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सरकारी स्कूलों में करियर काउंसलिंग को लगातार जारी रखने की प्लानिंग, शिक्षा शासन सचिव ने दिए संकेत - Planning to Continue Career Counseling

राजस्थान के सरकारी स्कूलों में करियर काउंसलिंग (Career Counseling in Government Schools) को लगातार जारी रखने की प्लानिंग की जा रही है. शिक्षा विभाग के शासन सचिव नवीन जैन ने क्या कहा, सुनिए...

Planning to Continue Career Counseling
करियर काउंसलिंग को लगातार जारी रखने की प्लानिंग
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Published : Jul 9, 2023, 7:41 PM IST

नवीन जैन ने क्या कहा...

जयपुर. शिक्षा विभाग की ओर से प्रदेश के 17 हजार 690 उच्च माध्यमिक विद्यालयों में 10वीं पास छात्रों के करियर गाइडेंस के लिए डायल फ्यूचर प्रोग्राम की शुरुआत की गई. जिसके तहत छात्रों को 15 जुलाई तक मार्गदर्शन दिया जा रहा है, ताकि उचित मार्गदर्शन के साथ अपने भविष्य की इबारत लिख सकें. लेकिन अब इस व्यवस्था को नई शक्ल के साथ लगातार जारी रखने के संकेत दिए हैं.

सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में शिक्षकों को पथ प्रदर्शक बनाते हुए छात्रों की भविष्य की राह को सुगम बनाने का प्रयास किया जा रहा है. प्राइवेट स्कूल और कोचिंग सेंटर की तर्ज पर करियर काउंसलिंग की जा रही है. जिसमें 10वीं पास छात्र 11वीं कक्षा में किस विषय को लेकर अपने भविष्य को संवार सकता है. इस दिशा में गाइडेंस दी जा रही है. हालांकि, स्कूल शिक्षा विभाग के शासन सचिव ने हाल ही में प्रदेशभर के शिक्षा अधिकारियों को स्कूलों में डायल फ्यूचर कार्यक्रम को 15 जुलाई के बाद भी जारी रखने का आह्वान किया है. ये कार्यक्रम किस रूप में संचालित रहेगा, इस पर फिलहाल मंथन ही चल रहा है.

पढ़ें : राजस्थान में खुलेंगे 2000 इंग्लिश मीडियम स्कूल, पहले से संचालित स्कूलों में ही नहीं शिक्षक

शासन सचिव नवीन जैन ने बताया कि जो बच्चा आज 9वीं में हैं, उन्हें भी ये पता होना चाहिए कि 10वीं के बाद स्ट्रीम सिलेक्शन होता है तो वो 9वीं और 10वीं में ही अपना एप्टिट्यूड तय कर लेंगे. उनकी दिलचस्पी किस विषय में है, 10वीं के बाद जो फैसला अचानक लेना पड़े उसकी बजाए उसकी तैयारी 10वीं में हो जाएगी तो छात्र अच्छा डिसीजन ले पाएगा. उन्होंने कहा कि जो करियर काउंसलिंग या स्ट्रीम सिलेक्शन का फैसला अगर 10वीं का छात्र 10वीं की पढ़ाई के दौरान ही ध्यान में रखेगा, तो उसे सब्जेक्ट सिलेक्शन करना आसान होगा. अन्यथा उसके ऊपर या तो फैसला थोप दिया जाएगा या फिर वो अपने दोस्तों को देखकर कोई भी फैसला ले लेगा. जबकि उसका फैसला इनफॉर्म्ड चॉइस से होना चाहिए.

