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जयपुर: जिला प्रशासन के अधिकारी ही अब कंटेनमेंट जोन का निर्धारण करेंगे, कलेक्टर ने दिए निर्देश

जयपुर के कलेक्टर अंतर सिंह नेहरा ने शुक्रवार को कहा कि जिले में कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए इंसीडेंट कमांडर के रूप में नियुक्त जिला प्रशासन के अधिकारी ही अब कंटेनमेंट जोन का निर्धारण करेंगे. इस संबंध में निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि जयपुर में कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं. ऐसे में आवश्यक व्यवस्थाएं जल्द की जानी चाहिए.

Containment zone in Jaipur, जयपुर जिला प्रशासन
जयपुर में कंटेनमेंट जोन के निर्धारण को लेकर कलेक्टर ने दिए निर्देश
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Published : Jul 18, 2020, 4:23 AM IST

जयपुर. जिले के थाना क्षेत्रों में कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए इंसीडेंट कमांडर के रूप में नियुक्त जिला प्रशासन के अधिकारी ही अब कंटेनमेंट जोन का निर्धारण करेंगे. उनके क्षेत्र में कोरोना पॉजिटिव मरीज की सूचना मिलते ही वो खुद मौके पर जाएंगे. मेडिकल ऑफिसर और पुलिस के साथ समन्वय कर कंटेनमेंट जोन का निर्धारण करेंगे. इसके लिए जिला कलेक्टर अंतर सिंह नेहरा ने शुक्रवार को जिला कलेक्ट्रेट के सभागार में आयोजित बैठक में निर्देश दिए हैं.

पढ़ें: प्रदेश में 615 नए कोरोना पॉजिटिव केस, 8 की मौत, कुल आंकड़ा 27789

जिला कलेक्टर अंतर सिंह नेहरा ने बैठक के दौरान कहा कि जयपुर में कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं. ऐसे में आवश्यक व्यवस्थाएं जल्द की जानी चाहिए, जिससे संक्रमण को रोका जाए. उन्होंने चिकित्सा अधिकारियों को कहा कि कंटेनमेंट जोन के आईएलडी के 100 फीसदी मरीजों के सैंपल लेने के साथ ही प्रोटोकॉल के अनुसार समय-समय पर कोरोना पॉजिटिव प्रथम और अन्य कांटेक्ट के सैंपल लिए जाए. जिला कलेक्टर अंतर सिंह नेहरा ने इंसीडेंट कमांडर, संबंधित चिकित्सा अधिकारियों और पुलिस अधिकारियों के साथ एक ग्रुप बनाने को निर्देश दिए, जिस पर सूचनाएं भेजी जा सकें

अंतर सिंह नेहरा ने कहा कि इंसिडेंट कमांडर उनके क्षेत्र में संबंधित सहायक पुलिस आयुक्त, चिकित्सा अधिकारी के साथ मौका निरीक्षण करेंगे. कंटेनमेंट जोन का निर्धारण कर आदेश भी पारित कर सकते हैं. साथ ही जिला कलेक्टर ने प्रभावित हुए लोगों की संख्या, क्षेत्र का निर्धारण, संक्रमण के रोकथाम की कार्रवाई जैसे कार्यों को गुणवत्ता के साथ पूरा करने के निर्देश दिए.

पढ़ें: कांग्रेस को कटारिया की दो टूक, कहा- आरोप लगाने वाले खुद भी कार्रवाई के लिए रहें तैयार

जिला कलेक्टर ने कहा कि स्थिति के अनुसार ही कंटेनमेंट जोन बनाने का निर्णय किया जाए. कच्ची बस्ती एवं सघन आबादी वाले क्षेत्र में कंटेनमेंट जोन का निर्धारण और वहां होम क्वॉरेंटाइन किए जाने के संबंध में स्थिति के अनुसार निर्णय लिया जाए. किसी भी स्थिति में कोई भी व्यक्ति कंटेनमेंट जोन से बाहर न जा सके और ना ही इस क्षेत्र में प्रवेश कर सकें. एक बार कंटेनमेंट जोन का निर्धारण हो जाने के बाद पुलिस के द्वारा समांतर कर्फ्यू का ऑर्डर निकाला जा सकता है. अंतर सिंह मेहरा ने कहा कि होम क्वॉरेंटाइन किए जाने वाले मरीजों की भी स्थिति देखी जाए. एक घर में कितने लोग होम क्वॉरेंटाइन किए जा सकते हैं. अगर घर में सुविधा नहीं हो तो उन्हें क्वॉरेंटाइन सेंटर में भेजा जाए.

