जयपुर. राजस्थान विधानसभा चुनाव में जनता जनार्दन ने अपना फैसला सुनाते हुए प्रत्याशियों का भाग्य ईवीएम के हवाले कर दिया है, जिसके नतीजे 3 दिसंबर को सामने आएंगे. इस बीच पार्टियों ने भी अपनी रीति-नीति और सिंबल पर चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों के खिलाफ काम करने वाले खुद की पार्टी के लोगों पर एक्शन लेना शुरू कर दिया है. चुनाव में प्रदेश की चार विधानसभा सीटों पर पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी के खिलाफ काम करने के आरोपों के चलते 11 पदाधिकारियों-कार्यकर्ताओं के खिलाफ एक्शन लेते हुए उन्हें पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से 6 साल के लिए निष्कासित किया गया है.
इस संबंध में कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने आदेश जारी किए हैं. इस आदेश के मुताबिक भादरा (हनुमानगढ़) में पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी के खिलाफ काम करने पर भादरा ग्रामीण ब्लॉक कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष राजेश्वरी गोस्वामी और शेरसिंह गोस्वामी को 6 साल के लिए पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित किया गया है.
इसी तरह जयपुर की मालवीय नगर विधानसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी अर्चना शर्मा की खिलाफत करने के आरोपों के चलते पीसीसी के विचार विभाग के पूर्व संयोजक वेदप्रकाश शर्मा, वार्ड 127 की पार्षद प्रत्याशी कविता छबलानी, वार्ड 130 की पार्षद राजुला सिंह, वार्ड 140 के पार्षद अभिषेक सैनी, वार्ड 135 के पार्षद राजेश कुमावत और वार्ड 134 के पार्षद करण शर्मा को भी 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित किया गया है.
पढ़ें : राजनीतिक सफर के 33 साल : सरकार बदले या सिलसिला, राजस्थान में गहलोत-वसुंधरा या किसी और को कमान ?
सादुलशहर और सांगोद में भी दिखा एक्शन : इसी प्रकार सादुलशहर विधानसभा सीट पर पार्टी प्रत्याशी के खिलाफ काम करने के आरोपों के चलते गंगानगर जिला कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष कंवर सैन सिहाग व श्रीगंगानगर जिला युवा कांग्रेस के अध्यक्ष करण सहारण को छह साल के लिए निष्कासित किया गया है. जबकि सांगोद में ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष कुशलपाल सिंह को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से छह साल के लिए निष्कासित किया गया है. उन पर भी पार्टी के सिंबल पर चुनाव लड़ रहे प्रत्याशी की खिलाफत करने का आरोप है.