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कल दिल्ली में कांग्रेस करेगी हार के कारणों की समीक्षा, PCC अध्यक्ष पद को लेकर सियासी चर्चाएं तेज - पायलट को दोबारा मौका मिल सकता है

राजस्थान कांग्रेस में हार के बाद नेताओं की भूमिका को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं, वहीं दूसरी ओर विपक्ष में कांग्रेस के नेतृत्व के लिए चेहरे की भी तलाश तेज हो चुकी है. ऐसे में प्रदेश के मुखिया को लेकर आलाकमान जल्द कोई फैसला ले सकता है.

Congress to review reasons of defeat in elections
कांग्रेस करेगी हार के कारणों की समीक्षा
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Dec 8, 2023, 3:52 PM IST

जयपुर. राजस्थान कांग्रेस में फैसलों की घड़ी नजदीक है. पार्टी को दिल्ली में हार के कारणों पर मंथन के बीच आलाकमान से नए नेता प्रतिपक्ष के नाम का इंतजार रहेगा. वहीं प्रदेश कांग्रेस के मुखिया को लेकर भी फैसले पर सबकी निगाहें रहेंगी. ऐसे में पार्टी का एक धड़ा नेता प्रतिपक्ष के रूप में गोविंद सिंह डोटासरा को देख रहा है, जो फिलहाल प्रदेश अध्यक्ष की भूमिका में है. वहीं दूसरा धड़ा मान रहा है कि डोटासरा लोकसभा चुनाव तक पीसीसी की बागडोर को संभाल कर रखेंगे. यदि लोकसभा चुनाव से पहले डोटासरा की भूमिका में बदलाव आता है, तो फिर राजस्थान कांग्रेस में नए मुखिया को लेकर कतार में खड़े नेताओं की पंक्ति लंबी दिखने लगेगी.

दिल्ली तय करेगा डोटासरा की भूमिका: राजस्थान में शिकस्त के बाद कांग्रेस के बड़े फैसले अब दिल्ली में पार्टी हाईकमान की मर्जी से ही लिए जाने हैं. इन फैसलों में राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, केसी वेणुगोपाल के अलावा प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा महत्वपूर्ण भूमिका में होंगे. तो सोनिया गांधी, मुकुल वासनिक और भूपेंद्र हुड्डा की रायशुमारी भी तवज्जो रखेगी. सरकार से बेदखल होने के बाद कांग्रेस के सामने अशोक गहलोत सरकार की लोकप्रिय योजनाओं का वजूद बचाना बड़ी चुनौती होगा. ऐसे में हाउस के फ्लोर मैनेजमेंट का जिम्मा अगर डोटासरा को सौंप दिया जाता है, तो कांग्रेस विधायक दल के सचेतक के रूप में उनके पुराने अनुभव का फायदा निश्चित तौर पर पार्टी को मिलेगा.

पढ़ें: चुनाव में कांग्रेस के प्रदर्शन पर पायलट बोले-सुधार के लिए लंबी चर्चा की दरकार

जाहिर है कि 21 विधायकों के दल का नेतृत्व करते हुए लगातार डोटासरा मुखर होकर वसुंधरा राजे सरकार के 80 फीसदी से ज्यादा विधायकों को सदन में चुनौती देते हुए देखे गए थे. ऐसे में नेता प्रतिपक्ष की दौड़ में गोविंद सिंह डोटासरा पार्टी की पहली च्वाइस हो सकते हैं. बीते दिनों विधायक दल की बैठक में आए पर्यवेक्षकों के सामने कांग्रेस विधायकों ने एक स्वर में नए नेता प्रतिपक्ष के चुनाव के लिए अलाकमान को जिम्मेदारी सौंपी थी.

पढ़ें: विधायक भाकर ने कांग्रेस के चुनावी अभियान पर उठाए सवाल, आलाकमान की अवमानना पर कह दी यह बड़ी बात

डोटासरा नेता प्रतिपक्ष, तो पीसीसी चीफ की रेस में कौन?: अगर डोटासरा नेता प्रतिपक्ष बन जाते हैं, तो फिर जातिगत समीकरण के आधार पर किसी और चेहरे का चुनाव पीसीसी चीफ के तौर पर किया जाएगा. इनमें लोकसभा चुनाव के मद्देनजर पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट को दोबारा मौका मिल सकता है. वहीं इस रेस में टीकाराम जूली, महेंद्रजीत मालवीय या फिर कोई ब्राह्मण चेहरा भी शामिल हो सकता है. हालांकि पिछली बार दोनों ही पदों पर ओबीसी के चेहरे काबिज थे. लेकिन इसका खास फायदा पार्टी को नहीं हो सका था. ऐसे में पार्टी इस बार आदिवासी या सवर्ण चेहरे को आगे रख सकती है. हालांकि पार्टी भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री के चेहरे की भी प्रतीक्षा कर रही है, ताकि सदन में उसके मुताबिक रणनीति के हिसाब से चेहरा उतरा जा सके.

