जयपुर. प्रदेश में निकाय और पंचायत चुनाव होने से पहले जिस तरीके से लोकसभा के परिणाम आए हैं वह परिणाम किसी भी तरीके से कांग्रेस के लिए अच्छे नहीं कहे जा सकते प्रदेश की तमाम 25 की 25 सीटें गंवाने के बाद कॉन्ग्रेस संगठन में भी बदलाव की बातें की जा रही है लेकिन संगठन में बदलाव राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के इस्तीफा प्रकरण समाप्त होने के बाद ही होगा लेकिन कांग्रेस के अग्रिम संगठनों में बदलाव की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और इसकी शुरुआत हुई है कांग्रेस के हरावल दस्तों के नाम से मशहूर चारों अग्रिम संगठनों से और इसमें भी शुरुआत कांग्रेस सेवादल से हुई है जिसकी पूरी कार्यकारिणी को भंग कर दिया गया है.
संगठन को एक्टिव करने की कवायद के चलते ही जहां प्रदेश महिला कांग्रेस में संपूर्ण प्रदेश कार्यकारिणी को भंग कर नई प्रदेश कार्यकारिणी बना दी गई है तो वही सेवा दल की प्रदेश कार्यकारिणी को भंग कर नई कार्यकारिणी तैयार की जा रही है सेवा दल और महिला कांग्रेस के बाद एक छात्र संगठन एनएसयूआई और युवक कांग्रेस के प्रदेश कार्यकारिणी में भी जल्द ही बदलाव देखने को मिलेगा संगठन में राष्ट्रीय स्तर पर इसकी तैयारियां भी चल रही है हाल ही में युवा कांग्रेस के नए नियुक्त किए गए प्रदेश प्रभारी इस मुहिम में जुट गए हैं और वह राजस्थान में आकर अपनी कार्यकारिणी और जिला अध्यक्षों की बैठक भी ले गए हैं जानकारों की मानें तो दोनों ही अग्रिम संगठनों की कार्यकारिणी और जिलाध्यक्ष को हटाकर नए लोगों को शामिल किया जाएगा हालांकि अभी दोनों संगठनों में बदलाव के लिए शीर्ष नेताओं की हरी झंडी का इंतजार है लेकिन यह बात तय है कि इस बार इन संगठनों में चुनाव के जरिए बदलाव ना होकर दोनों ही संगठनों में मनोनीत करने की प्रक्रिया अपनाई जाएगी.
एनएसयूआई और यूथ कांग्रेस के पदाधिकारी कर चुके हैं आयु पार
कांग्रेस की जानकार सूत्रों की मानें तो एनएसयूआई और यूथ कांग्रेस में बदलाव की कवायद शुरू करने की एक वजह यह भी है कि दोनों ही संगठनों की कार्यकारिणी में उम्र पार पदाधिकारियों की भरमार है एनएसयूआई में पदाधिकारी बनने के लिए जहां आयु सीमा 18 से 27 वर्ष निर्धारित है वही युवा कांग्रेस में आयु सीमा अधिकतम 35 साल निर्धारित है लेकिन दोनों ही अग्रिम संगठनों के प्रदेश कार्यकारिणी में ऐसे पदाधिकारियों की संख्या ज्यादा है.
जो निर्धारित आयु सीमा को पार कर चुके हैं हालांकि इसके साथ ही कांग्रेस के चारों अग्रिम संगठन में बदलाव इसलिए भी जरूरी हो गया है क्योंकि संगठन के कामकाज के लिहाज से धरने प्रदर्शनों बैठकों और जनसभाओं में सबसे ज्यादा भागीदारी इन्हीं चारों हरावल दस्तों की होती है ऐसे में इन चारों संगठनों को फिर से तैयार करना कांग्रेस के लिए जरूरी हो गया है