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जयपुर लोकसभा चुनाव 2019 : विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने लगाई थी सेंध...अब लोकसभा की तैयारी

लोकसभा चुनाव का शंखनाद हो चुका है और दोनों ही सियासी दल अपनी-अपनी जीत की तैयारियों में जुट गए हैं. ऐसे में चुनाव के इस दंगल में राजस्थान की जयपुर शहर लोकसभा सीट पर सबकी निगाहें हैं.

जयपुर लोकसभा चुनाव 2019
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Published : Mar 25, 2019, 9:06 PM IST

जयपुर. लोकसभा चुनाव का शंखनाद हो चुका है और दोनों ही सियासी दल अपनी-अपनी जीत की तैयारियों में जुट गए हैं. ऐसे में चुनाव के इस दंगल में राजस्थान की जयपुर शहर लोकसभा सीट पर सबकी निगाहें हैं.

जयपुर लोकसभा चुनाव 2019


हालांकि, देश की आजादी के बाद से ही जयपुर लोकसभा सीट कांग्रेस विरोध की राजनीति की उपजाऊ जमीन रही है. लेकिन, साल 2018 के विधानसभा चुनाव के नतीजों में जयपुर शहर लोकसभा में कांग्रेस का दबदबा बढ़ा है.


प्रदेश की राजधानी जयपुर शहर लोक सभा सीट यूं तो परंपरागत रूप से भाजपा का गढ़ माना जाता है लेकिन पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के बेहतर प्रदर्शन से इस सीट पर कांटे का मुकाबला होने की संभावना है. पिछले विधानसभा चुनाव 2018 में जयपुर शहर लोकसभा सीट में आने वाली आठ विधानसभा सीटों में से मालवीय नगर, सांगानेर और विद्याधर नगर विधानसभा सीट पर ही भाजपा के विधायक जीत पाए. जबकि आदर्श नगर, किशनपोल, हवा महल, सिविल लाइंस और बगरू विधानसभा क्षेत्र में भाजपा को करारी शिकस्त झेलना पड़ी.
उधर, इन विधानसभा सीटों पर पड़े कुल वोटों को देखा जाए तो कांग्रेस और भाजपा के बीच में है करीब 14000 मतों का ही अंतर है या फिर कहें कि करीब 14000 मतों से ही कांग्रेस आगे रही. हालांकि, साल 2013 में हुए विधानसभा चुनाव में जयपुर शहर लोकसभा क्षेत्र में आने वाली इन 8 विधानसभा सीटों पर भाजपा का कब्जा था. अब क्योंकि लोकसभा चुनाव नजदीक है और प्रदेश में भी कांग्रेस की सरकार है लिहाजा मुकाबला कड़ा होने की संभावना है.


आजादी के बाद से ही जयपुर सीट पर हुए कुल 16 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने तीन बार ही यह सीट जीत पाई. जबकि 7 बार इस सीट पर भाजपा का कब्जा रहा. तीन बार स्वतंत्र पार्टी, एक बार जनता पार्टी, एक बार भारतीय लोक दल और एक बार निर्दलीय ने कब्जा जमाया. लिहाजा इस सीट पर कांग्रेस को सबसे अधिक हार का सामना करना पड़ा.


जयपुर लोकसभा सीट पर साल 1989 से लेकर 2004 तक लगातार छः बार बीजेपी के गिरधारी लाल भार्गव ने जीत का परचम लहराया. वहीं, साल 2009 में कांग्रेस के महेश जोशी ने भाजपा के कद्दावर नेता रहे घनश्याम तिवाड़ी को हराकर सबसे बड़ा उलटफेर किया. लेकिन, साल 2014 में भाजपा के रामचरण बोहरा ने कांग्रेस के महेश जोशी को 5,39,345 मतों से हराया. हालांकि, साल 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा की स्थिति थोड़ी बिगड़ी लेकिन, महज 14 हजार वोटों के अंतर को लोकसभा चुनाव में पाटकर जीत का दावा भाजपा कर रही है.


पिछले लोकसभा चुनाव में देश में मोदी लहर चल रही थी उसका फायदा प्रदेश की 25 सीटों पर भाजपा को भी मिला और भाजपा 25 की 25 सीटों पर जीती. हालांकि, जयपुर लोकसभा सीट पर इस चुनाव में भी सीधी टक्कर भाजपा और कांग्रेस के बीच ही होगी. क्योंकि इनके अलावा अन्य दल इस सीट पर अब तक के चुनाव में ज्यादा असर नहीं डाल पाए हैं. वहीं, वोटों के लिहाज से भी अन्य दलों का यहां कोई अस्तित्व नहीं है.

