जयपुर. राजस्थान विधानसभा में मंगलवार को प्रदेश में बिजली की स्थिति पर चर्चा हुई. चर्चा की शुरुआत भाजपा विधायक और पूर्व ऊर्जा मंत्री रहे पुष्पेंद्र सिंह ने की. अपने आधे घंटे के संबोधन में पुष्पेंद्र सिंह ने पिछली वसुंधरा सरकार के कार्यकाल में बिजली के क्षेत्र में हुए काम को गिनाया, तो वहीं मौजूदा गहलोत सरकार के अब तक के कार्यकाल में प्रदेश में बिगड़ी बिजली सप्लाई की व्यवस्था पर सदन में सरकार को घेरने का काम भी किया.
पुष्पेंद्र सिंह ने कहा कि डिस्कॉम का घाटा लगातार बढ़ रहा है, जबकि पिछली वसुंधरा राजे सरकार के कार्यकाल में कुशल वित्तीय प्रबंधन के चलते इस घाटे को कम किया गया था. सिंह के अनुसार अगर यही हालत रही तो आने वाले दिनों में प्रदेश की बिजली कंपनियों को कोई बैंक लोन नहीं देगा. सिंह ने बताया कि बिजली कंपनियां प्रदेश में छीजत रोकने में नाकाम रही हैं और उसका असर बिजली उपभोक्ताओं पर पड़ रहा है. क्योंकि बिजली की छीजत बढ़ेगी तो निश्चित तौर पर बिजली की दरें आज नहीं तो कल बढ़ाना ही पड़ेगा.
वहीं, पूर्व ऊर्जा मंत्री ने फ्यूल चार्जेज के नाम पर बढ़ाई गई दरों का विरोध किया. उसके लिए सीधे तौर पर पूर्व मंत्री ने अधिकारी और सरकार की कार्यशैली को जिम्मेदार ठहराया.