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जयपुर में नर्सिंग कर्मचारियों का शक्ति प्रदर्शन, सामूहिक अवकाश लेकर सरकार के खिलाफ भरी हुंकार, दी ये चेतावनी - नर्सेज संघर्ष समिति

राजस्थान में इस साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होना है, लेकिन चुनाव से पहले आंदोलन और प्रदर्शनों के जारी सिलसिले ने राज्य सरकार की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. इसी कड़ी में शुक्रवार को नर्सिंग कर्मचारियों ने सामूहिक अवकाश लेकर अपनी ताकत दिखाई.

Demonstration of power of nursing staff in Jaipur
Demonstration of power of nursing staff in Jaipur
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Aug 25, 2023, 5:44 PM IST

नर्सिंग कर्मचारियों ने राज्य सरकार को दी चेतावनी

जयपुर. विधानसभा चुनाव से पहले नर्सिंग कर्मचारियों ने सामूहिक अवकाश लेकर अपनी ताकत दिखाई. प्रदेशभर के नर्सिंग कर्मचारी शुक्रवार को एसएमएस मेडिकल कॉलेज से मार्च करते हुए रामलीला मैदान पहुंचे, जहां सभा के माध्यम से राज्य सरकार को चेतावनी दी गई. साथ ही कहा गया कि अगर सरकार उनकी मांगे नहीं मानती है तो वो आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को वोट नहीं करेंगे.

नर्सिंग कर्मचारियों ने किया शक्ति प्रदर्शन - पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने अपने मेनिफेस्टो में नर्सिंग कर्मचारी की वेतन में संगति दूर करने, टाइम स्केल पदोन्नति करने, संविदा पर कार्यरत कर्मचारियों को नियमित करने जैसी घोषणाएं की थी, जिन्हें याद दिलाने के लिए नर्सिंग कर्मचारी बीते 4 साल में दर्जनों बार प्रदर्शन कर चुके हैं. वहीं, बीते 40 दिनों से दो घंटे का कार्य बहिष्कार कर आंदोलनरत हैं, लेकिन सरकार की ओर से उनकी 11 सूत्रीय मांगों को लेकर कोई सकारात्मक रुख सामने नहीं आया है. ऐसे में नर्सिंग कर्मचारी ने शुक्रवार को सामूहिक अवकाश लेकर जयपुर के रामलीला मैदान में शक्ति प्रदर्शन किया.

इसे भी पढ़ें - आज नर्सिंग कर्मचारियों का 2 घंटे का कार्य बहिष्कार, सरकार को चेताया मांगे नहीं मानी तो करेंगे आंदोलन

नर्सेज संघर्ष समिति के नेता प्यारेलाल चौधरी ने बताया कि राज्य सरकार से लंबे अरसे से मांग की जा रही है, लेकिन सरकार की ओर से अब तक कोई सकारात्मक पहल नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि मुख्य मांगों में नर्सेज कैडर का पुनर्गठन, नर्सेज निदेशालय की स्थापना, संविदा नर्सेज भर्ती को बंद करने, नर्सिंग छात्रों के स्टाइपेंड में वृद्धि करने, प्लेसमेंट भर्ती पर रोक लगाने जैसी मांगें शामिल हैं. इसी प्रकार एएनएम, एलएचबी, नर्सिंग ट्यूटर का पदनाम परिवर्तन करने और नर्स को दवाई लिखने के राइट्स देने जैसी 11 सूत्रीय मांगों को लेकर बीते 40 दिन से नर्सिंग कर्मचारी दो घंटे का कार्य बहिष्कार करते हुए आंदोलनरत है. बावजूद इसके सरकार ने अपनी मांगों पर ध्यान नहीं दिया है.

पढ़ेंः Nurses Strike in Jhalawar : अनिश्चितकाल धरना 15वें दिन भी जारी, आज से 2 घंटे के कार्य बहिष्कार का ऐलान

ऐसे में शुक्रवार को शक्ति प्रदर्शन करते हुए प्रदेशभर के संविदा कर्मचारी पैदल मार्च कर रामलीला मैदान पहुंचे, जहां राज्य सरकार के खिलाफ हुंकार भरते हुए चेतावनी दी गई. साथ ही कहा गया कि आने वाले सप्ताह में एक बड़ा आंदोलन किया जाएगा और सरकार से आर-पार की लड़ाई होगी. वहीं, नर्सेज नेता राजूराम ने कहा कि आने वाले विधानसभा चुनाव से पहले यदि उनकी मांगे नहीं मानी जाती है तो कांग्रेस पर वोट की चोट की जाएगी. नर्सिंग कर्मचारी ही नहीं, उनका पूरा परिवार और समाज कांग्रेस के खिलाफ खड़ा होगा. उधर, पूरे प्रदेश में नर्सिंग कर्मचारी के अवकाश पर होने के चलते कई अस्पतालों में मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा. वहीं, कुछ जगह वैकल्पिक व्यवस्था करते हुए नर्सिंग कॉलेज से स्टूडेंट्स को आपात सेवा के लिए बुलाया गया.

