जयपुर. सवाई मानसिंह अस्पताल में ब्रेन स्ट्रोक के मरीजों को अत्याधुनिक इलाज (Brain Stroke Patient Treatment in SMS Hospital) उपलब्ध करवाने के लिए डिजिटल सबट्रैक्शन एंजियोग्राफी (DSA) मशीन लगाई गई है. इस मशीन (Digital Subtraction Angiography) को इंस्टॉल किए करीब 2 महीने से ज्यादा हो गए हैं, लेकिन उद्घाटन के इंतजार में अभी तक इस मशीन से मरीजों का इलाज पूरी तरह से शुरू नहीं हो पाया है. दरअसल, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से इस मशीन का उद्घाटन किया जाएगा. इस 3डी मशीन द्वारा ब्रेन स्ट्रोक के मरीजों में बिना ओपन सर्जरी किए आसानी से स्टंट डाला जा सकेगा. 3डी तकनीकी से ब्रेन स्ट्रोक संबंधित इलाज करने वाला सवाई मानसिंह अस्पताल प्रदेश का पहला अस्पताल होगा.
जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल के न्यूरो सर्जरी विभाग को हाईटेक किया जा रहा है और अब ब्रेन स्ट्रोक संबंधित अन्य बीमारियों का इलाज करने के लिए गहलोत सरकार की ओर से करीब 10 करोड़ रुपए की लागत से एक न्यूरोइंटरवेंशनल लैब तैयार (Neurointerventional Lab at SMS Hospital) की गई है. इसमें डीएसए मशीन (Digital Subtraction Angiography) लगाई गई है. इस मशीन को इंस्टॉल किया जा चुका है और कुछ मरीजों पर ट्रायल भी किए गए. इसके बाद रिजल्ट काफी अच्छा रहा, लेकिन अभी तक इस मशीन का पूर्ण लाभ मरीजों को नहीं मिल पा रहा है.
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इसका कारण है इस लैब या मशीन का विधिवत उद्घाटन नहीं होना. दरअसल मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बजट में यह मशीन लगाने की घोषणा की थी और अब इसे लगाया जा चुका है. इस मशीन का मुख्यमंत्री द्वारा ही उद्घाटन किया जाएगा, लेकिन समय नहीं मिल पाने के कारण अभी तक इसका उद्घाटन नहीं हो पाया है. इशको लेकर एसएमएस अस्पताल (Sawai Mansingh Hospital) के न्यूरो सर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष और अस्पताल के अधीक्षक डॉ. अचल शर्मा का कहना है कि इससे पहले 2डी मशीन के माध्यम से ही इस तरह के मरीजों का इलाज या ऑपरेशन किया जा रहा था. लेकिन अब अस्पताल में 3डी मशीन को इंस्टॉल किया गया है जिसके बाद बिना ओपन सर्जरी किए ब्रेन स्ट्रोक के मरीज को स्टंट लगाया जा सकेगा. डॉ. शर्मा का कहना है कि इस मशीन का ट्रायल किया जा रहा है और जल्दी इसे शुरू कर दिया जाएगा.
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ये मिलेगा फायदा- डॉ. शर्मा का कहना है कि इस मशीन के लगने के बाद परफेक्ट तरीके से मरीज के सिर में स्टंट लगाया जा सकेगा क्योंकि जिस ब्लड वेसल्स में खून का थक्का जमा है वहां की 3D इमेज यह मशीन तैयार करेगी. इसी 3D इमेज के माध्यम से बिना ओपन सर्जरी किए स्टंट लगाया जा सकेगा. खास बात यह है कि 3डी तकनीकी के माध्यम से स्टंट लगाते वक्त किसी अन्य ब्लड वेसल्स को नुकसान भी नहीं होगा. इसके अलावा इस मशीन द्वारा सिर से लेकर पैर तक की सभी नसों से संबंधित बीमारियों का इलाज संभव होगा और इससे संबंधित अनुवांशिक बीमारियों की जांच भी आसान हो सकेगी.
सीटी स्कैन की सुविधा भी- डॉक्टर अचल शर्मा का कहना है कि इस मशीन की खास बात यह है कि मशीन में सीटी स्कैन की सुविधा भी उपलब्ध है. इससे पहले इलाज के दौरान कई बार मरीज को सीटी स्कैन की आवश्यकता पड़ती थी. ऐसे में ऑपरेशन थिएटर से मरीज को सीटी स्कैन के लिए ले जाया जाता था, जिसमें काफी वक्त लग जाता था लेकिन इस डीएसए मशीन में सीटी स्कैन की सुविधा भी उपलब्ध है और ऑपरेशन के दौरान ही सीटी स्कैन के माध्यम से मरीज की मौजूदा स्थिति को देखा जा सकता है.
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खास बात यह है कि इस मशीन में रेडिएशन भी काफी कम है और जहां आमतौर पर 2डी मशीन पर सिर्फ 2 मरीजों का इलाज होता था तो अब इस 3डी मशीन के माध्यम से चार से पांच मरीजों का इलाज आसानी से हो सकेगा. मशीन को रेडिएशन से जुड़ा सर्टिफिकेट भी मिल चुका है.