पढ़ें: अगर सचिन पायलट के चेहरे पर लड़ा जाता राजस्थान का चुनाव तो शायद नतीजे अलग होते - प्रमोद कृष्णम

कल दिल्ली में हार पर मंथन: राजस्थान कांग्रेस की करारी हार के बाद प्रदेश स्तर के बड़े नेता शनिवार को दिल्ली में एक जाजम पर जुटेंगे और हार के कारणों की समीक्षा करेंगे. कल सुबह 11 बजे दिल्ली में कांग्रेस की बैठक में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के अलावा कैंपेन कमिटी के अध्यक्ष डॉक्टर सीपी जोशी, PCC अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा भी जाएंगे. वहीं सचिन पायलट के पहले से दिल्ली में होने की जानकारी सामने आ रही है. जबकि हरीश चौधरी भी पंजाब से आज दिल्ली पहुंचेंगे.

जयपुर. राजस्थान कांग्रेस में फैसलों की घड़ी नजदीक है. पार्टी को दिल्ली में हार के कारणों पर मंथन के बीच आलाकमान से नए नेता प्रतिपक्ष के नाम का इंतजार रहेगा. वहीं प्रदेश कांग्रेस के मुखिया को लेकर भी फैसले पर सबकी निगाहें रहेंगी. ऐसे में पार्टी का एक धड़ा नेता प्रतिपक्ष के रूप में गोविंद सिंह डोटासरा को देख रहा है, जो फिलहाल प्रदेश अध्यक्ष की भूमिका में है. वहीं दूसरा धड़ा मान रहा है कि डोटासरा लोकसभा चुनाव तक पीसीसी की बागडोर को संभाल कर रखेंगे. यदि लोकसभा चुनाव से पहले डोटासरा की भूमिका में बदलाव आता है, तो फिर राजस्थान कांग्रेस में नए मुखिया को लेकर कतार में खड़े नेताओं की पंक्ति लंबी दिखने लगेगी.

दिल्ली तय करेगा डोटासरा की भूमिका: राजस्थान में शिकस्त के बाद कांग्रेस के बड़े फैसले अब दिल्ली में पार्टी हाईकमान की मर्जी से ही लिए जाने हैं. इन फैसलों में राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, केसी वेणुगोपाल के अलावा प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा महत्वपूर्ण भूमिका में होंगे. तो सोनिया गांधी, मुकुल वासनिक और भूपेंद्र हुड्डा की रायशुमारी भी तवज्जो रखेगी. सरकार से बेदखल होने के बाद कांग्रेस के सामने अशोक गहलोत सरकार की लोकप्रिय योजनाओं का वजूद बचाना बड़ी चुनौती होगा. ऐसे में हाउस के फ्लोर मैनेजमेंट का जिम्मा अगर डोटासरा को सौंप दिया जाता है, तो कांग्रेस विधायक दल के सचेतक के रूप में उनके पुराने अनुभव का फायदा निश्चित तौर पर पार्टी को मिलेगा.

पढ़ें: चुनाव में कांग्रेस के प्रदर्शन पर पायलट बोले-सुधार के लिए लंबी चर्चा की दरकार

जाहिर है कि 21 विधायकों के दल का नेतृत्व करते हुए लगातार डोटासरा मुखर होकर वसुंधरा राजे सरकार के 80 फीसदी से ज्यादा विधायकों को सदन में चुनौती देते हुए देखे गए थे. ऐसे में नेता प्रतिपक्ष की दौड़ में गोविंद सिंह डोटासरा पार्टी की पहली च्वाइस हो सकते हैं. बीते दिनों विधायक दल की बैठक में आए पर्यवेक्षकों के सामने कांग्रेस विधायकों ने एक स्वर में नए नेता प्रतिपक्ष के चुनाव के लिए अलाकमान को जिम्मेदारी सौंपी थी.

पढ़ें: विधायक भाकर ने कांग्रेस के चुनावी अभियान पर उठाए सवाल, आलाकमान की अवमानना पर कह दी यह बड़ी बात

डोटासरा नेता प्रतिपक्ष, तो पीसीसी चीफ की रेस में कौन?: अगर डोटासरा नेता प्रतिपक्ष बन जाते हैं, तो फिर जातिगत समीकरण के आधार पर किसी और चेहरे का चुनाव पीसीसी चीफ के तौर पर किया जाएगा. इनमें लोकसभा चुनाव के मद्देनजर पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट को दोबारा मौका मिल सकता है. वहीं इस रेस में टीकाराम जूली, महेंद्रजीत मालवीय या फिर कोई ब्राह्मण चेहरा भी शामिल हो सकता है. हालांकि पिछली बार दोनों ही पदों पर ओबीसी के चेहरे काबिज थे. लेकिन इसका खास फायदा पार्टी को नहीं हो सका था. ऐसे में पार्टी इस बार आदिवासी या सवर्ण चेहरे को आगे रख सकती है. हालांकि पार्टी भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री के चेहरे की भी प्रतीक्षा कर रही है, ताकि सदन में उसके मुताबिक रणनीति के हिसाब से चेहरा उतरा जा सके.

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कल दिल्ली में हार पर मंथन: राजस्थान कांग्रेस की करारी हार के बाद प्रदेश स्तर के बड़े नेता शनिवार को दिल्ली में एक जाजम पर जुटेंगे और हार के कारणों की समीक्षा करेंगे. कल सुबह 11 बजे दिल्ली में कांग्रेस की बैठक में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के अलावा कैंपेन कमिटी के अध्यक्ष डॉक्टर सीपी जोशी, PCC अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा भी जाएंगे. वहीं सचिन पायलट के पहले से दिल्ली में होने की जानकारी सामने आ रही है. जबकि हरीश चौधरी भी पंजाब से आज दिल्ली पहुंचेंगे.

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