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सफाईकर्मियों की भर्ती में वाल्मीकि समाज को प्राथमिकता देने की मांग, अनदेखी पर कार्य बहिष्कार की चेतावनी - safaikarmi increased difficulties of Gehlot govt

इसी साल प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं. ऊपर से आंदोलनों और प्रदर्शनों की चेतावनियों ने राज्य की गहलोत सरकार की मुश्किलें बढ़ा दी है. इसी कड़ी में सोमवार को प्रदेश के सफाईकर्मी सड़क पर उतर आए, जिन्होंने राज्य सरकार की ओर से घोषित सफाईकर्मियों की भर्ती में वाल्मीकी समाज को प्राथमिकता देने की मांग की.

Safai Karmchari Bharti
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Published : Apr 17, 2023, 4:59 PM IST

भर्ती में वाल्मीकि समाज को प्राथमिकता देने की मांग

जयपुर. राजधानी जयपुर में चार साल बाद आईपीएल के मुकाबले होने जा रहे हैं तो केंद्र से स्वच्छ सर्वेक्षण की टीम कभी भी यहां आ सकती है. लेकिन इस बीच जहां शहर को साफ रखने की जिम्मेदारी बढ़ी है. वहीं, इस जिम्मेदारी का निर्वहन करने वाले सफाई कर्मचारियों ने आंदोलन की चेतावनी दी है. वाल्मीकि समाज सफाई श्रमिक संघ ने राज्य सरकार की ओर से 30 हजार पदों पर की जा रही सफाई कर्मचारियों की भर्ती में वाल्मीकि समाज को प्राथमिकता देने की मांग की है. उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर इस बाबत प्रशासन की ओर से अगले तीन दिन में उपयुक्त जवाब नहीं मिला तो पहले अनशन किया जाएगा और फिर उसके 3 दिन बाद कार्य बहिष्कार होगा.

वहीं, ढोल-नगाड़ों के साथ सोमवार को वाल्मीकि समाज के सफाई कर्मचारी और समाज के बेरोजगार डीएलबी डायरेक्टर को ज्ञापन देने पहुंचे. इस दौरान वाल्मीकि सफाई श्रमिक संघ के अध्यक्ष नंदकिशोर डंडोरिया ने बताया कि 18 जनवरी, 2023 को डीएलबी डायरेक्टर ने सफाई कर्मचारियों के साथ समझौता किया था. जिसके अनुसार 2018 से पहले जिन लोगों ने बीट और ठेके पर काम किया है, उन्हें नियुक्ति में प्राथमिकता दी जाएगी. लेकिन उस समझौते को क्रियान्वित नहीं करते हुए वर्गीकरण के आधार पर सफाई कर्मचारियों की भर्ती करने जा रहे हैं. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि 3 दिन में मांगों का निस्तारण नहीं होता है तो 3 दिन बाद यहां अनशन किया जाएगा और उसके 3 दिन बाद जयपुर सहित पूरे राजस्थान में सफाई कार्य का बहिष्कार किया जाएगा.

इसे भी पढ़ें - पूरे 5 साल सरकार चलाएंगे सीएम गहलोत, प्रदेश में जल्द होगी सफाईकर्मियों की भर्ती: जैदिया

जयपुर में होने वाले आईपीएल मैच और केंद्र से आने वाली स्वच्छ सर्वेक्षण की टीम के सामने शहर की छवि को लेकर उन्होंने कहा कि यदि सरकार को शहर की सफाई की चिंता है तो जिन लोगों ने पहले सफाई का काम किया है, उन्हें भर्तियों में प्राथमिकता दें. उन्होंने कहा कि सरकार तो पूर्व में सफाई का कार्य कर चुके लोगों को प्राथमिकता देना चाहती है. लेकिन जो अधिकारी हैं, वो वर्गीकरण के आधार पर भर्तियां करना चाहते हैं. लेकिन इस बार 2018 नहीं दोहराने दिया जाएगा. भर्ती होगी तो केवल वाल्मीकि समाज के लोगों की होगी, अन्यथा ये भर्ती नहीं चाहिए. उन्होंने स्पष्ट किया कि आंदोलन करने की नौबत पड़ी तो स्टेडियम ही नहीं सफाई कर्मचारी किसी भी कार्यालय में दाखिल नहीं होंगे. यहां तक कि घरों में भी सफाई का कार्य नहीं होने दिया जाएगा.

