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मृत गाय की बीमा राशि ब्याज और हर्जाना सहित अदा करे बीमा कंपनी - Consumer Commission

जिला उपभोक्ता आयोग जयपुर द्वितीय ने बीमित गाय की मृत्यु होने पर उसकी बीमा राशि देने से मना करने पर बीमा कंपनी का सेवा दोष माना है. साथ ही आयोग ने विपक्षी यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस को आदेश दिया है कि वो परिवादी को 55 हजार रुपए की राशि 9 प्रतिशत ब्याज सहित अदा करे.

District Consumer Commission Jaipur
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 6, 2024, 8:47 PM IST

जयपुर. जिला उपभोक्ता आयोग जयपुर-द्वितीय ने बीमित गाय की मृत्यु होने पर उसकी बीमा राशि देने से मना करने को बीमा कंपनी का सेवा दोष माना है. इसके साथ ही आयोग ने विपक्षी यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस को आदेश दिए हैं कि वह परिवादी को 55 हजार रुपए की राशि परिवाद दायर करने की तारीख 3 सितंबर, 2020 से 9 प्रतिशत ब्याज सहित अदा करे. इसके साथ ही परिवादी को हुई परेशानी के लिए बीमा कंपनी उसे अलग से 30 हजार रुपए का हर्जाना भी दे.

आयोग के अध्यक्ष ग्यारसी लाल मीणा व सदस्य हेमलता अग्रवाल ने यह आदेश मदनलाल यादव के परिवाद पर दिए. आयोग ने अपने आदेश में कहा कि परिवादी ने समय सीमा में ही सभी दस्तावेज कंपनी को दे दिए थे. ऐसे में उसका बीमा राशि का दावा खारिज करना गलत है. इसलिए बीमा कंपनी ब्याज सहित राशि अदा करे.

इसे भी पढ़ें - जेवीवीएनएल बिजली बिल की राशि ब्याज व हर्जाने सहित उपभोक्ता को लौटाए

वहीं, परिवाद में कहा गया कि परिवादी ने यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस को प्रीमियम राशि देकर अपनी छह गायों का बीमा करवाया था. बीमा की अवधि 25 अगस्त 2017 से 24 अगस्त 2018 की थी. इस दौरान एक गाय की 30 अप्रैल 2018 को अचानक मृत्यु हो गई. इसकी सूचना उसने तुरंत ही बीमा कंपनी को दी.

कंपनी ने मामला जांच के लिए भेजा और परिवादी ने सभी दस्तावेज भी पेश कर दिए. वहीं कंपनी ने यह कहते हुए उसका दावा खारिज कर दिया कि उसने दस्तावेज पेश नहीं किए हैं. इसे परिवादी ने जिला उपभोक्ता आयोग में चुनौती देते हुए उसे बीमा राशि दिलवाए जाने का आग्रह किया. जिस पर सुनवाई करते हुए आयोग ने बीमा कंपनी को हर्जाना और ब्याज सहित बीमा राशि अदा करने को कहा है.

जयपुर. जिला उपभोक्ता आयोग जयपुर-द्वितीय ने बीमित गाय की मृत्यु होने पर उसकी बीमा राशि देने से मना करने को बीमा कंपनी का सेवा दोष माना है. इसके साथ ही आयोग ने विपक्षी यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस को आदेश दिए हैं कि वह परिवादी को 55 हजार रुपए की राशि परिवाद दायर करने की तारीख 3 सितंबर, 2020 से 9 प्रतिशत ब्याज सहित अदा करे. इसके साथ ही परिवादी को हुई परेशानी के लिए बीमा कंपनी उसे अलग से 30 हजार रुपए का हर्जाना भी दे.

आयोग के अध्यक्ष ग्यारसी लाल मीणा व सदस्य हेमलता अग्रवाल ने यह आदेश मदनलाल यादव के परिवाद पर दिए. आयोग ने अपने आदेश में कहा कि परिवादी ने समय सीमा में ही सभी दस्तावेज कंपनी को दे दिए थे. ऐसे में उसका बीमा राशि का दावा खारिज करना गलत है. इसलिए बीमा कंपनी ब्याज सहित राशि अदा करे.

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वहीं, परिवाद में कहा गया कि परिवादी ने यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस को प्रीमियम राशि देकर अपनी छह गायों का बीमा करवाया था. बीमा की अवधि 25 अगस्त 2017 से 24 अगस्त 2018 की थी. इस दौरान एक गाय की 30 अप्रैल 2018 को अचानक मृत्यु हो गई. इसकी सूचना उसने तुरंत ही बीमा कंपनी को दी.

कंपनी ने मामला जांच के लिए भेजा और परिवादी ने सभी दस्तावेज भी पेश कर दिए. वहीं कंपनी ने यह कहते हुए उसका दावा खारिज कर दिया कि उसने दस्तावेज पेश नहीं किए हैं. इसे परिवादी ने जिला उपभोक्ता आयोग में चुनौती देते हुए उसे बीमा राशि दिलवाए जाने का आग्रह किया. जिस पर सुनवाई करते हुए आयोग ने बीमा कंपनी को हर्जाना और ब्याज सहित बीमा राशि अदा करने को कहा है.

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