जयपुर. राजस्थान में नए जिलों को लेकर राजस्व विभाग की ओर से जिलों के सीमांकन की रिपोर्ट बुधवार को मंत्री रामलाल जाट मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को सौंप देंगे. उसके बाद यह मुख्यमंत्री पर निर्भर है कि वह कब जिलों का नोटिफिकेशन जारी करते है.
हालांकि, राजस्व विभाग की रिपोर्ट भले ही आज मुख्यमंत्री का सौंप दिया जाएगा, लेकिन यह मुख्यमंत्री पर निर्भर करता है कि वह अगले कुछ दिनों में जिलो के सीमांकन का नोटिफिकेशन जारी करें या फिर 14 जुलाई से शुरू होने जा रहे विधानसभा सत्र में ही इस बात की घोषणा करें कि वह जयपुर उत्तर, दक्षिण और जोधपुर पूरब, पश्चिम की जगह अब जयपुर और जोधपुर ग्रामीण बना रहे हैं.
पहले जिले नहीं, तहसील और उपतहसील का जारी होगा गजट नोटिफिकेशन : राजस्थान के राजस्व मंत्री जो जिलों के सीमांकन का काम देख रहे हैं उन्होंने कहा कि एक-दो जगह विवाद था, वो अब समाप्त हो गया है. जाट ने कहा कि हमारे सामने दिक्कत यह आ रही है कि मुख्यमंत्री ने जो बजट और महंगाई राहत कैंपों में तहसील ओर उपतहसील की घोषणा की, जब तक उन तहसील और उपतहसील का सीमांकन तय नहीं होगा और उनका गजट नोटिफिकेशन नहीं होगा, तब तक हम जिलों के सीमांकन में नहीं जा सकते हैं. इसलिए सबसे पहले वह प्रक्रिया की जा रही है.
उन्होंने कहा कि उनके विभाग के अधिकारी-कर्मचारीरात रात भर काम कर रहे हैं. वहीं, जिलों को लेकर हुए विवाद पर उन्होंने कहा कि विवाद जैसी कोई बात नहीं है. कई बार सोशल मीडिया पर ऐसी चीजें आईं जिसके कारण अनावश्यक रूप से धरने-प्रदर्शन की जरूरत आ गई, लेकिन जब कैबिनेट में मुख्यमंत्री ने जिलों का ड्राफ्ट मंत्रियों को दिखाया तो जो मंत्री नाराज थे वह भी सहमत हो गए. उन्होंने कहा कि छोटी-मोटी हर जनप्रतिनिधि की बात होती है कि कोई किसी और जगह हेडक्वार्टर चाहता है, कोई दूसरी जगह हेडक्वार्टर चाहता है, इन्हें दूर कर लिया जाएगा.
दूदू सबसे छोटा जिला जिसकी आबादी करीब 3 से 4 लाख : मंत्री रामलाल जाट ने बताया कि 19 जिलों में सबसे छोटा जिला दूदू होने जा रहा है, जिसकी आबादी करीब तीन से चार लाख होगी. लेकिन इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि देश में 95 जिले ऐसे हैं जो 5 लाख से कम आबादी के हैं. उन्होंने हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले का उदाहरण देते हुए कहा कि हरियाणा में जिला तो महेंद्रगढ़ है लेकिन कलेक्टर-एसपी नारनौल में बैठते हैं. अक्सर ऐसी चीजें करके जनता को संतुष्ट किया जाता है. उन्होंने कहा कि जब जयपुर को कैपिटल बनाया गया तो उसके लिए जोधपुर में हाईकोर्ट, रेवेन्यू बोर्ड अजमेर में, एजुकेशन बीकानेर, देवस्थान और माइनिंग उदयपुर को दिया और पूरे राजस्थान को एक रखने का काम कांग्रेस पार्टी ने किया.
मंगलवार शाम तक सौंप दि जाएगी रिपोर्ट : राजस्व मंत्री रामलाल जाट ने कहा कि नोटिफिकेशन में कोई देरी नहीं हो रही है, केवल तकनीकी समस्याओं के चलते देरी चल रही है. उन्होंने कहा कि मैंने मुख्यमंत्री को पहले ही कहा था 2 दिन लगेंगे. अब आज रात तक अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंप देंगे. रामलाल जाट ने कहा कि कमेटी ने जो राय दी, उसके बाद कैबिनेट पर डिस्कशन हुआ. मुख्यमंत्री ने कुछ जगह ग्रामीण के नाम दिए हैं, अब क्योंकि मुख्यमंत्री ने स्वयं बजट में घोषणा की और ये मुख्यमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट है कि प्रशासनिक इकाइयों का जनता की मांग के आधार पर विकेंद्रीकरण हो, ताकि हमारे परिसीमन में उनका फायदा मिले और लोगों को सुलभ न्याय मिले.
मुख्यमंत्री ने बढ़ाया कमेटी का कार्यकाल तो ही कमेटी करेगी और जिलों पर काम : राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 19 जिलों की घोषणा की है. उसके बाद से लगातार और भी कई जिलों की मांग विधायकों और आम जनता की ओर से की जाने लगी है. लेकिन अभी जिलों के लिए बनाई गई वर्तमान राम लुभाया कमेटी का काम 19 जिलों के साथ ही समाप्त हो जाएगा. अगर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इस कमेटी को कंटिन्यू रखते हैं तो हो सकता है कि आगे नए जिलों के प्रपोजल पर विचार हो, लेकिन अभी वर्तमान कमेटी इन्हीं 19 जिलों का काम करेगी.
मंत्री रामलाल जाट ने कहा कि नए जिलों के प्रपोजल तो डिपार्टमेंट के पास आते रहते हैं. बांदीकुई का प्रपोजल तो आज ही उनके पास आया है और भी जिलों की मांगें आते रहती हैं, जिसमे सांभर-फुलेरा का भी प्रपोजल है. जाट ने कहा कि जनता की मांग आती है, लेकिन साफ है कि जो कमेटी सीमांकन के लिए बनी है वह कमेटी तय कर रिपोर्ट डिपार्टमेंट को देती है और फिर मुख्यमंत्री निर्णय लेते हैं. यह प्रक्रिया लगातार चलती आई है. अगर मुख्यमंत्री इस कमेटी को 19 जिलों का काम पूरा होने के बाद भी जिंदा रखते हैं तो यह कमेटी आगे भी काम करेगी और जिले बनने की उम्मीद बनी रहेगी.
14 जुलाई से विधानसभा की बैठकें होंगी शुरू, बजट सत्र भी रहेगा जारी : विधानसभा सचिव की ओर से आज 14 जुलाई से विधानसभा की बैठक फिर से बुला ली गई है. आपको बता दें कि 21 मार्च को बजट सत्र की बैठक स्थगित हुई थी, लेकिन विधानसभा सत्र का सत्रावसान नहीं हुआ था. जिसके चलते वही सत्र कंटिन्यू रहेगा.