जयपुर. आमजन को जल्द राहत पहुंचाने और कार्य में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से जयपुर कलेक्ट्रेट में ई-फाइल सिस्टम शुरू कर दिया गया है. जयपुर कलेक्ट्रेट प्रदेश की ऐसी पहली जिला कलेक्ट्रेट बन गई है, जहां ई-फाइल सिस्टम लागू किया गया (E file system implemented in Jaipur Collectorate) है. जयपुर जिला कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित ने कलेक्ट्रेट में ई-फाइल सिस्टम की शुरूआत की है.
जयपुर जिला कलेक्ट्रेट की संस्थापन शाखा और सामान्य शाखा में ई-फाइल सॉफ्टवेयर पर पत्रावलियों का संधारण शुरू हो गया है. दोनों ही शाखाओं में गुरुवार को चार-चार फाइलों का निस्तारण ई-फाइल सिस्टम से किया गया. ई-फाइल सिस्टम पर प्रस्तुत की गई इन फाइलों को अतिरिक्त जिला कलेक्टर प्रथम और अतिरिक्त जिला कलेक्टर शहर पूर्व ने अपनी टिप्पणियों के साथ ऑनलाइन ही जिला कलेक्टर के पास भेजा. उसके बाद जिला कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित ने ऑनलाइन ही फाइलों पर ई-साइन कर इन फाइलों का निस्तारण किया. सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग (डीओआईटी) की ओर से सरकारी विभाग और कार्यालयों में आसान, पेपरलैस और ऑनलाइन कार्य करने के लिए एकीकृत सॉफ्टवेयर राजकाज सॉफ्टवेयर विकसित किया है.
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अतिरिक्त जिला कलेक्टर प्रथम दिनेश कुमार शर्मा ने बताया कि फिलहाल जिला कलेक्ट्रेट की दो शाखाओं में ई-फाइल सिस्टम शुरू किया गया है. धीरे-धीरे पूरे जयपुर कलेक्ट्रेट की सभी शाखाओं में ई-फाइल सिस्टम से ही फाइलों का निस्तारण करने का प्रयास किया जाएगा. इसके लिए कलेक्ट्रेट में संसाधन भी बढ़ाये जाएंगे. उन्होंने कहा कि कलेक्ट्रेट में पूरी तरह से ई-फाइल सिस्टम लागू होने के बाद पंचायत और तहसील स्तर पर भी इस सिस्टम को लागू किया जाएगा, ताकि आम जनता को जल्द राहत मिले.
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सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग के जयपुर कलेक्ट्रेट स्थित जिला कार्यालय में भी इसकी शुरुआत हो गई है. डीओआईटी के उप निदेशक रितेश कुमार शर्मा के नेतृत्व में इस कार्यालय में भी फाइलों का निस्तारण ई-फाइल सिस्टम के माध्यम से किया गया. रितेश कुमार शर्मा ने कहा कि कलेक्ट्रेट की संस्थापन और सामान्य शाखा में अब नई फाइल ई-फाइल सिस्टम के माध्यम से ही तैयार की जाएगी. इसके लिए कर्मचारियों को पहले ही ट्रेनिंग दी जा चुकी है. उन्होंने कहा कि अब अधिकारियों की टेबल पर जो फाइलों के ढेर लगे रहते थे, उनसे भी उन्हें छुटकारा मिल सकेगा.
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ऑनलाइन ई-फाइल सिस्टम के मुख्य लाभ:
- फाइल की ऑनलाइन मॉनिटरिंग हो सकेगी
- कार्यों में सरलता और पारदर्शिता आएगी
- समय की भी बचत होगी
- फिजिकल मूवमेंट की आवश्यकता नहीं होगी और कोरोना जैसी विकट परिस्थिति में वर्क फ्रॉम होम या एनी व्हेयर कार्य संभव हो सकेगा
- कार्यालय टिप्पणी से लेकर पत्रावली अनुमोदन की प्रक्रिया पेपरलैस होगी