जयपुर. गुर्जर नेता कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला आरक्षण के मामले को लेकर गहलोत सरकार से टकराव के मूड में आ गए हैं. बैंसला ने कहा कि राज्य सरकार समझौते की पालना नहीं करती है तो परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहे. बैंसला ने कहा कि समझौते में किसी भी प्रकार की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
गुर्जर संघर्ष समिति के संयोजक कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने अपने आवास पर आज जयपुर में आपात बैठक बुलाई. बैठक के बाद कर्नल बैंसला ने कहा कि 20 अप्रैल को सिकंदरा में महापंचायत का आयोजन किया जाएगा, जिसमें समझौते की पालना में आ रही रुकावटों को दूर करने के लिए आगे की रणनीति बनाई जाएगी. महापंचायत में समाज के लोगों के साथ विचार-विमर्श का निर्णय लिया जाएगा.
बैंसला ने स्पष्ट कहा कि राज्य सरकार के साथ जो समझौता हुआ उसकी पालना की जाए, नहीं तो तैयार रहे. सरकार ने कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के भाजपा में शामिल होने की स्थिति में वार्ता को स्थगित कर दिया था, इसके बाद समाज दो गुटों में बंट गया है, एक गुट ने बैंसला को संघर्ष समिति से निकाल दिया है, जबकि दूसरे ने बनाए रखने की घोषणा की है.
हिम्मत सिंह गुर्जर के सवाल करने पर बैंसला ने कहा की हिम्मत सिंह कौन होता है निकालने वाला. समाज द्वारा बनाई गई गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति मेरे साथ है, ऐसे में मुझे कोई निकाल नहीं सकता है. उन्होंने कहा कि समाज को तोड़ने वाले कोई ऐसा काम ना करें जिससे समाज की एकता में दरार आए, एकजुट रहने पर ही समाज आगे बढ़ेगा, समाज को तोड़ने वाली हरकतों से दूर रहे.
बैंसला ने बीजेपी में शामिल होने सवाल पर कहा कि इसके पीछे कई कारण हैं सामाजिक कारणों की वजह से भाजपा में शामिल हुए, आरक्षण के मामले पर भाजपा नेताओं से मेरी कोई बात नहीं हुई, लेकिन आरक्षण के मामले में हमेशा समाज के साथ खड़ा था खड़ा हूं और खड़ा रहूंगा, बैंसला ने कहा कि सरकार हमें वार्ता के लिए बुलाती है तो गुर्जर संघर्ष समिति वार्ता के लिए प्रतिनिधिमंडल तैयार है.