की राजनीति करते हैं. इंदिरा गांधी और राजीव गांधी की शहादत इसके उदाहरण हैं. राजीव गांधी के दोषियों को माफ करने की बात जिस परिवार ने की, वह धक्का देने जैसी बातें कैसे कर सकता है ?" उन्होंने कहा कि संसद की वीडियोग्राफी को सार्वजनिक किया जाना चाहिए, ताकि सच्चाई सामने आए. महात्मा गांधी को लेकर गायक अभिजीत की टिप्पणी पर गहलोत ने कहा, "ऐसी बेवकूफी भरी बातों पर ध्यान नहीं देना चाहिए. महात्मा गांधी पर टिप्पणी करना सिर्फ एक सिरफिरे व्यक्ति का काम हो सकता है."
ईआरसीपी पर भाजपा में भी उठ रहे सवाल : ईआरसीपी (ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट) पर भी गहलोत ने केंद्र और भाजपा सरकार पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री आए, लेकिन उनकी पार्टी के अंदर भी अब ईआरसीपी को लेकर सवाल उठ रहे हैं. समझौता गुप्त क्यों रखा गया है ? इसे सार्वजनिक किया जाना चाहिए, ताकि जनता को पता चले कि उनके हितों की रक्षा हुई है या नहीं."
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अजमेर रोड पर हुए भांकरोटा हादसे पर दुख व्यक्त करते हुए गहलोत ने इसे "मार्मिक घटना" बताया. उन्होंने कहा, "जो लोग इस हादसे में मारे गए और जले हैं, उनके लिए हम ईश्वर से प्रार्थना कर सकते हैं. सरकार को इससे सबक लेकर उचित कदम उठाने चाहिए ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों." गहलोत ने जोर दिया कि दुर्घटनाओं से नई सोच और फैसले पैदा हो सकते हैं. उन्होंने सरकार से अपील की कि इस घटना के आधार पर ठोस कदम उठाए जाएं और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जाए.