वहीं, वाल्मीकि समाज के सफाई कर्मचारी समाज के बेरोजगारों के साथ डीएलबी पहुंचे, जहां मीडियाकर्मियों से रुबरू हुए राज्य सफाई कर्मचारी आयोग के सदस्य सत्यनारायण ने कहा कि भर्तियों को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाकात की जाएगी. उन्हें बताया जाएगा कि यदि राजस्थान और राजधानी को स्वच्छ रखना है तो वाल्मीकि समाज के लोगों को प्राथमिकता दी जाए. 2012 में जो भर्ती की थी, उसी तर्ज पर नई भर्तियां होनी चाहिए. उन्होंने आरोप लगाया कि 2018 में जिन लोगों की सफाई कर्मचारी पदों पर नियुक्ति हुई थी, वो सफाई का कार्य ही नहीं कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि सब फर्जी बिल उठा रहे हैं. जिसमें सरकार का लाखों रुपए खर्च हो रहा है, जिसका सीधा असर जनता पर पड़ रहा है.

झालावाड़ में भी प्रदर्शन - इधर, झालावाड़ में अखिल भारतीय वाल्मीकि महासभा सभा शाखा झालावाड़ के नेतृत्व में सोमवार को वाल्मीकि समाज के दर्जनों लोग मिनी सचिवालय पहुंचे, जहां विभिन्न मांगों को लेकर प्रदर्शन किया गया. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री के नाम एसडीएम मनीषा तिवारी को ज्ञापन सौंपा. वहीं, इस दौरान वाल्मीकि समाज के लोगों ने जिला मुख्यालय पर छात्रावास के लिए भूमि और सफाईकर्मियों की भर्ती में वाल्मीकि समाज के लोगों को प्राथमिकता देने की मांग की. मौके पर मौजूद रहे अखिल भारतीय वाल्मीकि महासभा के राष्ट्रीय संगठन सचिव रवि संगत ने बताया कि कोरोना काल के दौरान संक्रमित शवों को दफनाने का कार्य वाल्मीकि समाज के सफाईकर्मियों ने किया था. हालांकि, तब समाज के लोगों ने अपनी जान तक की परवाह नहीं की थी, लेकिन आज समाज के लोगों को सरकार से न्याय की आस है.

भर्ती में वाल्मीकि समाज को प्राथमिकता देने की मांग

जयपुर. राजधानी जयपुर में चार साल बाद आईपीएल के मुकाबले होने जा रहे हैं तो केंद्र से स्वच्छ सर्वेक्षण की टीम कभी भी यहां आ सकती है. लेकिन इस बीच जहां शहर को साफ रखने की जिम्मेदारी बढ़ी है. वहीं, इस जिम्मेदारी का निर्वहन करने वाले सफाई कर्मचारियों ने आंदोलन की चेतावनी दी है. वाल्मीकि समाज सफाई श्रमिक संघ ने राज्य सरकार की ओर से 30 हजार पदों पर की जा रही सफाई कर्मचारियों की भर्ती में वाल्मीकि समाज को प्राथमिकता देने की मांग की है. उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर इस बाबत प्रशासन की ओर से अगले तीन दिन में उपयुक्त जवाब नहीं मिला तो पहले अनशन किया जाएगा और फिर उसके 3 दिन बाद कार्य बहिष्कार होगा.

