जयपुर. अतिरिक्त जिला न्यायालय क्रमांक 8 महानगर द्वितीय ने गोविंद देवजी मंदिर के मुख्य दरवाजे के बाहर 49 साल से दुकान लगाने वाले मुराररी लाल सेठी के दावे को खारिज कर दिया है. मुरारी ने दावा दायर कर कहा था कि उसे मौके से गलत तरीके से हटाया जा रहा है. साथ ही दावे में बताया गया कि उसने महाराजा सवाई मानसिंह द्वितीय म्यूजियम ट्रस्ट से साल 1974 में एक रुपए प्रतिमाह पर दुकान का लाइसेंस हासिल किया था. वहीं, अब उसे गलत तरीके से वहां से हटाया जा रहा है.
इसका विरोध करते हुए म्यूजियम ट्रस्ट की ओर से कहा गया कि हाइकोर्ट के आदेश की पालना में मंदिर के मुख्य द्वार के आम रास्ते पर काबिज सभी अतिक्रमियों को पास में ही दुकान बनाकर आवंटित की जा चुकी हैं. वादी भी चाहे तो वहां दुकान ले सकता है. इसके अलावा रास्ते की भूमि को लाइसेंस पर नहीं दिया जा सकता है. साथ ही उसने अपने पक्ष में कोई साक्ष्य भी पेश नहीं किया है. ऐसे में दावे को खारिज किया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने दावे को खारिज कर दिया.
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गौरतलब है कि गोविंद देवजी मंदिर के मुख्य दरवाजे के बाहर करीब दो दर्जन से अधिक दुकानदारों ने अस्थायी दुकान बनाकर फूलमाला और धार्मिक पुस्तकों सहित अन्य सामान की दुकान लगा रखी हैं. हाईकोर्ट ने बीते दिनों आदेश जारी कर इन्हें यहां से हटाकर दूसरी जगह पुनर्वास करने को कहा था. जिसकी पालना में मंदिर परिसर के पास ही कई दुकानें बनाकर इन व्यापारियों को आवंटित की गई हैं. हालांकि, दशकों से काबिज ये दुकानदार इस स्थान को छोड़कर नहीं जाना चाहते हैं. जिसके चलते कई दुकान संचालकों ने अदालत में दावा दायर कर रखा है. वहीं, शहर की निचली अदालत भी इनमें से कई दावों को खारिज कर मंदिर प्रशासन के हक में अपना फैसला सुनाया है.