जयपुर. कांग्रेस हाईकमान की राजस्थान के मुद्दे पर कल यानी गुरुवार 6 जुलाई को दिल्ली में बैठक होने जा रही है. इसको लेकर प्रदेश में सियासी चर्चा काफी तेज है. हर कोई ये जानने के लिए उत्सुक है कि कल की बैठक में क्या होगा. हालांकि यह बैठक राजस्थान में आगामी विधानसभा चुनाव 2023 की रणनीति तैयार करने के लिए बुलाई गई है. परंतु इस बैठक में गहलोत और पायलट के बीच जारी राजनीतिक युद्ध को कांग्रेस आलाकमान किस फॉर्मूले से सुलझाएगा इस पर सभी की निगाहें है. एक ओर सचिन पायलट के लिए तैयार हैं कि वह बिना किसी पद के राजस्थान में कांग्रेस के लिए काम करेंगे लेकिन कांग्रेस महासचिव बनकर राजस्थान छोड़ने के लिए कतई तैयार नही है. वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत नहीं चाहते हैं कि पायलट को चुनाव के ठीक पहले राजस्थान कांग्रेस में अध्यक्ष या कोई ऐसी महत्वपूर्ण भूमिका दी जाए जिससे कि कार्यकर्ताओं में असमंजस हो.
ऐसे में कांग्रेस आलाकमान जो कर्नाटक और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के नेताओं के बीच जारी राजनीतिक उठापटक को शांत कराने में कामयाब रहा है, वह राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच जारी राजनीतिक रस्साकशी को सुलझाने में एक बड़ी दुविधा में फंसा हुआ दिख रहा है.
कल की बैठक में प्रदेश के करीब 2 दर्जन नेता होंगे शामिल : राजस्थान में महज 5 महीने बाद होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस आलाकमान दिल्ली में एक बैठक करने जा रहा है. उसमें दो दर्जन से ज्यादा राजस्थान के नेता शामिल होंगे. उस बैठक में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत चोट के कारण शामिल होंगे या नहीं या फिर वर्चुअल जुड़ेंगे इस पर संशय है. वहीं सचिन पायलट भी इस बैठक में शामिल होंगे या नहीं यह भी साफ नहीं है. इसके अलावा प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर रंधावा, प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, तीनों सह प्रभारी वीरेंद्र सिंह राठौड़, अमृता धवन, काजी निजामुद्दीन, पंजाब के प्रभारी हरीश चौधरी, गुजरात के प्रभारी रघु शर्मा, कांग्रेस महासचिव भंवर जितेंद्र, रघुवीर मीणा, गिरिजा व्यास, धीरज गुर्जर शामिल होंगे. इन नेताओं के साथ होने वाली बैठक में आगामी चुनाव किस रणनीति के साथ लड़े जाएं इसपर कांग्रेस आलाकमान चर्चा करेगा.
चुनाव की विभिन्न समितियों पर भी होगी चर्चा : राजस्थान में कांग्रेस पार्टी की ओर से 6 जुलाई को होने जा रही बैठक में चुनाव की विभिन्न समितियां पर भी चर्चा होगी. चाहे चुनाव अभियान समिति हो, मेनिफेस्टो कमेटी हो या अन्य समितियां हो उनका जिम्मा किसे दिया जाए आदि मुद्दों पर निर्णय लिया जा सकता है.
यक्ष मुद्दा है गहलोत पायलट विवाद में निर्णय क्या और कैसे हो :
1. सचिन पायलट को कांग्रेस महासचिव बना दिया जाए लेकिन इसके लिए सचिन पायलट तैयार नहीं है. ऐसे में बीच का रास्ता निकालकर कांग्रेस महासचिव के साथ ही उन्हें राजस्थान में उन्हें चुनाव अभियान समिति की कमान सौंप दी जाए.
2. सचिन पायलट को उप मुख्यमंत्री बनाया जाए लेकिन इसके लिए पूरी कैबिनेट में फेरबदल करना होगा.
3.सचिन पायलट को प्रदेश अध्यक्ष पद की कमान दी जाए लेकिन इसके लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और राजस्थान कांग्रेस के नेता तैयार नहीं हैं.