जयपुर. बीते साढ़े 4 साल से तबादलों का इंतजार कर रहे तृतीय श्रेणी शिक्षकों ने एक बार फिर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला है. राजस्थान शिक्षक संघ एकीकृत के बैनर तले शिक्षकों ने शिक्षा संकुल पर क्रमिक धरना शुरू किया. शिक्षकों ने सरकार पर चपरासी से लेकर आईएएस हर संवर्ग के ट्रांसफर होने और तृतीय श्रेणी शिक्षकों के साथ भेदभाव का आरोप लगाते हुए उनकी मांग नहीं माने जाने पर क्रमिक धरने को आमरण अनशन में तब्दील करने की चेतावनी दी है.
तृतीय श्रेणी शिक्षकों ने ट्रांसफर को लेकर शहीद स्मारक पर धरना दिया, आमरण अनशन भी किया, पदयात्रा भी निकाली, प्रदेशभर में ज्ञापन तक दिए और अब शिक्षकों की ओर से एक बार फिर शिक्षा संकुल पहुंच क्रमिक धरना शुरू किया गया है. राजस्थान शिक्षक संघ एकीकृत संगठन के शिक्षकों ने बताया कि शिक्षक एकजुट होकर सीएमओ पहुंचे, तो वहां कुछ शिक्षक नेताओं को बरगला दिया गया और उन्हें ओपीएस और आरजीएचएस का रसगुल्ला खिला कर धन्यवाद देकर विदा कर दिया. ऐसे में अब एक बार फिर आंदोलन की राह पर उतरे हैं. शुरुआत क्रमिक धरने से की गई है और यदि उनकी मांग नहीं मानी जाती, तो इसे क्रमिक अनशन में बदला जाएगा.
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वहीं 2012 से तृतीय श्रेणी शिक्षक पद पर कार्यरत महिला शिक्षक ने बताया कि वो अपने घर से 500 किलोमीटर दूर स्कूल में छात्रों को शिक्षा दे रही हैं, लेकिन उनके बच्चों से दूर हो गए हैं. बीते 11 साल में छोटे बच्चे बड़े हो गए, शादी के लायक हो गए. लेकिन उनको कभी समय नहीं दे पाई. वहीं एक अन्य महिला शिक्षिका ने बताया कि उनके पति और बेटी दोनों की तबीयत खराब रहती है, फिर भी उनसे दूर रहकर शिक्षा की सेवाएं देनी पड़ती हैं. करीब 3 से 4 साल हो चुके हैं, लेकिन ट्रांसफर को लेकर कहीं से कोई पॉजिटिव खबर नहीं मिल रही.
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शिक्षक नेताओं ने कहा कि जिले से लेकर ब्लॉक, संभाग और राजधानी में भी धरने-प्रदर्शन किए जा चुके हैं. आमरण अनशन तक किया गया. कई बार शिक्षा मंत्री से लेकर कई मंत्री और विधायकों से वार्ता हो चुकी है, लेकिन सरकार से सिर्फ हर बार कोरा आश्वासन मिलता है. उधर, माना जा रहा है कि तबादलों के इंतजार में बैठे तृतीय श्रेणी शिक्षकों को इसी महीने के अंत तक सरकार की ओर से कोई खुशखबरी मिल सकती है. 30 मई को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में ट्रांसफर पॉलिसी को लेकर बैठक भी होनी है, जिसमें तस्वीर साफ हो जाएगी.