जयपुर. जलदाय मंत्री बीडी कल्ला की अध्यक्षता में प्रदेश में जल जीवन मिशन के तहत मेजर प्रोजेक्ट्स की पेयजल परियोजनाओं के लिए 'वाटर रिजर्वेशन' के बारे में जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग (पीएचईडी) एवं जल संसाधन विभाग (डब्ल्यूआरडी) के अधिकारियों की संयुक्त बैठक में गुरुवार को यह निर्णय किया गया. बैठक वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित की गई.
मंत्री कल्ला ने कहा कि जेजेएम के तहत प्रदेश के सभी ग्रामीण परिवारों को वर्ष 2024 तक हर घर नल कनेक्शन देकर पेयजल उपलब्ध कराना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है. इसके लिए जलदाय विभाग द्वारा सघन प्रयास किए जा रहे हैं. राज्य में भू-जल की सीमित मात्रा को देखते हुए यह जरूरी है कि जेजेएम के तहत 55 लीटर प्रति व्यक्ति प्रति दिन के नॉर्म्स के अनुसार पानी देने के लिए सतही स्रोत से जल की उपलब्धता के आधार पर परियोजनाएं बनाई जाएं. ऐसे में योजनाओं के प्रस्ताव तैयार करने के स्तर पर ही जल संसाधन विभाग के साथ व्यापक विमर्श जरूरी है.
उन्होंने कहा कि दोनों विभागों के अधिकारियों के साथ जल जीवन मिशन के तहत स्वीकृत वृहद पेयजल परियोजनाओं के लिए सतही जल स्रोत से अतिरिक्त पानी लिए जाने के बारे में विस्तार से चर्चा की. इस दौरान बीसलपुर बांध, चम्बल नदी और इसकी वितरिकाएं, नर्मदा कैनाल सिस्टम, बत्तीसा नाला डैम, सुखानिया बांध, माही डैम, सोम कमला अम्बा बांध, कडाना बांध के बैक वाटर, जयसमंद बांध, जाखम बांध, उदयसागर और मानसी वाकल परियोजना सहित इंदिरा गांधी नहर परियोजना जैसे प्रदेश के सतही पेयजल स्रोतों से जल जीवन मिशन में पेयजल परियोजनाओं के लिए पानी की उपलब्धता पर दोनों विभागों के अधिकारियों ने सम्भावनाओं को तलाशा.
जलदाय मंत्री ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रदेशभर में सतही पेयजल स्रोतों से सम्बंधित पेयजल परियोजनाओं के लिए अतिरिक्त पानी लेने के लिए वे स्थानीय स्तर पर जल संसाधन विभाग के अपने समकक्ष अधिकारियों के साथ व्यापक एक्सरसाइज करें. इसके आधार पर प्रस्ताव तैयार कर भेजे जाएं. यदि कहीं भी राज्य स्तर से दोनों विभागों में उच्च स्तर पर समन्वय की जरूरत हो तो उसके अनुरूप प्रकरण तैयार कर प्रस्तुत करें.
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जलदाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधांश पंत ने संयुक्त बैठक को सकारात्मक पहल बताते हुए कहा कि दोनों विभागों के स्तर पर सतत समन्वय और सहयोग से प्रदेश में जल जीवन मिशन में पेयजल परियोजनाओं के लिए दीर्घकालिक स्रोत जुटाने के उद्देश्य को पूरा करने में मदद मिलेगी. उन्होंने जलदाय विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे आने वाले दिनों में अपने अपने क्षेत्र में जल संसाधन विभाग के अधिकारियों के साथ बैठकर सतही स्रोत से पानी की उपलब्धता का विश्लेषण करें और उसके आधार पर रिपोर्ट तैयार कर भेजें.
विभाग के प्रमुख शासन सचिव नवीन महाजन ने वीसी में बताया कि सतही जल स्रोतों के पानी का प्रदेश में पेयजल सहित अन्य क्षेत्रों के लिए मिश्रित उपयोग किया जा रहा है. राज्य सरकार की प्राथमिकता के अनुरूप प्रदेश में पेयजल परियोजनाओं के लिए सतही जल स्रोतों से जल आरक्षण के लिए हर सम्भव प्रयास किए जा रहे हैं. अन्य राज्यों से भी राज्य के हिस्से का पानी लेने के लिए भी पूरे प्रयास किए जा रहे हैं.