जयपुर. शहर के 1906 आवासों सहित प्रदेश के 9605 हाउसिंग बोर्ड के आवासों का ई-ऑक्शन के जरिए नीलामी होगी. सालों से अपने खरीददार को तरस रहे इन आवासों में राज्य सरकार के निर्देश पर 10 से 50 फीसदी तक डिस्काउंट दिया जा रहा है. इस संबंध में 30 सितंबर से बिड प्रोसेस शुरू हो जाएगी.
आवासन मंडल के मकानों पर बजट में 50 फीसदी तक छूट की घोषणा के बाद जल्द ही इनकी बिक्री शुरू हो जाएगी. इन मकानों को बने हुए 5 साल से ज्यादा का समय हो गया है. राज्य भर में फिलहाल 9 हजार 605 मकानों को कम दर पर नीलाम किया जा रहा है. हाउसिंग बोर्ड के निदेशक पवन अरोड़ा की मानें तो 30 सितंबर से ई-ऑक्शन प्रक्रिया शुरू होगी.
हालांकि इन मकानों को रिनोवेट नहीं कराया गया है. जिसके चलते मकान के डेप्रिसिएशन को देखते हुए 10 से 50 फीसदी की छूट दी जा रही है. जयपुर की बात करें तो यहां प्रताप नगर में 1210, इंदिरा गांधी नगर में 393 और महला में 303 आवास मौजूद हैं. जयपुर के अलावा जोधपुर, भीलवाड़ा, किशनगढ़, हनुमानगढ़, नागौर और अलवर सहित प्रदेश के 41 शहरों में 7699 मकान अपने खरीददार की बाट जोह रहे हैं.
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इन मकानों का ई ऑक्शन किया जा रहा है. इस संबंध में रजिस्ट्रेशन के लिए 20 सितंबर से वेबसाइट पर 590 रुपए जमा कराने होंगे. जो कि नॉन रिफंडेबल है. इसके बाद 30 तारीख से बिड ओपन की जाएगी. हाउसिंग बोर्ड निदेशक पवन अरोड़ा ने बताया कि ई-ऑक्शन द्वारा प्रसारित किए जाने वाले सभी आवास का संक्षिप्त विवरण मंडल की वेबसाइट पर उपलब्ध होगा.
जिसमें से किसी भी आवेदक द्वारा अपनी आवश्यकता और पसंद के अनुसार आवास का चयन कर ऑनलाइन बिड प्रस्तुत की जा सकेगी. उन्होंने बताया कि नीलामी में पारदर्शिता रहे इसके लिए ई ऑक्शन प्रक्रिया अपनाई जा रही हैं और ये पहली बार होगा जब ऑक्शन में रिवर्स बिडिंग होगी. जिसके तहत कम से कम डिस्काउंट लेकर जो खरीददार आवास के लिए बोली लगाएगा उसे ये आवास उपलब्ध होंगे.
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रजिस्ट्रेशन की ऑनलाइन प्रक्रिया के अलावा चालान जमा कराने की पुरानी पद्धति, हाउसिंग बोर्ड के वृत कार्यालयों पर हेल्प डेस्क और संबंधित अपार्टमेंट में नोडल अधिकारी भी आमजन की मदद के लिए तैनात रहेंगे. जानकारों की माने तो आवासन मंडल के द्वारा बनाए गए आवासों की प्राइवेट बिल्डर्स की तुलना में कीमत अधिक थी और 5 सालों से आवासन मंडल ने किश्तों पर आवासों का आवंटन बंद कर दिया. यही वजह है कि मकानों की बिक्री नहीं हो पाई. हालांकि अभी मंदी के दौर में भी देखना होगा कि बड़े डिस्काउंट के बाद भी क्या हाउसिंग बोर्ड के पुराने मकानों के लिए बोली लगेगी या नहीं.