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दीनदयाल अंत्योदय योजना के कर्मचारी बेरोजगार होने की कगार पर

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Published : Sep 23, 2019, 8:57 PM IST

दीनदयाल अंत्योदय योजना राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के तहत प्रदेश में लगे कार्मिकों की छुट्टी कर नए अभ्यर्थियों के चयन को लेकर यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने कांग्रेसी विधायकों को पत्र लिखा है. जिसके विरोध में सोमवार को एनयूएलएम कर्मचारी धारीवाल के घर का घेराव करने पहुंचे.

यूएचडी मंत्री, uhd minister

जयपुर. दीनदयाल अंत्योदय योजना राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के तहत प्रदेश में लगे कार्मिकों की छुट्टी कर नए अभ्यर्थियों के चयन को लेकर यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने कांग्रेसी विधायकों को पत्र लिखा है. जिसके विरोध में सोमवार को एनयूएलएम कर्मचारी धारीवाल के घर का घेराव करने पहुंचे. बता दें कि 2014 से राज्य की 40 नगर निकायों में दीनदयाल अंत्योदय योजना राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन संचालित है.

कर्मचारियों को निकालने की तैयारी में सरकार

जिसे वित्तीय वर्ष 2016 से बढ़ाकर राज्य की सभी नगर निकायों में कर दिया गया था. योजना के क्रियान्वयन के लिए एचआर एजेंसी के जरिए तकनीकी विशेषज्ञ और सामुदायिक संगठनों की सेवाएं ली जा रही थी.15 जून 2019 को तत्कालीन एचआर एजेंसी का कार्यकाल पूरा हो गया और एचआर सेवाएं प्राप्त करने के लिए निविदा प्रक्रिया के जरिए दूसरी एचआर एजेंसी का चयन किया गया और कार्यरत तकनीकी विशेषज्ञ और सामुदायिक संगठन का भुगतान रोक दिया गया.

पढ़ें : झालावाड़ में इंजन चोरी के शक में एक व्यक्ति की पीट-पीटकर हत्या

वहीं बीते 3 महीने से ये कर्मचारी बिना भुगतान के काम कर रहे हैं. लेकिन हाल ही में यूडीएच मंत्री की ओर से इस संबंध में नए अभ्यर्थियों के चयन के लिए कांग्रेसी विधायकों को पत्र लिखा गया. जिसके विरोध में सोमवार को करीब 438 कर्मचारी यूडीएच मंत्री के घर का घेराव करने पहुंचे. हालांकि, यहां उनकी मुलाकात यूडीएच मंत्री से नहीं हुई, तो उन्होंने सीएम आवास का रुख किया. इस दौरान उन्होंने बताया कि सरकार 438 नहीं बल्कि प्रदेश के लाखों लोगों को बेरोजगार करने जा रही है.

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार से मिलने वाला 60 फीसदी भुगतान भी राज्य सरकार ने अटका रखा है. यही वजह है कि जो कर्मचारी 3 साल से दूसरों को आजीविका दे रहे थे और खुद अपनी आजीविका के लिए तरस रहे हैं. कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि सरकार योजना में बीजेपी के दीनदयाल का नाम जुड़े होने की वजह से योजना को ठप करने पर आमादा है.

जयपुर. दीनदयाल अंत्योदय योजना राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के तहत प्रदेश में लगे कार्मिकों की छुट्टी कर नए अभ्यर्थियों के चयन को लेकर यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने कांग्रेसी विधायकों को पत्र लिखा है. जिसके विरोध में सोमवार को एनयूएलएम कर्मचारी धारीवाल के घर का घेराव करने पहुंचे. बता दें कि 2014 से राज्य की 40 नगर निकायों में दीनदयाल अंत्योदय योजना राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन संचालित है.

कर्मचारियों को निकालने की तैयारी में सरकार

जिसे वित्तीय वर्ष 2016 से बढ़ाकर राज्य की सभी नगर निकायों में कर दिया गया था. योजना के क्रियान्वयन के लिए एचआर एजेंसी के जरिए तकनीकी विशेषज्ञ और सामुदायिक संगठनों की सेवाएं ली जा रही थी.15 जून 2019 को तत्कालीन एचआर एजेंसी का कार्यकाल पूरा हो गया और एचआर सेवाएं प्राप्त करने के लिए निविदा प्रक्रिया के जरिए दूसरी एचआर एजेंसी का चयन किया गया और कार्यरत तकनीकी विशेषज्ञ और सामुदायिक संगठन का भुगतान रोक दिया गया.