नर्सिंग कर्मचारियों ने राज्य सरकार को दी चेतावनी

जयपुर. विधानसभा चुनाव से पहले नर्सिंग कर्मचारियों ने सामूहिक अवकाश लेकर अपनी ताकत दिखाई. प्रदेशभर के नर्सिंग कर्मचारी शुक्रवार को एसएमएस मेडिकल कॉलेज से मार्च करते हुए रामलीला मैदान पहुंचे, जहां सभा के माध्यम से राज्य सरकार को चेतावनी दी गई. साथ ही कहा गया कि अगर सरकार उनकी मांगे नहीं मानती है तो वो आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को वोट नहीं करेंगे.

नर्सिंग कर्मचारियों ने किया शक्ति प्रदर्शन - पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने अपने मेनिफेस्टो में नर्सिंग कर्मचारी की वेतन में संगति दूर करने, टाइम स्केल पदोन्नति करने, संविदा पर कार्यरत कर्मचारियों को नियमित करने जैसी घोषणाएं की थी, जिन्हें याद दिलाने के लिए नर्सिंग कर्मचारी बीते 4 साल में दर्जनों बार प्रदर्शन कर चुके हैं. वहीं, बीते 40 दिनों से दो घंटे का कार्य बहिष्कार कर आंदोलनरत हैं, लेकिन सरकार की ओर से उनकी 11 सूत्रीय मांगों को लेकर कोई सकारात्मक रुख सामने नहीं आया है. ऐसे में नर्सिंग कर्मचारी ने शुक्रवार को सामूहिक अवकाश लेकर जयपुर के रामलीला मैदान में शक्ति प्रदर्शन किया.

इसे भी पढ़ें - आज नर्सिंग कर्मचारियों का 2 घंटे का कार्य बहिष्कार, सरकार को चेताया मांगे नहीं मानी तो करेंगे आंदोलन

नर्सेज संघर्ष समिति के नेता प्यारेलाल चौधरी ने बताया कि राज्य सरकार से लंबे अरसे से मांग की जा रही है, लेकिन सरकार की ओर से अब तक कोई सकारात्मक पहल नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि मुख्य मांगों में नर्सेज कैडर का पुनर्गठन, नर्सेज निदेशालय की स्थापना, संविदा नर्सेज भर्ती को बंद करने, नर्सिंग छात्रों के स्टाइपेंड में वृद्धि करने, प्लेसमेंट भर्ती पर रोक लगाने जैसी मांगें शामिल हैं. इसी प्रकार एएनएम, एलएचबी, नर्सिंग ट्यूटर का पदनाम परिवर्तन करने और नर्स को दवाई लिखने के राइट्स देने जैसी 11 सूत्रीय मांगों को लेकर बीते 40 दिन से नर्सिंग कर्मचारी दो घंटे का कार्य बहिष्कार करते हुए आंदोलनरत है. बावजूद इसके सरकार ने अपनी मांगों पर ध्यान नहीं दिया है.

पढ़ेंः Nurses Strike in Jhalawar : अनिश्चितकाल धरना 15वें दिन भी जारी, आज से 2 घंटे के कार्य बहिष्कार का ऐलान

ऐसे में शुक्रवार को शक्ति प्रदर्शन करते हुए प्रदेशभर के संविदा कर्मचारी पैदल मार्च कर रामलीला मैदान पहुंचे, जहां राज्य सरकार के खिलाफ हुंकार भरते हुए चेतावनी दी गई. साथ ही कहा गया कि आने वाले सप्ताह में एक बड़ा आंदोलन किया जाएगा और सरकार से आर-पार की लड़ाई होगी. वहीं, नर्सेज नेता राजूराम ने कहा कि आने वाले विधानसभा चुनाव से पहले यदि उनकी मांगे नहीं मानी जाती है तो कांग्रेस पर वोट की चोट की जाएगी. नर्सिंग कर्मचारी ही नहीं, उनका पूरा परिवार और समाज कांग्रेस के खिलाफ खड़ा होगा. उधर, पूरे प्रदेश में नर्सिंग कर्मचारी के अवकाश पर होने के चलते कई अस्पतालों में मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा. वहीं, कुछ जगह वैकल्पिक व्यवस्था करते हुए नर्सिंग कॉलेज से स्टूडेंट्स को आपात सेवा के लिए बुलाया गया.

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