ETV Bharat / state

ERCP पर गहलोत बोले- शेखावत और वसुंधरा राजे के रिश्तों में खटास का खामियाजा भुगत रही 13 जिलों की जनता

सीएम गहलोत ने जयपुर में प्रेस वार्ता में अपने तीसरे कार्यकाल के चार साल पूरे होने पर सरकार की उपलब्धियां गिनाईं. इस दौरान उन्होंने महलाओं को स्मार्ट फोन देने में देरी होने की संभावना के साथ ही ईआरसीपी कैनाल (Cm Gehlot statement on ERCP) पर काम न हो पाने का कारण केंद्री मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा के रिश्तों में आई खटास बताया.

Cm Gehlot statement on ERCP
Cm Gehlot statement on ERCP
author img

By

Published : Dec 17, 2022, 6:55 PM IST

Updated : Dec 17, 2022, 7:06 PM IST

ERCP पर गहलोत का बयान

जयपुर. गहलोत सरकार की चौथी वर्षगांठ पर मुफ्त (CM Gehlot government 4 years) मोबाइल का इंतजार कर रही प्रदेश की सवा सौ करोड़ महिलाओं को अभी और इंतजार करना पड़ेगा. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने माना कि यह बड़ा काम है और पब्लिक इंटरेस्ट के बारे में सोच कर काम करना पड़ेगा. इसके साथ ही ERCP योजना में देरी को लेकर पूर्व सीएम वसुंधरा राजे और जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के रिश्तों में खटास को जिम्मेदार ठहराया. वहीं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक सवाल के जवाब में मजाकिया अंदाज में कहा कि जब वो राजनीति से इस्तीफा दे देंगे तो उसके बाद राजनीति की कोचिंग खोल लेंगे.

महिलाओं को मुफ्त स्मार्ट फोन के लिए करना होगा इंतजार
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने तीसरे कार्यकाल के 4 साल पूरे होने पर मीडिया से के समक्ष अपनी सरकार की (CM Gehlot counted achievements of government) उपलब्धियां गिनाईं. इसके बाद गहलोत ने कहा कि वे अपने बजट से पहले जन घोषणा पत्र के सभी वादों को पूरा करने का प्रयास भी करेंगे. इस दौरान एक सवाल पर उन्होंने बताया कि तय कार्यक्रम के मुताबिक मोबाइल वितरण का काम (Cm Gehlot on free smart phone to women) शुरू नहीं हो पाएगा. गहलोत ने कहा कि ये बड़ा काम है. पब्लिक इंटरेस्ट में किया जाने वाला काम सोच कर करना पड़ेगा. इस दिशा में अभी इंतजार और होगा. इससे पहले पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा और पार्टी के प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने भी कांग्रेस के विजन को सामने रखा.

पढ़ें. Gehlot on ERCP: ईआरसीपी पर बोले सीएम गहलोत,'केंद्र सरकार रोक रही योजना को, लेकिन हमने....'

जन आधार कार्ड धारक महिलाओं को मुफ्त स्मार्टफोन देने की गहलोत सरकार की योजना का इंतजार लंबे समय से था और उम्मीद की जा रही थी कि इस बारे में गहलोत अपनी सरकार की चौथी वर्षगांठ पर कोई घोषणा कर सकते हैं. इस बीच मुख्यमंत्री ने कानून व्यवस्था के मसले पर भी बात रखी और कहा कि राजस्थान में सभी मुकदमों की एफआईआर दर्ज करने की अनिवार्यता की वजह से ही मुकदमों में इजाफा हुआ है. इससे राजस्थान की छवि को नुकसान हुआ है, लेकिन वे जनहित में इस व्यवस्था को जारी रखना चाहेंगे. हालांकि उन्होंने इस बात पर भी चिंता जाहिर की है कि ऐसे मामलों में भी इजाफा हुआ है और समाज को भी इस गंभीर विषय पर सोचना चाहिए.

ERCP को लेकर मंत्री गुमराह कर रहे
राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट (ERCP) पर जारी राजनीति का मसला सरकार की चौथी वर्षगांठ के दौरान भी नजर आया. मुख्यमंत्री ने कहा कि (CM gehlot big statement on ERCP) तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के कार्यकाल में इस प्रोजेक्ट को शुरू किया गया था और मौजूदा जल शक्ति मंत्री पार्टी के आंतरिक कारणों से इस प्रोजेक्ट को फिलहाल अटका रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि सवाई माधोपुर में राहुल गांधी की फाउंडर मीटिंग में हुई बातचीत के बाद आनन-फानन में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने जयपुर में प्रेस वार्ता कर एक बार फिर इस प्रोजेक्ट पर जनता को गुमराह करने का प्रयास किया.

