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Rajasthan Highcourt: अदालती आदेश के बावजूद ओबीसी आरक्षण नहीं देने पर अवमानना नोटिस

राजस्थान हाईकोर्ट ने पीटीआई भर्ती 2016 मामले में आदालत के आदेश के बाद भी याचिकाकर्ताओं को ओबीसी आरक्षण नहीं (Contempt notice for not giving OBC reservation) देने पर कोर्ट ने आरपीएससी सचिव और शिक्षा सचिव को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

Rajasthan Highcourt
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Published : Oct 28, 2022, 9:22 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan Highcourt) ने पीटीआई भर्ती 2016 में अदालती आदेश के बावजूद भरतपुर और धौलपुर के जाट अभ्यर्थियों को ओबीसी आरक्षण का लाभ नहीं देने पर आरपीएससी सचिव हरजी लाल अटल और शिक्षा सचिव पवन कुमार गोयल को अवमानना नोटिस जारी कर (Contempt notice for not giving OBC reservation) जवाब तलब किया है. जस्टिस प्रकाश गुप्ता की एकलपीठ ने यह आदेश अजय फौजदार व अन्य की अवमानना याचिका पर दिए हैं.

अवमानना याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि पूर्व में भरतपुर और धौलपुर के जाट समुदाय को ओबीसी आरक्षण से बाहर कर दिया गया था. इसके बाद सरकार ने इन्हें वापस ओबीसी आरक्षण का लाभ दे दिया. वहीं इस बीच निकली पीटीआई भर्ती में याचिकाकर्ताओं ने सामान्य वर्ग में आवेदन कर दिया, लेकिन राज्य सरकार ने उन्हें ओबीसी आरक्षण का लाभ नहीं दिया.

पढ़ें. सैन्य सेवा कर्मी और सैनिक में अंतर, नहीं मिल सकता कोटे का लाभ : राजस्थान हाईकोर्ट

इसके चलते याचिकाकर्ताओं ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी जिस पर 15 दिसंबर 2021 को हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को ओबीसी आरक्षण का लाभ देने के आदेश दिए थे. याचिका में कहा गया कि करीब एक साल के बाद भी राज्य सरकार ने याचिकाकर्ताओं को ओबीसी आरक्षण का लाभ नहीं दिया है. ऐसे में दोषी अवमानना कर्ताओं को दंडित किया जाए जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan Highcourt) ने पीटीआई भर्ती 2016 में अदालती आदेश के बावजूद भरतपुर और धौलपुर के जाट अभ्यर्थियों को ओबीसी आरक्षण का लाभ नहीं देने पर आरपीएससी सचिव हरजी लाल अटल और शिक्षा सचिव पवन कुमार गोयल को अवमानना नोटिस जारी कर (Contempt notice for not giving OBC reservation) जवाब तलब किया है. जस्टिस प्रकाश गुप्ता की एकलपीठ ने यह आदेश अजय फौजदार व अन्य की अवमानना याचिका पर दिए हैं.

अवमानना याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि पूर्व में भरतपुर और धौलपुर के जाट समुदाय को ओबीसी आरक्षण से बाहर कर दिया गया था. इसके बाद सरकार ने इन्हें वापस ओबीसी आरक्षण का लाभ दे दिया. वहीं इस बीच निकली पीटीआई भर्ती में याचिकाकर्ताओं ने सामान्य वर्ग में आवेदन कर दिया, लेकिन राज्य सरकार ने उन्हें ओबीसी आरक्षण का लाभ नहीं दिया.

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इसके चलते याचिकाकर्ताओं ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी जिस पर 15 दिसंबर 2021 को हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को ओबीसी आरक्षण का लाभ देने के आदेश दिए थे. याचिका में कहा गया कि करीब एक साल के बाद भी राज्य सरकार ने याचिकाकर्ताओं को ओबीसी आरक्षण का लाभ नहीं दिया है. ऐसे में दोषी अवमानना कर्ताओं को दंडित किया जाए जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

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