जयपुर. सूबे के सीएम अशोक गहलोत गुरुवार को दिल्ली पहुंचे, जहां उन्होंने पार्टी की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी समेत अन्य नेताओं से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने राजस्थान में विधायक दल के नेता के तौर पर विधायक दल की बैठक न करवा पाने के चलते सोनिया गांधी से माफी (CM Gehlot apologized) मांगी. साथ ही उन्होंने राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव लड़ने से इनकार कर (Gehlot will not contest the presidential election) दिया. लेकिन स्थिति वो नहीं है, जो दिखाने की कोशिश की जा रही है, क्योंकि एक ओर सीएम गहलोत दिल्ली में सोनिया गांधी से मुलाकात कर रहे थे तो वहीं, दूसरी ओर उनके कैबिनेट में शामिल मंत्री गोविंद राम मेघवाल और आरटीडीसी के चेयरमैन धर्मेंद्र राठौड़ अजय माकन को ही पूरे घटनाक्रम के लिए कटघरे में खड़ा करते दिखाई दिए.
दोनों नेताओं ने चाकसू विधायक वेद सोलंकी (Chaksu MLA Ved Solanki) की ओर से की गई बयानबाजी के खिलाफ जयपुर जिला प्रमुख बनाने में, उनकी बीजेपी के अध्यक्ष सतीश पूनिया के साथ मिलीभगत के आरोप भी लगाए. इन नेताओं ने वेद सोलंकी के बहाने अजय माकन पर हमला किया. मंत्री मेघवाल ने कहा कि अजय माकन जिन्होंने विधायकों की बैठक को तो अनुशासनहीनता मानते हुए एक दिन में ही मुख्य सचेतक महेश जोशी, संसदीय कार्य मंत्री शांतिलाल धारीवाल और आरटीडीसी के चेयरमैन धर्मेंद्र राठौड़ को कारण बताओ नोटिस जारी कर (Gehlot minister angry with show cause notice) दिया. लेकिन वेद सोलंकी के खिलाफ आज तक कोई कार्रवाई नहीं की.
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मेघवाल ने आगे कहा कि उन लोगों को नोटिस क्यों नहीं दिया गया, जो मानेसर गए थे. उससे पार्टी नियंत्रण में आती, उल्टा वो तो उन्हीं को मुख्यमंत्री बनाने के षड्यंत्र में लग गए. यही कारण था कि विधायकों में आक्रोश फैला और विधायक मजबूरन एकत्रित हुए, जबकि हम लोग तो भारत जोड़ो यात्रा की तैयारी में जुटे हुए थे. लेकिन मजबूरी में हमें यह बात आलाकमान के सामने रखनी पड़ी.
राजस्थान के नेताओं को दिए गए वर्तमान हालात में बयान नहीं देने के निर्देशः राजस्थान में जिस तरह से वर्तमान राजनीतिक घटनाक्रम के चलते नेता जमकर एक दूसरे पर बयानबाजी कर रहे हैं. उसके चलते ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी की ओर से राजस्थान के नेताओं के लिए एडवाइजरी जारी करनी पड़ी है. एआईसीसी ने नेताओं को सख्त हिदायत दी है कि वह बेवजह राजस्थान के वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य को लेकर एक दूसरे पर कटाक्ष या बयान बाजी ना करें.