जयपुर. लोकसभा चुनाव का शंखनाद हो चुका है और दोनों ही सियासी दल अपनी-अपनी जीत की तैयारियों में जुट गए हैं. ऐसे में चुनाव के इस दंगल में राजस्थान की जयपुर शहर लोकसभा सीट पर सबकी निगाहें हैं.

जयपुर लोकसभा चुनाव 2019


हालांकि, देश की आजादी के बाद से ही जयपुर लोकसभा सीट कांग्रेस विरोध की राजनीति की उपजाऊ जमीन रही है. लेकिन, साल 2018 के विधानसभा चुनाव के नतीजों में जयपुर शहर लोकसभा में कांग्रेस का दबदबा बढ़ा है.


प्रदेश की राजधानी जयपुर शहर लोक सभा सीट यूं तो परंपरागत रूप से भाजपा का गढ़ माना जाता है लेकिन पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के बेहतर प्रदर्शन से इस सीट पर कांटे का मुकाबला होने की संभावना है. पिछले विधानसभा चुनाव 2018 में जयपुर शहर लोकसभा सीट में आने वाली आठ विधानसभा सीटों में से मालवीय नगर, सांगानेर और विद्याधर नगर विधानसभा सीट पर ही भाजपा के विधायक जीत पाए. जबकि आदर्श नगर, किशनपोल, हवा महल, सिविल लाइंस और बगरू विधानसभा क्षेत्र में भाजपा को करारी शिकस्त झेलना पड़ी.
उधर, इन विधानसभा सीटों पर पड़े कुल वोटों को देखा जाए तो कांग्रेस और भाजपा के बीच में है करीब 14000 मतों का ही अंतर है या फिर कहें कि करीब 14000 मतों से ही कांग्रेस आगे रही. हालांकि, साल 2013 में हुए विधानसभा चुनाव में जयपुर शहर लोकसभा क्षेत्र में आने वाली इन 8 विधानसभा सीटों पर भाजपा का कब्जा था. अब क्योंकि लोकसभा चुनाव नजदीक है और प्रदेश में भी कांग्रेस की सरकार है लिहाजा मुकाबला कड़ा होने की संभावना है.


आजादी के बाद से ही जयपुर सीट पर हुए कुल 16 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने तीन बार ही यह सीट जीत पाई. जबकि 7 बार इस सीट पर भाजपा का कब्जा रहा. तीन बार स्वतंत्र पार्टी, एक बार जनता पार्टी, एक बार भारतीय लोक दल और एक बार निर्दलीय ने कब्जा जमाया. लिहाजा इस सीट पर कांग्रेस को सबसे अधिक हार का सामना करना पड़ा.


जयपुर लोकसभा सीट पर साल 1989 से लेकर 2004 तक लगातार छः बार बीजेपी के गिरधारी लाल भार्गव ने जीत का परचम लहराया. वहीं, साल 2009 में कांग्रेस के महेश जोशी ने भाजपा के कद्दावर नेता रहे घनश्याम तिवाड़ी को हराकर सबसे बड़ा उलटफेर किया. लेकिन, साल 2014 में भाजपा के रामचरण बोहरा ने कांग्रेस के महेश जोशी को 5,39,345 मतों से हराया. हालांकि, साल 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा की स्थिति थोड़ी बिगड़ी लेकिन, महज 14 हजार वोटों के अंतर को लोकसभा चुनाव में पाटकर जीत का दावा भाजपा कर रही है.


पिछले लोकसभा चुनाव में देश में मोदी लहर चल रही थी उसका फायदा प्रदेश की 25 सीटों पर भाजपा को भी मिला और भाजपा 25 की 25 सीटों पर जीती. हालांकि, जयपुर लोकसभा सीट पर इस चुनाव में भी सीधी टक्कर भाजपा और कांग्रेस के बीच ही होगी. क्योंकि इनके अलावा अन्य दल इस सीट पर अब तक के चुनाव में ज्यादा असर नहीं डाल पाए हैं. वहीं, वोटों के लिहाज से भी अन्य दलों का यहां कोई अस्तित्व नहीं है.

