जयपुर. राजस्थान में अशोक गहलोत के उत्तराधिकारी की नियुक्ति को लेकर राजनीतिक संकट की स्थिति (Political crisis in Rajasthan) उत्पन्न हो गई है. इसको लेकर लगातार विरोध के स्वर उठ रहे हैं. गहलोत समर्थक विधायक किसी भी सूरत में सचिन पायलट को स्वीकारने के मूड में नहीं हैं. जिसकी बानगी रविवार को बखूबी देखने को मिली. वहीं, गहलोत समर्थक कुछ विधायक पार्टी लाइन के इतर आलाकमान के खिलाफ भी जमकर बयानबाजी किए.
इस पूरे घटनाक्रम से नाराज कांग्रेस कार्य समिति के सदस्यों ने सोनिया गांधी से गहलोत को पार्टी अध्यक्ष की दौड़ से बाहर करने का आग्रह (urges Sonia Gandhi to pull Ashok Gehlot out of party president race) किया है. एएनआई से मिली जानकारी के मुताबिक सोमवार को कांग्रेस कार्य समिति के सदस्यों ने पार्टी प्रमुख से गहलोत को अध्यक्ष पद की रेस से बाहर कर किसी अन्य चेहरे को उम्मीदवार बनाने की अपील की है.
दरअसल, हालिया राजनीतिक घटनाक्रम और गहलोत खेमे के विधायकों के आचरण से नाराज सीडब्ल्यूसी के सदस्य खासा नाराज (CWC members very angry) हैं. यही कारण है कि उन्होंने पार्टी प्रमुख से उनके खिलाफ शिकायत दर्ज की है. जिसमें इस बात का जिक्र किया गया है कि अशोक गहलोत पर विश्वास करना सही नहीं होगा. पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को उनकी उम्मीदवारी पर पुनर्विचार करना चाहिए. वहीं, सदस्यों ने सोनिया गांधी से एक ऐसे व्यक्ति को उम्मीदवार बनाने का आग्रह किया है, जो वरिष्ठ होने के साथ ही गांधी परिवार के प्रति भी वफादार हो.
इधर, विधायक दल की बैठक में शामिल होने के लिए रविवार को जयपुर पहुंचे मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन से भी गहलोत समर्थक विधायकों ने सही व्यवहार नहीं किया. जिससे पार्टी की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी खासा नाराज बताई जा रही हैं.
गौरतलब है कि गहलोत खेमे के विधायक कांग्रेस विधायक दल की बैठक में शामिल नहीं हुए थे. ऐसे में मौजूदा हालातों को देखते हुए दिग्विजय सिंह और मुकुल वासनिक जैसे पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं को संभावित उम्मीदवार बनाने पर विचार हो सकता है. बता दें कि पार्टी के शीर्ष पद की दौड़ में शामिल शशि थरूर आगामी 30 सितंबर को नामांकन दाखिल करेंगे.