जयपुर. जिले के थाना क्षेत्रों में कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए इंसीडेंट कमांडर के रूप में नियुक्त जिला प्रशासन के अधिकारी ही अब कंटेनमेंट जोन का निर्धारण करेंगे. उनके क्षेत्र में कोरोना पॉजिटिव मरीज की सूचना मिलते ही वो खुद मौके पर जाएंगे. मेडिकल ऑफिसर और पुलिस के साथ समन्वय कर कंटेनमेंट जोन का निर्धारण करेंगे. इसके लिए जिला कलेक्टर अंतर सिंह नेहरा ने शुक्रवार को जिला कलेक्ट्रेट के सभागार में आयोजित बैठक में निर्देश दिए हैं.

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जिला कलेक्टर अंतर सिंह नेहरा ने बैठक के दौरान कहा कि जयपुर में कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं. ऐसे में आवश्यक व्यवस्थाएं जल्द की जानी चाहिए, जिससे संक्रमण को रोका जाए. उन्होंने चिकित्सा अधिकारियों को कहा कि कंटेनमेंट जोन के आईएलडी के 100 फीसदी मरीजों के सैंपल लेने के साथ ही प्रोटोकॉल के अनुसार समय-समय पर कोरोना पॉजिटिव प्रथम और अन्य कांटेक्ट के सैंपल लिए जाए. जिला कलेक्टर अंतर सिंह नेहरा ने इंसीडेंट कमांडर, संबंधित चिकित्सा अधिकारियों और पुलिस अधिकारियों के साथ एक ग्रुप बनाने को निर्देश दिए, जिस पर सूचनाएं भेजी जा सकें

अंतर सिंह नेहरा ने कहा कि इंसिडेंट कमांडर उनके क्षेत्र में संबंधित सहायक पुलिस आयुक्त, चिकित्सा अधिकारी के साथ मौका निरीक्षण करेंगे. कंटेनमेंट जोन का निर्धारण कर आदेश भी पारित कर सकते हैं. साथ ही जिला कलेक्टर ने प्रभावित हुए लोगों की संख्या, क्षेत्र का निर्धारण, संक्रमण के रोकथाम की कार्रवाई जैसे कार्यों को गुणवत्ता के साथ पूरा करने के निर्देश दिए.

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जिला कलेक्टर ने कहा कि स्थिति के अनुसार ही कंटेनमेंट जोन बनाने का निर्णय किया जाए. कच्ची बस्ती एवं सघन आबादी वाले क्षेत्र में कंटेनमेंट जोन का निर्धारण और वहां होम क्वॉरेंटाइन किए जाने के संबंध में स्थिति के अनुसार निर्णय लिया जाए. किसी भी स्थिति में कोई भी व्यक्ति कंटेनमेंट जोन से बाहर न जा सके और ना ही इस क्षेत्र में प्रवेश कर सकें. एक बार कंटेनमेंट जोन का निर्धारण हो जाने के बाद पुलिस के द्वारा समांतर कर्फ्यू का ऑर्डर निकाला जा सकता है. अंतर सिंह मेहरा ने कहा कि होम क्वॉरेंटाइन किए जाने वाले मरीजों की भी स्थिति देखी जाए. एक घर में कितने लोग होम क्वॉरेंटाइन किए जा सकते हैं. अगर घर में सुविधा नहीं हो तो उन्हें क्वॉरेंटाइन सेंटर में भेजा जाए.

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