जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश के सभी निकायों में सफाई कर्मचारियों के 30 हजार पदों पर भर्ती की घोषणा की है. ऐसे में अब इन पदों पर वाल्मीकि समाज को प्राथमिकता देने की मांग उठाई गई है. संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती के मौके पर अखिल भारतीय सफाई मजदूर कांग्रेस की मंच से ये मांग उठाई गई. दरअसल, डॉ. भीमराव अंबेडकर के 132वें जयंती के मौके पर राजधानी जयपुर में यूथ हॉस्टल में अखिल भारतीय सफाई मजदूर कांग्रेस का सम्मेलन हुआ.
इस दौरान राज्य सफाई कर्मचारी आयोग के प्रदेश अध्यक्ष किशनलाल जैदिया ने कहा कि भारतरत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर का जन्मोत्सव मनाने के लिए प्रदेशभर से अखिल भारतीय सफाई मजदूर कांग्रेस के कार्यकर्ता एकत्र हुए. बाबा साहेब के जीवन से प्रेरणा लेने और समाज के विकास व उत्थान के संबंध में यहां चर्चा की गई. उन्होंने कहा कि सफाई कर्मचारियों की जो मूल समस्याएं थी, वो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बजट सत्र में घोषणा करते हुए उनका समाधान किया है.
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सीएम ने 30 हजार सफाई कर्मचारियों के पदों पर भर्ती करने की घोषणा की है. साथ ही पहली बार राजस्थान में वाल्मीकि समाज के कल्याण कोष में 100 करोड़ रुपए दिए गए हैं. इस दौरान उन्होंने कहा कि जिन 30 हजार पदों पर कर्मचारियों की भर्ती होनी है, उसमें वाल्मीकि समाज को प्राथमिकता दी जानी चाहिए. इसके पीछे उन्होंने तर्क दिया कि वाल्मीकि समाज परंपरागत रूप से सफाई के कार्य से जुड़ा है.
इनकी पीढ़ियां सदियों से यही काम करते आ रही हैं. लेकिन भाजपा सरकार ने 2018 की भर्तियों में वाल्मीकि समाज के साथ अन्याय किया था. जबकि सफाई कर्मचारी पद पर आरक्षण पद्धति लागू नहीं है और ये भर्ती चतुर्थ श्रेणी से भिन्न है. हालांकि, इस कार्यक्रम में सीएम अशोक गहलोत का पहुंचना भी प्रस्तावित था. लेकिन सीएम अपने व्यस्त शेड्यूल के कारण यहां नहीं पहुंच सके.