पढ़ें : झालावाड़ में इंजन चोरी के शक में एक व्यक्ति की पीट-पीटकर हत्या

वहीं बीते 3 महीने से ये कर्मचारी बिना भुगतान के काम कर रहे हैं. लेकिन हाल ही में यूडीएच मंत्री की ओर से इस संबंध में नए अभ्यर्थियों के चयन के लिए कांग्रेसी विधायकों को पत्र लिखा गया. जिसके विरोध में सोमवार को करीब 438 कर्मचारी यूडीएच मंत्री के घर का घेराव करने पहुंचे. हालांकि, यहां उनकी मुलाकात यूडीएच मंत्री से नहीं हुई, तो उन्होंने सीएम आवास का रुख किया. इस दौरान उन्होंने बताया कि सरकार 438 नहीं बल्कि प्रदेश के लाखों लोगों को बेरोजगार करने जा रही है.

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार से मिलने वाला 60 फीसदी भुगतान भी राज्य सरकार ने अटका रखा है. यही वजह है कि जो कर्मचारी 3 साल से दूसरों को आजीविका दे रहे थे और खुद अपनी आजीविका के लिए तरस रहे हैं. कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि सरकार योजना में बीजेपी के दीनदयाल का नाम जुड़े होने की वजह से योजना को ठप करने पर आमादा है.

Intro:जयपुर - राज्य सरकार प्रदेश के 438 कार्मिकों को बेरोजगार करने जा रही है। दीनदयाल अंत्योदय योजना राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के तहत प्रदेश में लगे कार्मिकों की छुट्टी कर नए अभ्यर्थियों के चयन को लेकर यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने कांग्रेसी विधायकों को पत्र लिखा है। वहीं बीते 3 महीने से कार्यरत कर्मचारियों का भुगतान भी अटका रखा है। जिसके विरोध में आज एन यू एल एम कर्मचारी धारीवाल के घर का घेराव करने पहुंचे।


Body:2014 से राज्य की 40 नगर निकायों में दीनदयाल अंत्योदय योजना राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन संचालित है। जिसे वित्तीय वर्ष 2016 से बढ़ाकर राज्य की सभी नगर निकायों में कर दिया गया था। योजना के क्रियान्वयन के लिए एचआर एजेंसी के जरिए तकनीकी विशेषज्ञ और सामुदायिक संगठनों की सेवाएं ली जा रही थी। 15 जून 2019 को तत्कालीन एचआर एजेंसी का कार्यकाल पूरा हो गया। और एचआर सेवाएं प्राप्त करने के लिए निविदा प्रक्रिया के दरिया दूसरी एचआर एजेंसी का चयन किया गया। और कार्यरत तकनीकी विशेषज्ञ और सामुदायिक संगठन का भुगतान रोक दिया गया। बीते 3 महीने से ये कर्मचारी बिना भुगतान काम कर रहे हैं। लेकिन हाल ही में यूडीएच मंत्री की ओर से इस संबंध में नए अभ्यर्थियों के चयन के लिए कांग्रेसी विधायकों को पत्र लिखा गया। जिसके विरोध में आज करीब 438 कर्मचारी यूडीएच मंत्री के घर का घेराव करने पहुंचे। हालांकि यहां उनकी मुलाकात यूडीएच मंत्री से नहीं हुई, तो उन्होंने सीएम आवास का रुख किया। इस दौरान उन्होंने बताया कि सरकार 438 नहीं बल्कि प्रदेश के लाखों लोगों को बेरोजगार करने जा रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार से मिलने वाला 60 फीसदी भुगतान भी राज्य सरकार ने अटका रखा है। यही वजह है कि जो कर्मचारी 3 साल से दूसरों को आजीविका दे रहे थे, आज खुद अपनी आजीविका के लिए तरस रहे हैं। कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि सरकार योजना में बीजेपी के दीनदयाल का नाम जुड़े होने की वजह से योजना को ठप करने पर आमादा है।
बाईट - प्रियंका पाठक, कर्मचारी एनयूएलएम
बाईट - अश्विनी कुमार, स्टेट मैनेजर एनयूएलएम


Conclusion:आपको बता दें कि राजस्थान पूरे भारत में लगातार प्रथम स्थान पर बना हुआ है। और प्रदेश के 20 लाख गरीब बीपीएल परिवार इससे सीधे जुड़े हुए हैं। बावजूद इसके राज्य सरकार वर्तमान में कार्यरत 438 कर्मचारियों को हटाकर, नए कर्मचारियों को नियुक्ति देने का मन बना रही है।
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