जयपुर. प्रदेश में पेपर लीक मामला गहलोत सरकार के लिए गले की फांस बन गया है. चुनावी माहौल में बीजेपी ने सदन से सड़क तक इसे बड़ा मुद्दा बना दिया है. एक तरफ बीजेपी का युवा मोर्चा अजमेर में पेपर लीक को लेकर सड़कों पर है तो वहीं दूसरी ओर विधानसभा में विपक्ष पेपर लीक के मुद्दे पर सरकार को घेरने की रणनीति बना रखी है. उप नेता प्रतिपक्ष सतीश पूनिया ने गहलोत सरकार की ओर से पेपर लीक रोकने के लिए लाए जा रहे कानून पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि सरकार के इस बिल से पेपर लीक रुकने वाला नहीं है. कांग्रेस सरकार खानापूर्ति करने की बजाए योगी सरकार की तरह बुलडोजर नीति लाती तो पेपर लीक माफियाओं में खौफ होता.
कांग्रेस के पेट में दर्द क्यों : उपनेता प्रतिपक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि सरकार प्रमुख मुद्दों पर सदन में जवाब देने से बच रही है. विपक्ष अगर आम जनता से जुड़े सवाल उठा रहा है तो कांग्रेस के पेट में दर्द क्यों हो रहा है ? पूनिया ने कहा कि यह भी तय है कि हमारे सवालों से कितना ही कांग्रेस के पेट में दर्द हो हम रुकने वाले नहीं हैं. विधायक दल की बैठक में भी आगे की रणनीति बनाई है, कांग्रेसी सरकार के बिलों को लेकर विशेषज्ञों से चर्चा की जा रही है. विशेषज्ञों की राय को लेकर सदन में चर्चा की जाएगी. उन्होंने कहा कि कांग्रेस अपनी कुर्सी की लड़ाई में जनता को रामभरोसे छोड़ दिया है, अब विपक्ष के नाते हमारी जिम्मेदारी सरकार को आइना दिखाएंगे. पुनिया ने कहा कि प्रदेश की जनता में गहरा आक्रोश है. कांग्रेस के खिलाफ आज सबसे बड़ा मुद्दा कानून व्यवस्था है जो प्रदेश की बिगड़ी हुई है. इसको लेकर बीजेपी की ओर से अभियान भी चलाया जा रहा है " नहीं सहेगा राजस्थान " ये अभियान गांव ढाणी तक जाएगा.
योगी बुलडोजर नीति हो : पूनिया ने कहा कि सरकार पेपर लीक रोकने के लिए बिल लाने की बात कर रही है. सदन में बिल आए हमें उससे कोई एतराज नहीं है. हमारा एतराज इस बात पर है कि सरकार बिल के जरिए सिर्फ खानापूर्ति कर रही है. प्रदेश के लाखों युवाओं के भविष्य के साथ रोजाना खिलवाड़ हो रहा है. बड़े-बड़े पेपर माफिया अभी भी पुलिस की गिरफ्त से दूर हैं. सरकार का पेपर माफियाओं को संरक्षण मिल रहा है. पूनिया ने कहा कि खानापूर्ति वाले बिल से पेपर लीक रुकने वाला नहीं है, प्रदेश में योगी सरकार की तरह बुलडोजर नीति प्रदेश में होती तो पेपर लीक माफियाओं में खौफ होता. पूनिया ने कहा कि प्रदेश में अपराधियों के हौसले तब बढ़ते हैं जब व्यवस्था कमजोर होती है. राजनीतिक हस्तक्षेप के कारण पुलिस का मनोबल कमजोर हो रहा है. पुलिस के मनोबल कम होने के कारण ही अपराध बढ़ रहा है. पेपर लीक को लेकर अगर सरकार की नीयत ठीक होती तो आज दो दर्जन के करीब पेपर लीक के मामले सामने नहीं आते.
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