जयपुर. करीब 2 साल बाद एक बार फिर राजधानी जयपुर में स्टोन मार्ट का आयोजन किया जा रहा है. गुरुवार को मुख्यमंत्री गहलोत ने स्टोन मार्ट का उद्घाटन किया. यहां देश-विदेश के कीमती पत्थर एक ही छत के नीचे प्रदर्शित किए जा रहे हैं. 10 से 13 नवंबर तक चलने वाली इस अंतरराष्ट्रीय स्टोन प्रदर्शनी में देश-विदेश के सेलर्स और बायर्स हिस्सा लेंगे. इस अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनी में प्राकृतिक और आर्टिफिशियल पत्थरों को व्यापक रूप से प्रदर्शित किया जाएगा.
स्टोन कारोबार से जुड़े कारोबारी विजय मालपानी का कहना है कि कोरोना के बाद पत्थर से जुड़ी इंडस्ट्री को (India Stonemart 2022 in Jaipur) काफी नुकसान हुआ था. लेकिन इस तरह के आयोजन से स्टोन इंडस्ट्री को ऑक्सीजन मिलती है. जब एक ही जगह सेलर्स और बायर्स मिलते हैं तो कारोबार तेजी से आगे बढ़ता है. वहीं स्टोन मशीनरी से जुड़े कारोबारी रमेश खट्टर का कहना है कि अब स्टोन से जुड़े अलग-अलग कारोबार राजस्थान में स्थापित हो रहे हैं. खासकर जो वेस्टेज पत्थर होता है, अब उससे भी कलाकृतियां तैयार की जा रही हैं. राजस्थान में स्टोन मशीनरी से जुड़ा कारोबार तेजी से बढ़ रहा है.
स्टोन मार्ट में एक ही छत के नीचे प्राकृतिक पत्थरों, क्वार्ट्ज पत्थर के स्लैब, खनन और प्रोसेसिंग मशीनरी, हेवी अर्थ मूविंग मशीनरी, उपकरण, उपभोग्य वस्तुओं का प्रदर्शन किया जा रहा है. अब तक 47 देशों के 500 से अधिक अंतरराष्ट्रीय विजिटर्स मार्ट में हिस्सा लेने के लिए रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं. इसके दौरान आयोजित होने वाले अन्य कार्यक्रम जयपुर आर्किटेक्चरल फेस्टिवल, बायर-सेलर मीट और शिल्पग्राम होंगे. इस मार्ट में भारत और विदेशों से लगभग 345 प्रदर्शक भाग लेंगे. गुजरात और ओडिशा के भी अपने स्टेट पवेलियन होंगे. अंतरराष्ट्रीय पवेलियन में तुर्की, ईरान और पुर्तगाल की ओर से प्रदर्शन किया जाएगा. इटली और चीन के आयोजक भी इस प्रदर्शनी में हिस्सा लेने जा रहे हैं.
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सरकार दे रही राहत : प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस स्टोन मार्ट का गुरुवार को उद्घाटन (India Stonemart 2022 Events) किया. इस मौके पर उन्होंने कहा कि हाल ही में सरकार की ओर से उद्योग लगाने पर काफी सहूलियत दी जा रही है. 22 साल पहले इस स्टोन मार्ट की शुरुआत की गई थी. अब अंतरराष्ट्रीय कारोबारियों को भी इससे जोड़ा गया है. अशोक गहलोत ने कहा कि कोरोना के कारण चाइना का मार्केट काफी प्रभावित हुआ और इसका फायदा देश को मिला. राजस्थान में मार्बल और ग्रेनाइट का पत्थर काफी मात्रा में पाया जाता है, ऐसे में प्रदेश में इस इंडस्ट्री का काफी स्कोप है. जैसे-जैसे राजस्थान में इंडस्ट्री स्थापित होंगे, वैसे-वैसे रोजगार के अवसर भी पनपना शुरू होंगे. सरकार इंडस्ट्री लगाने को लेकर कारोबारियों को काफी छूट दे रही है.
इन स्टोन्स की प्रदर्शनी : इंडिया स्टोनमार्ट 2022 स्टोन इंडस्ट्री की सबसे बड़ी अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनी है. इसमें मार्बल, ग्रेनाइट, सैंड स्टोन, स्लेट, कोटा स्टोन, क्वार्ट्ज स्टोन, माइनिंग और प्रोसेसिंग मशीनरी, हेवी अर्थ मूविंग मशीनरी आदि की विस्तृत किस्मों के साथ-साथ स्टोन हैंडिक्राफ्ट वस्तुओं का विशेष प्रदर्शन एक ही छत के नीचे किया जा रहा है. इंडिया स्टोनमार्ट का पहला संस्करण वर्ष 2000 में आयोजित किया गया था. तब से इसके 10 संस्करण सफलतापूर्वक आयोजित किए जा चुके हैं. इंडिया स्टोनमार्ट का 11वां संस्करण 10 नवंबर से 13 नवंबर 2022 तक जयपुर के सीतापुरा स्थित एग्जीबिशन एंड कन्वेंशन सेंटर (जेईसीसी) में आयोजित किया जा रहा है. उद्घाटन कार्यक्रम के दौरान सीएम अशोक गहलोत के अलावा उद्योग मंत्री शकुंतला रावत भी मौजूद रहीं.
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देश का 70 फीसदी पत्थर का उत्पादक राजस्थान
- राजस्थान सैंड स्टोन, मार्बल, कोटा स्टोन का प्रमुख उत्पादक
- राजस्थान में करीब 4500 से अधिक माइनिंग लीज
- 90 फीसदी मार्बल और सेंडस्टोन का उत्पादक राजस्थान
10 लाख लोगों को मिल रहा रोजगार : इंडिया स्टोनमार्ट की रूपरेखा वर्ष 2000 में रखी गई थी. इसका मुख्य उद्देश्य भारत के पत्थर उद्योग को प्रमुखता से स्थापित करना था. पिछले 22 वर्षों में पत्थर उद्योग से 10 लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिल रहा है. देश के पत्थर उत्पादन में राजस्थान की 70 फीसदी भागीदारी है. आयामी पत्थर राजस्थान का एक प्रमुख खनिज है. यहां मार्बल, सैंडस्टोन, ग्रेनाइट, कोटा स्टोन, स्लेट आदि के प्रचुर भंडार हैं. प्रदेश में 4,920 माइनिंग लीज हैं. देश में मार्बल और सैंडस्टोन का 90 प्रतिशत राजस्थान में उत्पादन होता है. राज्य के लगभग 10 लाख से अधिक व्यक्तियों को इससे रोजगार मिल रहा है.
तेजी से विकसित हो रहा ग्रेनाइट उद्योग : उद्योग मंत्री शकुंतला रावत ने बताया कि राजस्थान पहले सिर्फ मार्बल और सैंडस्टोन के लिए ही जाना जाता था. पिछले 10 वर्षों में जालौर, किशनगढ़, चित्तौड़गढ़, राजसमन्द और उदयपुर आदि क्षेत्रों में बड़े स्तर पर ग्रेनाइट की खनन इकाइयां स्थापित होने से ग्रेनाइट उद्योग तेजी से विकसित हुआ है. हमारे ग्रेनाइट के विभिन्न रंग और किस्में बहुत लोकप्रिय हो रही हैं. इस उद्योग को गति देने के लिए ही रीको के माध्यम से सेन्टर फॉर डेवलपमेन्ट ऑफ स्टोन्स की स्थापना की गई थी. यह संस्था पत्थर उद्यमियों को विभिन्न अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार समझौते करवाने के लिए एक मंच प्रदान कर रही है.