Intro:special story
जयपुर शहर लोकसभा सीट का यह है सियासी इतिहास
भाजपा के गढ़ में इस बार कांग्रेस सेंध लगाने की तैयारी में

Jaipur (intro anchor)

लोकसभा चुनाव का शंखनाद हो चुका है और दोनों ही सियासी दल अपनी-अपनी जीत की तैयारियों में जुट गए हैं। चुनाव के इस दंगल में राजस्थान की जयपुर शहर लोकसभा सीट पर सबकी निगाहें हैं। देश की आजादी के बाद से ही जयपुर लोकसभा सीट कांग्रेस विरोध की राजनीति की उपजाऊ जमीन रही है लेकिन साल 2018 के विधानसभा चुनाव के नतीजों में जयपुर शहर लोकसभा में कांग्रेस का दबदबा बड़ा है।

(Vo-1)
प्रदेश की राजधानी जयपुर शहर लोक सभा सीट यूं तो परंपरागत रूप से भाजपा का गढ़ माना जाता है लेकिन पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का बेहतर प्रदर्शन से इस सीट पर इस चुनाव में कांटे का मुकाबला होने की संभावना है। पिछले विधानसभा चुनाव 2018 में जयपुर शहर लोकसभा सीट में आने वाली आठ विधानसभा सीटों में से मालवीय नगर, सांगानेर और विद्याधर नगर विधानसभा सीट पर ही भाजपा के विधायक जीत पाए जबकि आदर्श नगर किशनपोल हवा महल सिविल लाइंस और बगरू विधानसभा क्षेत्र में भाजपा को करारी शिकस्त झेलना पड़ी। हालांकि विधानसभा चुनाव में इन विधानसभा सीटों पर पढ़े कुल वोटों को देखा जाए तो कांग्रेस और भाजपा के बीच में है करीब 14000 मतों का ही अंतर है या फिर कहें करीब 14000 मतों से ही कांग्रेस आगे रही। हालांकि साल 2013 में हुए विधानसभा चुनाव में जयपुर शहर लोकसभा क्षेत्र में आने वाली इन 8 विधानसभा सीटों पर भाजपा का कब्जा था। अब क्योंकि लोकसभा चुनाव नजदीक है और प्रदेश में भी कांग्रेस की सरकार है लिहाजा मुकाबला कड़ा होने की संभावना है।

बाइट-अर्चना शर्मा,कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष


(Vo-2)
आजादी के बाद से ही जयपुर सीट पर हुए कुल 16 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस में है 3बार ही यह सीट जीत पाई जबकि 7 बार इस सीट पर भाजपा का कब्जा रहा तीन बार स्वतंत्र पार्टी एक बार जनता पार्टी एक बार भारतीय लोक दल और एक बार निर्दलीय ने कब्जा जमाया लिहाजा इस सीट पर कांग्रेस को सबसे अधिक हार का सामना करना पड़ा। जयपुर लोकसभा सीट पर साल 1989 से लेकर 2004 तक इस सीट पर लगातार छह बार बीजेपी के गिरधारी लाल भार्गव ने जीत का परचम लहराया वहीं साल 2009 में कांग्रेस के महेश जोशी ने भाजपा के कद्दावर नेता रहे घनश्याम तिवाड़ी को हराकर सबसे बड़ा उलटफेर किया लेकिन साल 2014 में भाजपा के रामचरण बोहरा ने कांग्रेस के महेश जोशी को 5,39,345 मतों से हराया । हालांकि साल 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा की स्थिति थोड़ी बिगड़ी लेकिन महज 14 हजार वोटों के अंतर को लोकसभा चुनाव में पाटकर जीत का दावा भाजपा कर रही है....

बाइट-अशोक लाहोटी,भाजपा विधायक

(Vo-3)
पिछले लोकसभा चुनाव में देश में मोदी लहर चल रही थी उसका फायदा प्रदेश की 25 सीटों पर भाजपा को भी मिला और भाजपा 25 की 25 सीटों पर जीती हालांकि जयपुर लोकसभा सीट पर इस चुनाव में भी सीधी टक्कर भाजपा और कांग्रेस के बीच ही होगी क्योंकि इनके अलावा अन्य दल इस सीट पर अब तक के चुनाव में ज्यादा असर नहीं डाल पाए हैं वोटों के लिहाज से भी अन्य दलों का यहां कोई अस्तित्व नहीं है।

(edited vo pkg-jaipur city seat story)



 




Body:(edited vo pkg-jaipur city seat story)


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