जयपुर. सीआरपीएफ आईजी अभय वीर चौहान ने क्वार्टर गार्ड पर सलामी ली. आईजी अभय वीर चौहान ने बटालियन के सभी अधिकारियों और जवानों को पुलिस शहीद दिवस के महत्व के बारे में बताया. इस मौके पर उन्होंने शहीदों के नाम भी पढ़कर सुनाएं. सभी अधिकारियों और जवानों ने शहीदों की शहादत की याद में 2 मिनट का मौन रखा.
सीआरपीएफ के आईजी अभय वीर चौहान ने बताया कि 21 अक्टूबर 1959 को लद्दाख, जम्मू-कश्मीर के हॉट स्प्रिंग नामक स्थान पर चीनी हमले का मुकाबला करते हुए, सीआरपीएफ के 10 वीर जवान शहीद हो गए थे. सीआरपीएफ के जवानों की शहादत को याद करने के लिए हर साल 21 अक्टूबर को पूरे देश में पुलिस स्मरण दिवस मनाया जाता है.
इस दिन शहीद स्मारक पर रीथ चढ़ाकर सम्मान के साथ शहीदों को श्रद्धांजलि देकर उनकी शहादत को याद किया जाता है. उन्होंने बताया कि भारत सरकार ने शहीदों की शहादत को सम्मान देते हुए 21 अक्टूबर को देश भर में पुलिस शहीद दिवस मनाने की घोषणा की थी.
क्योंकि सीआरपीएफ के जवानों ने चीनी सेना का डटकर मुकाबला किया और उनके मंसूबों को नाकाम किया था. सीआरपीएफ 83 बटालियन के कमांडेंट लीलाधर महरानिया ने बताया कि देश की सुरक्षा सीआरपीएफ की अहम जिम्मेदारी है.
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इसे सीआरपीएफ बखूबी से निभाती रहेगी. देश में एकता, अखंडता और सौहार्द कायम रखने के लिए सीआरपीएफ हमेशा तत्पर रहती है. कमांडेंट ने सभी जवानों को एकजुट होकर देश की रक्षा करने के लिए प्रेरित किया.