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DLB notice to Mayor : महापौर मुनेश गुर्जर पर लटकी बर्खास्तगी की तलवार, कुछ पार्षदों का मेयर पद के लिए हुआ इंटरव्यू - Local swayat vibhag notice to mayor munesh

हैरिटेज नगर निगम के महापौर पद से निलंबन के बाद मुनेश गुर्जर की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. स्वायत्त शासन विभाग ने न सिर्फ रिश्वत राशि प्राप्त करने के संबंधित प्रकरण में बल्कि बीते दिनों एडिशनल आयुक्त के साथ हुए विवाद को लेकर दर्ज की गई एफआईआर के संबंध में भी स्पष्टीकरण मांगा है.

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Published : Aug 14, 2023, 10:27 AM IST

जयपुर. हैरिटेज नगर निगम के महापौर पद से निलंबन के बाद मुनेश गुर्जर की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. स्वायत्त शासन विभाग ने न सिर्फ रिश्वत राशि प्राप्त करने के संबंधित प्रकरण में बल्कि बीते दिनों एडिशनल आयुक्त के साथ हुए विवाद को लेकर दर्ज की गई एफआईआर के संबंध में भी स्पष्टीकरण मांगा है. साथ ही विभाग को 3 दिन में स्पष्टीकरण नहीं देने पर राजस्थान नगरपालिका अधिनियम 2009 की धारा 39 के तहत कार्रवाई शुरू करने की चेतावनी दी है. धारा 39 में आरोप सिद्ध होने पर बर्खास्तगी का भी प्रावधान है.

These councillors called for interview of Mayor post
इन पार्षदों का महापौर पद के लिए हुआ इंटरव्यू

स्वायत्त शासन विभाग की ओर से निलंबित महापौर मुनेश गुर्जर पर शिकंजा कसता जा रहा है. विभाग की ओर से मुनेश गुर्जर पर हैरिटेज नगर निगम की महापौर पद पर रहते हुए एसीबी की ओर से पट्टा जारी करने के एवज में रिश्वत मांगने, पट्टे की फाइलें घर ले जाकर बिना कारण लंबित रखने, एसीबी की ओर से मेयर हाउस पर उनके पति को ट्रैप करने, और इस पूरे प्रकरण में प्रथम दृष्टया उनकी भी संलिप्तता प्रतीत होने पर स्पष्टीकरण मांगा गया है.

पढ़ें हैरिटेज नगर निगम विवाद : एडिशनल कमिश्नर राजेंद्र वर्मा ने महापौर मुनेश व पार्षदों पर दर्ज करवाया मुकदमा

यही नहीं विभाग ने गड़े मुर्दे उखाड़ते हुए बीते दिनों 500 बीट्स आपूर्ति निविदाओं से संबंधित पत्रावली के क्रम में एडिशनल कमिश्नर से हुए विवाद की फाइल भी खोली है. जिसमें एडिशनल कमिश्नर की ओर से महापौर, उप महापौर और 13 व्यक्ति (पार्षद और अन्य) के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के प्रकरण में उच्च स्तरीय जांच कराए जाने पर फाइल को बिना कारण लंबित रखने और एडिशनल कमिश्नर के साथ अभद्र व्यवहार, अमर्यादित भाषा का प्रयोग करने जैसे आरोपों पर भी मुनेश गुर्जर से स्पष्टीकरण मांगा गया है. आदेशों में स्पष्ट लिखा गया है कि हैरिटेज नगर निगम महापौर के पद का दुरुपयोग करने और पद के प्रतिकूल व्यवहार करने के चलते उन्हें 3 दिन में जवाब पेश करना होगा. तय समय पर जवाब पेश नहीं करने पर राजस्थान नगरपालिका अधिनियम 2009 की धारा 39 के तहत कार्रवाई शुरू किया जाएगा.

पढ़ें साल 2009 से अब तक मेयर और ब्यूरोक्रेट के बीच विवाद की लंबी फेहरिस्त, इस बार बाहरी दखल भी

उधर, कार्यवाहक महापौर बनाने को लेकर विधायकों ने पांच ओबीसी महिला पार्षदों का इंटरव्यू लिया और पूछा कि अगर उन्हें महापौर बना दिया जाता है तो भ्रष्टाचार तो नहीं करेंगी और निगम को कैसे चलाएंगी. हालांकि विधायकों के इस पैनल में हवा महल विधायक महेश जोशी मौजूद नहीं रहे. प्रताप सिंह खाचरियावास, अमीन कागजी और रफीक खान ने पार्षदों का इंटरव्यू लिया. इन पांच महिला पार्षदों में सुनीता मावर, राबिया गुडएज, संतोष कंवर, नसरीन बानो और रेशमा बेगम शामिल रहीं.

