जयपुर. पूर्व नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी बोले कि उम्मीद नहीं थी कि क्रिकेट में आने के बाद उनके साथ ऐसा व्यवहार होगा. उनका कहना है कि मुझे शर्म महसूस हो रही है. वहीं डूडी का कहना है कि अध्यक्ष का फैसला तो 33 जिला संघ करेंगे. लेकिन वे चाहते हैं कि चुनाव निर्विरोध हो, जिससे किसी तरीके की गुटबाजी नहीं हो.
बता दें कि अब तक राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन में देखा जाता था कि दो गुटों में राजस्थान क्रिकेट एकेडमी हमेशा बंटी रही है. इसमें एक गुट ललित मोदी का होता था, जिसमें भाजपा समर्थित लोग भी शामिल होते थे. वहीं दूसरा गुट कांग्रेस समर्थित होता था. लेकिन पहली बार देखा जा रहा है कि आरसीए इस बार कांग्रेस के ही दो गुट बन गए हैं. इसमें एक गुट वर्तमान आरसीए अध्यक्ष सीपी जोशी का है तो दूसरा गुट कांग्रेस के पूर्व नेता प्रतिपक्ष रहे रामेश्वर डूडी का. ऐसे में दोनों कांग्रेसी नेता ही एक दूसरे के खिलाफ हो गए हैं.
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इस मामले में जब पूर्व नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि संस्था कोई भी हो अगर उसमें गुटबाजी होगी तो वह नहीं चल सकती. क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष सीपी जोशी हैं. जो प्रतिभावान तजुर्बेवान और कांग्रेस के बड़े लीडर हैं. जब वे नागौर क्रिकेट एसोसिएशन का अध्यक्ष बना तो डूडी को नहीं लगा कि कभी आरसीए में ऐसा वातावरण उन्हें देखने को मिलेगा. साथ ही उनका कहना है कि उन्हें इस पर शर्म का अहसास हो रहा है. उन्होंने सीपी जोशी से भी कहा है कि इस मसले पर बैठकर बात की जाए. इससे राजस्थान के युवाओं को फायदा मिल सकेगा. संस्था कोई भी हो लेकिन वह तभी सुचारू रूप से चल सकती है, जब उसमें गुटबाजी न हो.
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हालांकि यह बिल्कुल साफ है कि रामेश्वर डूडी अब होने वाले चुनाव में अध्यक्ष पद की दावेदारी करेंगे. लेकिन वहीं सीधे तौर पर वह बोलने से बच रहे हैं. डूडी ने कहा कि अध्यक्ष कौन होगा यह तो 33 जिला संघ और दो इंटरनेशनल खिलाड़ी मिलकर ही तय करेंगे. लेकिन वह चाहते हैं कि इस बार का चुनाव निर्विरोध हो ताकि यह बिना गुटबाजी के चल सके.
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साथ ही डूडी का कहना है कि अगर आरसीए के चुनाव में वैभव गहलोत भी भागीदारी निभाते हैं तो इससे क्रिकेट को फायदा ही होगा. लेकिन उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस बार के आरसीए के चुनाव अनअपोज्ड होने चाहिए ताकि आरसीए गुटों में बैठी हुई न रहे.