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Rajasthan High Court: प्रमुख शिक्षा सचिव सहित अन्य अफसरों को अवमानना नोटिस

राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद याचिकाकर्ता को परिलाभ नहीं देने के मामले में दायर याचिका की सुनवाई में कोर्ट ने प्रमुख शिक्षा सचिव सहित अन्य अधिकारियों को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

Contempt notice issued by High Court in school lecturer appointment case
Rajasthan High Court: प्रमुख शिक्षा सचिव सहित अन्य अफसरों को अवमानना नोटिस
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Published : May 27, 2023, 11:25 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने 4 साल में भी कोर्ट के आदेश की पालना नहीं करने पर प्रमुख शिक्षा सचिव और शिक्षा निदेशक को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. जस्टिस नरेन्द्र सिंह की एकलपीठ ने यह आदेश निरंजन बांसरे की ओर से दायर अवमानना याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए. याचिका एक स्कूल के हिन्दी व्याख्याता के पद पर नियुक्ति को लेकर दायर किया गया है.

अवमानना याचिका में अधिवक्ता विजय पाठक ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता को हिंदी स्कूल व्याख्याता के पद पर अगस्त, 2018 में नियुक्ति दी गई थी. जबकि इस भर्ती का परिणाम 2 जून, 2017 को जारी किया गया था और अन्य अभ्यर्थियों को 19 जून, 2017 को नियुक्ति दी गई थी. याचिका में कहा गया कि समान भर्ती में याचिकाकर्ता को पूर्व में नियुक्त अन्य अभ्यर्थियों के समान परिलाभ नहीं देने पर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी.

पढ़ेंः अदालती आदेश के बावजूद क्यों नहीं ली दक्षता परीक्षा : हाई कोर्ट

जिस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने मई, 2019 को आदेश जारी कर याचिकाकर्ता को अन्य अभ्यर्थियों को दी गई नियुक्ति तिथि से समस्त परिलाभ देने के आदेश दिए थे. अवमानना याचिका में कहा गया कि अदालती आदेश के 4 साल बीतने के बाद भी अब तक इस आदेश की पालना नहीं की गई है. ऐसे में अदालती आदेश की अवमानना के दोषी अफसरों को दंडित किया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

पढ़ेंः प्रमुख स्वायत्त शासन सचिव सहित तीन अधिकारियों को अवमानना नोटिस

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने 4 साल में भी कोर्ट के आदेश की पालना नहीं करने पर प्रमुख शिक्षा सचिव और शिक्षा निदेशक को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. जस्टिस नरेन्द्र सिंह की एकलपीठ ने यह आदेश निरंजन बांसरे की ओर से दायर अवमानना याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए. याचिका एक स्कूल के हिन्दी व्याख्याता के पद पर नियुक्ति को लेकर दायर किया गया है.

अवमानना याचिका में अधिवक्ता विजय पाठक ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता को हिंदी स्कूल व्याख्याता के पद पर अगस्त, 2018 में नियुक्ति दी गई थी. जबकि इस भर्ती का परिणाम 2 जून, 2017 को जारी किया गया था और अन्य अभ्यर्थियों को 19 जून, 2017 को नियुक्ति दी गई थी. याचिका में कहा गया कि समान भर्ती में याचिकाकर्ता को पूर्व में नियुक्त अन्य अभ्यर्थियों के समान परिलाभ नहीं देने पर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी.

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जिस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने मई, 2019 को आदेश जारी कर याचिकाकर्ता को अन्य अभ्यर्थियों को दी गई नियुक्ति तिथि से समस्त परिलाभ देने के आदेश दिए थे. अवमानना याचिका में कहा गया कि अदालती आदेश के 4 साल बीतने के बाद भी अब तक इस आदेश की पालना नहीं की गई है. ऐसे में अदालती आदेश की अवमानना के दोषी अफसरों को दंडित किया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

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