वहीं, ढोल-नगाड़ों के साथ सोमवार को वाल्मीकि समाज के सफाई कर्मचारी और समाज के बेरोजगार डीएलबी डायरेक्टर को ज्ञापन देने पहुंचे. इस दौरान वाल्मीकि सफाई श्रमिक संघ के अध्यक्ष नंदकिशोर डंडोरिया ने बताया कि 18 जनवरी, 2023 को डीएलबी डायरेक्टर ने सफाई कर्मचारियों के साथ समझौता किया था. जिसके अनुसार 2018 से पहले जिन लोगों ने बीट और ठेके पर काम किया है, उन्हें नियुक्ति में प्राथमिकता दी जाएगी. लेकिन उस समझौते को क्रियान्वित नहीं करते हुए वर्गीकरण के आधार पर सफाई कर्मचारियों की भर्ती करने जा रहे हैं. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि 3 दिन में मांगों का निस्तारण नहीं होता है तो 3 दिन बाद यहां अनशन किया जाएगा और उसके 3 दिन बाद जयपुर सहित पूरे राजस्थान में सफाई कार्य का बहिष्कार किया जाएगा.

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जयपुर में होने वाले आईपीएल मैच और केंद्र से आने वाली स्वच्छ सर्वेक्षण की टीम के सामने शहर की छवि को लेकर उन्होंने कहा कि यदि सरकार को शहर की सफाई की चिंता है तो जिन लोगों ने पहले सफाई का काम किया है, उन्हें भर्तियों में प्राथमिकता दें. उन्होंने कहा कि सरकार तो पूर्व में सफाई का कार्य कर चुके लोगों को प्राथमिकता देना चाहती है. लेकिन जो अधिकारी हैं, वो वर्गीकरण के आधार पर भर्तियां करना चाहते हैं. लेकिन इस बार 2018 नहीं दोहराने दिया जाएगा. भर्ती होगी तो केवल वाल्मीकि समाज के लोगों की होगी, अन्यथा ये भर्ती नहीं चाहिए. उन्होंने स्पष्ट किया कि आंदोलन करने की नौबत पड़ी तो स्टेडियम ही नहीं सफाई कर्मचारी किसी भी कार्यालय में दाखिल नहीं होंगे. यहां तक कि घरों में भी सफाई का कार्य नहीं होने दिया जाएगा.

वहीं, वाल्मीकि समाज के सफाई कर्मचारी समाज के बेरोजगारों के साथ डीएलबी पहुंचे, जहां मीडियाकर्मियों से रुबरू हुए राज्य सफाई कर्मचारी आयोग के सदस्य सत्यनारायण ने कहा कि भर्तियों को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाकात की जाएगी. उन्हें बताया जाएगा कि यदि राजस्थान और राजधानी को स्वच्छ रखना है तो वाल्मीकि समाज के लोगों को प्राथमिकता दी जाए. 2012 में जो भर्ती की थी, उसी तर्ज पर नई भर्तियां होनी चाहिए. उन्होंने आरोप लगाया कि 2018 में जिन लोगों की सफाई कर्मचारी पदों पर नियुक्ति हुई थी, वो सफाई का कार्य ही नहीं कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि सब फर्जी बिल उठा रहे हैं. जिसमें सरकार का लाखों रुपए खर्च हो रहा है, जिसका सीधा असर जनता पर पड़ रहा है.

झालावाड़ में भी प्रदर्शन - इधर, झालावाड़ में अखिल भारतीय वाल्मीकि महासभा सभा शाखा झालावाड़ के नेतृत्व में सोमवार को वाल्मीकि समाज के दर्जनों लोग मिनी सचिवालय पहुंचे, जहां विभिन्न मांगों को लेकर प्रदर्शन किया गया. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री के नाम एसडीएम मनीषा तिवारी को ज्ञापन सौंपा. वहीं, इस दौरान वाल्मीकि समाज के लोगों ने जिला मुख्यालय पर छात्रावास के लिए भूमि और सफाईकर्मियों की भर्ती में वाल्मीकि समाज के लोगों को प्राथमिकता देने की मांग की. मौके पर मौजूद रहे अखिल भारतीय वाल्मीकि महासभा के राष्ट्रीय संगठन सचिव रवि संगत ने बताया कि कोरोना काल के दौरान संक्रमित शवों को दफनाने का कार्य वाल्मीकि समाज के सफाईकर्मियों ने किया था. हालांकि, तब समाज के लोगों ने अपनी जान तक की परवाह नहीं की थी, लेकिन आज समाज के लोगों को सरकार से न्याय की आस है.

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