जयपुर. उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने चुनाव आयोग पर बीजेपी से प्रभावित होकर काम करने का आरोप लगाया है. पायलट ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी नाथूराम गोडसे को राष्ट्रभक्त बताने वाले नेताओं पर कार्रवाई नहीं कर रही है. वहीं उन्होंने पश्चिम बंगाल में की विद्यासागर की मूर्ति तोड़ने के मामले को बेहद शर्मनाक बताया है.
उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने शुक्रवार को जयपुर में एक प्रेस कांफ्रेस आयोजित की. जिसमें उन्होंने बीजेपी पर जमकर निशान साधा. पायलट ने कहा है कि पिछले दिनों सत्ताधारी पार्टी के नेताओं ने जो परिचय दिया वह देश के लिए निराशाजनक है. भोपाल में भाजपा प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा का बयान दुर्भाग्यपूर्ण है. बीजेपी का कहना है कि इस बयान से उनकी पार्टी का कोई लेना देना नहीं है. देश के राष्ट्रपित की फोटो राष्ट्रपति हो या प्रधानमंत्री या कोई मुख्यमंत्री हर किसी के चेंबर में लगी होती है. वहीं राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के हत्यारों को जो देश भक्त बताने वाले लोगों को पार्टी से बाहर निकालना चाहिए, लेकिन भाजपा ऐसा नहीं कर रही है. ऐसे में उनकी मंशा गांधीवाद के प्रति क्या है यह सामने आ गई है. पायलट ने कहा है कि 6 चरणों के मतदान के बाद भाजपा बौखलाहट है. उन्होंने कहा कि जिन राज्यों राजस्थान मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में भाजपा को 2014 में बढ़त मिली थी वहां पर अब भाजपा को नुकसान हो रहा है. यही कारण है कि भाजपा पश्चिम बंगाल में ज्यादा सीटें लाने के लिए प्रयास कर रही है.
उप मुख्यमंत्री ने पश्चिम बंगाल की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया. उन्होंने कहा कि विद्यासागर की मूर्ति तोड़ने की जांच होनी चाहिए. पीएम को ऐसी घटनाओं की निंदा करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि बिना तथ्यों के टीएमसी कार्यकर्ताओं की तुलना कश्मीर के पत्थरबाजों से करना प्रधानमंत्री के पद को शोभा नहीं देता. पायलट ने कहा कि प्रधानमंत्री ने कहा है कि टीएमसी के 40 विधायक हमारे पक्ष में हैं. यह देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था के खिलाफ है. वहीं पीएम ने रायबरेली की कांग्रेस की विधायक अदिति सिंह पर हमले की बीजेपी के किसी ने निंदा नहीं की है. वहीं जिस तरीके से बंगाल के मामले पर भाजपा के नेता सामने आ रहे हैं यह उनका दोहरा चरित्र दर्शाता है.
वहीं पायलट ने चुनाव आयोग पर भी सवालिया निशान खड़े किए. उन्होंने कहा कि वह एक संवैधानिक संस्था का सम्मान करते हैं, लेकिन अब चुनाव आयोग की विश्वसनीयता पर सवाल उठ रहे हैं. चुनाव आयोग को चुनाव प्रचार बंद ही करना था तो हिंसा होने के तुरंत बाद होना था. चुनाव आयोग ने एक दिन पहले चुनाव प्रचार बंद इसलिए किया ताकि प्रधानमंत्री को उनकी सभा करने का समय मिल जाए. पायलट ने कहा कि गैर एनडीए सरकार बनाने लिए अब कांग्रेस सभी विपक्षी दलों के संपर्क में है.