जयपुर. गुर्जर आरक्षण को लेकर सरकार एक बार फिर बिल लाने की तैयारी में है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद और मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया है. हालांकि इस मासले पर कोई भी मंत्री कुछ भी स्पष्ट रूप से कहने को तैयार नहीं है लेकिन मंत्री अशोक चांदना ने यह कह दिया कि जो भी होगा बुधवार विधानसभा में होगा और गुर्जर समाज के लिए बड़ा फैसला होगा.
अशोक चांदना ने कहा कि कल के बाद गुर्जर समाज को आंदोलन नहीं करना पड़ेगा. सरकार समाज के लिए इतना बड़ा फैसला करने जा रही है कि उसके बाद आंदोलन की जरूरत ही नहीं होगी. उधर संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कैबिनेट में गुर्जर आरक्षण पर चर्चा की गई है. सरकार संवेदनशील है कि गुर्जर समाज की मांगों को पूरा किया जाए.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पहले अपने घोषणापत्र में स्पष्ट कर चुकी है कि कानून सम्मत जो भी गुर्जर समाज की मांग है पूरी की जाएगी. धारीवाल ने कहा कि गुर्जर समाज पटरी छोड़कर तो आए, बातचीत से ही हल निकलेगा. किसी भी मांग को पूरा करने के लिए आंदोलन चलाना ही कोई समाधान नहीं है. अगर कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला चाहते तो मुख्यमंत्री से सीधा संवाद कर सकते हैं. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बातचीत करने के लिए तैयार हैं.
बता दें कि दोपहर में ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मुख्य सचिव डीबी गुप्ता, विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी, मंत्री रघु शर्मा, शांति धारीवाल सहित गुर्जर समाज के विधायक और मंत्रियों के साथ में दो घंटे तक मंत्रणा की. इस मंत्रणा के बाद यह माना जा रहा था कि सरकार दो विकल्पों पर विचार कर रही है इसमें पहला है विधानसभा में विधेयक के जरिए गुर्जर समाज के लिए आरक्षण का रास्ता निकाला जाए दूसरा संकल्प पत्र के जरिए प्रावधान किए जाएं. लेकिन सूत्रों की माने तो सरकार फिर से विधेयक लाने जा रही है, जिसे बुधवार विधानसभा में पास कर केंद्र सरकार के पास भेजा जाएगा.