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ज्ञानदेव आहूजा ने मदरसा की शिक्षा नीति को लेकर दिया विवादित बयान

भाजपा के पूर्व विधायक और पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष ज्ञानदेव आहूजा एक बार फिर अपने विवादित बयानों को लेकर सुर्खियों में हैं. इस बार आहूजा ने मदरसा बोर्ड विधेयक के माध्यम से मदरसों को वैधानिक दर्जा दिए जाने का विरोध किया है.

Ahuja's statement about Madresa,  Madrasa latest news
ज्ञानदेव आहूजा
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Published : Aug 26, 2020, 10:45 PM IST

जयपुर. भाजपा के पूर्व विधायक और पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष ज्ञानदेव आहूजा एक बार फिर अपने विवादित बयानों को लेकर सुर्खियों में हैं. इस बार आहूजा ने मदरसा बोर्ड विधेयक के माध्यम से मदरसों को वैधानिक दर्जा दिए जाने का विरोध किया है. आहूजा ने कहा कि मैंने 2 महीने पहले ही राज्य सरकार से मांग की थी कि तबलीगी जमात और मदरसों पर प्रतिबंध लगाया जाए, क्योंकि इनकी शिक्षा और पाठ्यक्रम की पद्धति में राष्ट्रद्रोह ही पैदा किए जाते हैं.

ज्ञानदेव आहूजा का विवादित बयान

जयपुर भाजपा मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत के दौरान ज्ञानदेव आहूजा ने कहा कि राजस्थान में तथाकथित अल्पसंख्यक मंत्री ने मदरसों को स्वायत्तशासी बना दिया. मदरसों को सारे पावर अर्जित कर दिए जो शिक्षा विभाग के स्कूलों को हैं. आहूजा ने कहा कि मदरसा बोर्ड को संपूर्ण स्वायत्तशासी शक्तियां दे दी है यानी कक्षा का वर्गीकरण, सिलेबस और टीचर मदरसा बोर्ड खुद तय करेगा, इससे बड़ा दुर्भाग्य कुछ हो ही नहीं सकता.

पढ़ें- मदरसों के मौलाना और बच्चों के लिए बोर्ड अच्छा काम करेगा : सालेह मोहम्मद

ज्ञानदेव आहूजा ने कहा कि हम मुस्लिम विरोधी नहीं हैं क्योंकि हम हिंदू सांप को भी दूध पिलाते हैं और चींटी को भी दाना देते हैं. हम पौधे को तुलसी मां कहते हैं इसलिए हम किसी मत विचार के विरोधी नहीं हो सकते. लेकिन गहलोत सरकार मुस्लिमों के लिए खुशामद और तुष्टिकरण की नीति अपनाती आई है.

आहूजा ने कहा कि केंद्र सरकार ने धारा 370 और 35A खत्म किया क्योंकि एक देश में दो प्रधान, दो विधान और दो झंडे नहीं खड़ा हो सकते. लेकिन अब शिक्षा विभाग के समकक्ष मदरसा बोर्ड को खड़ा कर दिया गया है. मदरसा बोर्ड को स्वायत्तशासी शक्ति नहीं देना चाहिए. उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग के समकक्ष खड़ा किए जाने का सरकार का निर्णय गलत है.

जयपुर. भाजपा के पूर्व विधायक और पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष ज्ञानदेव आहूजा एक बार फिर अपने विवादित बयानों को लेकर सुर्खियों में हैं. इस बार आहूजा ने मदरसा बोर्ड विधेयक के माध्यम से मदरसों को वैधानिक दर्जा दिए जाने का विरोध किया है. आहूजा ने कहा कि मैंने 2 महीने पहले ही राज्य सरकार से मांग की थी कि तबलीगी जमात और मदरसों पर प्रतिबंध लगाया जाए, क्योंकि इनकी शिक्षा और पाठ्यक्रम की पद्धति में राष्ट्रद्रोह ही पैदा किए जाते हैं.

ज्ञानदेव आहूजा का विवादित बयान

जयपुर भाजपा मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत के दौरान ज्ञानदेव आहूजा ने कहा कि राजस्थान में तथाकथित अल्पसंख्यक मंत्री ने मदरसों को स्वायत्तशासी बना दिया. मदरसों को सारे पावर अर्जित कर दिए जो शिक्षा विभाग के स्कूलों को हैं. आहूजा ने कहा कि मदरसा बोर्ड को संपूर्ण स्वायत्तशासी शक्तियां दे दी है यानी कक्षा का वर्गीकरण, सिलेबस और टीचर मदरसा बोर्ड खुद तय करेगा, इससे बड़ा दुर्भाग्य कुछ हो ही नहीं सकता.

पढ़ें- मदरसों के मौलाना और बच्चों के लिए बोर्ड अच्छा काम करेगा : सालेह मोहम्मद

ज्ञानदेव आहूजा ने कहा कि हम मुस्लिम विरोधी नहीं हैं क्योंकि हम हिंदू सांप को भी दूध पिलाते हैं और चींटी को भी दाना देते हैं. हम पौधे को तुलसी मां कहते हैं इसलिए हम किसी मत विचार के विरोधी नहीं हो सकते. लेकिन गहलोत सरकार मुस्लिमों के लिए खुशामद और तुष्टिकरण की नीति अपनाती आई है.

आहूजा ने कहा कि केंद्र सरकार ने धारा 370 और 35A खत्म किया क्योंकि एक देश में दो प्रधान, दो विधान और दो झंडे नहीं खड़ा हो सकते. लेकिन अब शिक्षा विभाग के समकक्ष मदरसा बोर्ड को खड़ा कर दिया गया है. मदरसा बोर्ड को स्वायत्तशासी शक्ति नहीं देना चाहिए. उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग के समकक्ष खड़ा किए जाने का सरकार का निर्णय गलत है.

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