जयपुर. हैरिटेज नगर निगम के महापौर पद से निलंबन के बाद मुनेश गुर्जर की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. स्वायत्त शासन विभाग ने न सिर्फ रिश्वत राशि प्राप्त करने के संबंधित प्रकरण में बल्कि बीते दिनों एडिशनल आयुक्त के साथ हुए विवाद को लेकर दर्ज की गई एफआईआर के संबंध में भी स्पष्टीकरण मांगा है. साथ ही विभाग को 3 दिन में स्पष्टीकरण नहीं देने पर राजस्थान नगरपालिका अधिनियम 2009 की धारा 39 के तहत कार्रवाई शुरू करने की चेतावनी दी है. धारा 39 में आरोप सिद्ध होने पर बर्खास्तगी का भी प्रावधान है.

These councillors called for interview of Mayor post
इन पार्षदों का महापौर पद के लिए हुआ इंटरव्यू

स्वायत्त शासन विभाग की ओर से निलंबित महापौर मुनेश गुर्जर पर शिकंजा कसता जा रहा है. विभाग की ओर से मुनेश गुर्जर पर हैरिटेज नगर निगम की महापौर पद पर रहते हुए एसीबी की ओर से पट्टा जारी करने के एवज में रिश्वत मांगने, पट्टे की फाइलें घर ले जाकर बिना कारण लंबित रखने, एसीबी की ओर से मेयर हाउस पर उनके पति को ट्रैप करने, और इस पूरे प्रकरण में प्रथम दृष्टया उनकी भी संलिप्तता प्रतीत होने पर स्पष्टीकरण मांगा गया है.

पढ़ें हैरिटेज नगर निगम विवाद : एडिशनल कमिश्नर राजेंद्र वर्मा ने महापौर मुनेश व पार्षदों पर दर्ज करवाया मुकदमा

यही नहीं विभाग ने गड़े मुर्दे उखाड़ते हुए बीते दिनों 500 बीट्स आपूर्ति निविदाओं से संबंधित पत्रावली के क्रम में एडिशनल कमिश्नर से हुए विवाद की फाइल भी खोली है. जिसमें एडिशनल कमिश्नर की ओर से महापौर, उप महापौर और 13 व्यक्ति (पार्षद और अन्य) के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के प्रकरण में उच्च स्तरीय जांच कराए जाने पर फाइल को बिना कारण लंबित रखने और एडिशनल कमिश्नर के साथ अभद्र व्यवहार, अमर्यादित भाषा का प्रयोग करने जैसे आरोपों पर भी मुनेश गुर्जर से स्पष्टीकरण मांगा गया है. आदेशों में स्पष्ट लिखा गया है कि हैरिटेज नगर निगम महापौर के पद का दुरुपयोग करने और पद के प्रतिकूल व्यवहार करने के चलते उन्हें 3 दिन में जवाब पेश करना होगा. तय समय पर जवाब पेश नहीं करने पर राजस्थान नगरपालिका अधिनियम 2009 की धारा 39 के तहत कार्रवाई शुरू किया जाएगा.

पढ़ें साल 2009 से अब तक मेयर और ब्यूरोक्रेट के बीच विवाद की लंबी फेहरिस्त, इस बार बाहरी दखल भी

उधर, कार्यवाहक महापौर बनाने को लेकर विधायकों ने पांच ओबीसी महिला पार्षदों का इंटरव्यू लिया और पूछा कि अगर उन्हें महापौर बना दिया जाता है तो भ्रष्टाचार तो नहीं करेंगी और निगम को कैसे चलाएंगी. हालांकि विधायकों के इस पैनल में हवा महल विधायक महेश जोशी मौजूद नहीं रहे. प्रताप सिंह खाचरियावास, अमीन कागजी और रफीक खान ने पार्षदों का इंटरव्यू लिया. इन पांच महिला पार्षदों में सुनीता मावर, राबिया गुडएज, संतोष कंवर, नसरीन बानो और रेशमा बेगम शामिल रहीं.

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