जयपुर. ओसियां से कांग्रेस विधायक दिव्या मदेरणा अक्सर अपने तेजतर्रार तेवर और ट्वीट्स को लेकर चर्चा में रहती हैं. अब उन्होंने गुरुवार को अपने एक ट्वीट के जरिए सीएम अशोक गहलोत की ओर से धौलपुर में दिए सरकार गिराने वाले बयान पर तंज कसा है. इस ट्वीट में दिव्या मदेरणा ने उनके दादा और राजस्थान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रहे परसराम मदेरणा के एक पुराने इंटरव्यू का जिक्र किया है.
इस इंटरव्यू में तत्कालीन भैरोंसिंह शेखावत सरकार को अस्थिर करने के लिए उनकी पार्टी के भीतर हुई बगावत का जिक्र था. जिसमें शेखावत सरकार को गिराने की साजिश करने वाले विधायकों और नेताओं ने तब की विपक्षी पार्टी, कांग्रेस के नेताओं से संपर्क किया था. उस वक्त मदेरणा नेता प्रतिपक्ष की भूमिका में थे, तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष थे. मदेरणा ने गांधी परिवार और कांग्रेस की विरासत का जिक्र करते हुए उस साजिश में शामिल होने से इनकार कर दिया था.
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दिव्या मदेरणा ने अपने ट्वीट में कहा परसराम मदेरणा ने तब खुलकर अपनी भावनाओं का इंटरव्यू के दौरान इजहार किया था. दिव्या ने लिखा कि उनके दादा ने तब इंटरव्यू में कहा था कि वह कांग्रेस के अनुशासित सिपाही हैं और वे कभी गांधी नेहरू परिवार की बात को टाल नहीं सकते हैं और उन्होंने ऐसा किया भी. बता दें कि इस लेख में परसराम मदेरणा के व्यक्तित्व को लेकर उनके संस्मरण लिखे गए थे. जिसमें शेखावत सरकार गिराने की साजिश के साथ-साथ जमीन विवाद का मसला और मारवाड़ समेत प्रदेश भर में उनकी धाक के बीच कांग्रेस के कद्दावर मंत्री के रूप में मदेरणा की शख्सियत को बयान किया गया था.
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गहलोत और 25 सितंबर पर हो सकता है तंजः कांग्रेस विधायक दिव्या मदेरणा ने अपने ट्वीट में खुद को मदेरणा की राजनीतिक विरासत का हिस्सा बताते हुए कहा है कि 'मैं उस विशाल और समृद्ध विरासत को लेकर आई हूं'. दिव्या ने कहा कि कांग्रेस के समक्ष हर चुनौती में वह हमेशा तटस्थ सिपाही की तरह खड़ी थी और खड़ी रहेंगी. साथ ही दिव्या मदेरणा ने लिखा कि सैद्धांतिक विरासत पर चलना कांटों पर चलने के बराबर होता है. इसके बाद उन्होंने एक शेर साझा करते हुए बोला कि 'सफर में धूप होगी, चल सको तो चलो, यहां किसी को कोई रास्ता नहीं दे सकता, तुम मुझे गिरा कर सम्भल सकते हो तो चलो'.
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दिव्या मदेरणा के इस ट्वीट को माना जा रहा है कि बीते दिनों धौलपुर में मुख्यमंत्री की ओर से दिए गए बयान पर एक तंज है. जिसमें गहलोत ने यह श्रेय लेते हुए कहा था कि वह तब भैरोंसिंह शेखावत सरकार को गिराने के पक्ष में नहीं थे. इसके अलावा चुनौतियों के जिक्र के मायने बीते साल 25 सितंबर को कांग्रेस विधायक दल की बैठक के मसले पर हुई तकरार के रूप में देखे जा रहे हैं, जिसमें पार्टी आलाकमान की ओर से बुलाई गई बैठक में दिव्या मदेरणा पहुंची थी, लेकिन तब गहलोत के पक्ष में आवाज उठाने वाले विधायकों ने मंत्री शांति धारीवाल के घर पर महेश जोशी और धर्मेंद्र राठौड़ की मौजूदगी में आलाकमान को चुनौती दी थी.