उन्होंने कहा कि किसी भी स्कूल में जाकर छात्रों को करियर के बारे में बताने की कोशिश करते हैं तो छात्र उसे बहुत ज्यादा पसंद करते हैं. इससे पता लगता है कि छात्रों को करियर और मोटिवेशन के सेशन की बहुत ज्यादा जरूरत है और हर बच्चा ये जानना चाहता है कि जो पढ़ाई 9वीं, 10वीं, 11वीं, 12वीं में वो कर रहा है, इससे फ्यूचर में उसे किस तरह की संभावनाएं मिलती हैं. इसलिए ये एक जरूरत का प्रोग्राम है और इस प्रोग्राम को किसी ना किसी रूप में लगातार जारी रखेंगे.

नवीन जैन ने क्या कहा...

जयपुर. शिक्षा विभाग की ओर से प्रदेश के 17 हजार 690 उच्च माध्यमिक विद्यालयों में 10वीं पास छात्रों के करियर गाइडेंस के लिए डायल फ्यूचर प्रोग्राम की शुरुआत की गई. जिसके तहत छात्रों को 15 जुलाई तक मार्गदर्शन दिया जा रहा है, ताकि उचित मार्गदर्शन के साथ अपने भविष्य की इबारत लिख सकें. लेकिन अब इस व्यवस्था को नई शक्ल के साथ लगातार जारी रखने के संकेत दिए हैं.

सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में शिक्षकों को पथ प्रदर्शक बनाते हुए छात्रों की भविष्य की राह को सुगम बनाने का प्रयास किया जा रहा है. प्राइवेट स्कूल और कोचिंग सेंटर की तर्ज पर करियर काउंसलिंग की जा रही है. जिसमें 10वीं पास छात्र 11वीं कक्षा में किस विषय को लेकर अपने भविष्य को संवार सकता है. इस दिशा में गाइडेंस दी जा रही है. हालांकि, स्कूल शिक्षा विभाग के शासन सचिव ने हाल ही में प्रदेशभर के शिक्षा अधिकारियों को स्कूलों में डायल फ्यूचर कार्यक्रम को 15 जुलाई के बाद भी जारी रखने का आह्वान किया है. ये कार्यक्रम किस रूप में संचालित रहेगा, इस पर फिलहाल मंथन ही चल रहा है.

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शासन सचिव नवीन जैन ने बताया कि जो बच्चा आज 9वीं में हैं, उन्हें भी ये पता होना चाहिए कि 10वीं के बाद स्ट्रीम सिलेक्शन होता है तो वो 9वीं और 10वीं में ही अपना एप्टिट्यूड तय कर लेंगे. उनकी दिलचस्पी किस विषय में है, 10वीं के बाद जो फैसला अचानक लेना पड़े उसकी बजाए उसकी तैयारी 10वीं में हो जाएगी तो छात्र अच्छा डिसीजन ले पाएगा. उन्होंने कहा कि जो करियर काउंसलिंग या स्ट्रीम सिलेक्शन का फैसला अगर 10वीं का छात्र 10वीं की पढ़ाई के दौरान ही ध्यान में रखेगा, तो उसे सब्जेक्ट सिलेक्शन करना आसान होगा. अन्यथा उसके ऊपर या तो फैसला थोप दिया जाएगा या फिर वो अपने दोस्तों को देखकर कोई भी फैसला ले लेगा. जबकि उसका फैसला इनफॉर्म्ड चॉइस से होना चाहिए.

उन्होंने कहा कि किसी भी स्कूल में जाकर छात्रों को करियर के बारे में बताने की कोशिश करते हैं तो छात्र उसे बहुत ज्यादा पसंद करते हैं. इससे पता लगता है कि छात्रों को करियर और मोटिवेशन के सेशन की बहुत ज्यादा जरूरत है और हर बच्चा ये जानना चाहता है कि जो पढ़ाई 9वीं, 10वीं, 11वीं, 12वीं में वो कर रहा है, इससे फ्यूचर में उसे किस तरह की संभावनाएं मिलती हैं. इसलिए ये एक जरूरत का प्रोग्राम है और इस प्रोग्राम को किसी ना किसी रूप में लगातार जारी रखेंगे.

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