पढ़ें. सीएम गहलोत बोले, हाड़ौती की नदियों में उफान से बने बाढ़ के हालात, इसलिए ईआरसीपी जरूरी

उन्होंने कहा कि शेखावत और पूर्व मुख्यमंत्री के बीच शायद किसी निजी विवाद के कारण यह प्रोजेक्ट धरातल पर नहीं उतर रहा है, लेकिन शेखावत को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से 3 बार किए गए वादे का ख्याल रखना चाहिए क्योंकि 13 जिलों के लाखों लोग फिलहाल पेयजल की समस्या से जूझ रहे हैं. भारत जोड़ो यात्रा के दौरान इसका फीडबैक उनके सामने आया है. उन्होंने बताया कि ईआरसीपी प्रोजेक्ट से हजारों हेक्टेयर भूमि पर सिंचाई की जा सकेगी और राजस्थान की जनता लाभान्वित होगी. शेखावत और भाजपा को इस दिशा में काम करना चाहिए और प्रधानमंत्री के सामने यह बात रखनी चाहिए कि ERCP को राष्ट्रीय परियोजना घोषित किया जाए.

बजट का 7 प्रतिशत स्वास्थ्य पर हो रहा खर्च
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाओं में राज्य सरकार ने अभूतपूर्व कार्य किया है. देश के बड़े राज्यों में राजस्थान एकमात्र ऐसा राज्य है, जहां हेल्थकेयर पर बजट का 7 प्रतिशत खर्च हो रहा है, जबकि गुजरात में सिर्फ 5.6 प्रतिशत बजट ही स्वास्थ्य पर खर्च होता है. प्रदेश में सभी को स्वास्थ्य सुविधाओं की निःशुल्क कवरेज देने की व्यवस्था लागू की गई है. राइट टू हेल्थ बिल भी लाया गया है जो विधानसभा में विचाराधीन है. सभी सरकारी अस्पतालों में सम्पूर्ण इलाज, जांच एवं दवाएं निःशुल्क हैं. ऐसा करने वाला राजस्थान देश का पहला राज्य है. मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना में सभी सरकारी एवं निजी अस्पतालों में भी 10 लाख रुपये तक का कैशलेस इलाज़, 5 लाख रुपये का दुर्घटना बीमा दिया जा रहा है . हार्ट ट्रांसप्लांट, बोनमैरो ट्रांसप्लांट, कॉक्लियर इंप्लांट समेत तमाम महंगे ट्रांसप्लांट एवं इंप्लांट का पूरा खर्च राज्य सरकार दे रही है. ऐसी योजना लागू करने वाला राजस्थान देश का पहला राज्य बना है.

पढ़ें. 4 Years Of Gehlot Government: 1.36 लाख को मिला रोजगार, पेपर लीक का भी गहरा दाग

रिन्यूएबल एनर्जी पर फोकस
गहलोत ने कहा कि कोयले पर निर्भरता कम करने तथा सोलर, विंड व बायोमॉस एनर्जी से बिजली बनाने के लिए प्रदेश में परम्परागत ऊर्जा स्रोतों के स्थान पर रिन्यूवल एनर्जी पर फोकस किया जा रहा है. राजस्थान 16,000 मेगावॉट सोलर एनर्जी क्षमता के साथ देश में प्रथम स्थान पर है. राज्य में 1 लाख करोड़ रुपये के सोलर क्षेत्र में निवेश के MOU किए गए हैं, 50 यूनिट तक घरेलू बिजली मुफ्त, 150 यूनिट तक 3 रुपये एवं 300 यूनिट तक 2 रुपये प्रति यूनिट की छूट दी जा रही है. इस छूट से करीब 38 लाख उपभोक्ताओं का बिजली का बिल शून्य हो गया है.

53,789 किमी सड़कों का विकास
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में परिवहन व्यवस्था को निरंतर सुदृढ़ बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं. राज्य में 24,405 करोड़ रुपये खर्च कर 53,789 किमी सड़कों का विकास किया गया, 3828 करोड़ रुपये से 8987 किलोमीटर नई सड़कों का निर्माण, 4084 करोड़ रुपये से 1068 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्गों का चौड़ीकरण और सुदृढ़ीकरण, लगभग 8004 करोड़ रुपये से 6448 किलोमीटर स्टेट हाईवे के साथ मुख्य जिला सड़कों के विकास कार्य, 8489 करोड़ रुपये से 37,286 किलोमीटर लम्बाई की अन्य जिला सड़कों और ग्रामीण सड़कों का विकास हुआ. राज्य में 500 से अधिक आबादी के 697 गांवों को सड़क से जोड़ा गया, 1833 किलोमीटर की मुख्य जिला सड़कों और अन्य सड़कों को स्टेट हाईवे में क्रमोन्नत किया, 5935 किलोमीटर लम्बाई की अन्य जिला सड़कों और गांव की सड़कों को मुख्य जिला सड़कों में तब्दील किया गया है.

पढ़ें. Politics on ERCP: शेखावत नहीं चाहते ईआरसीपी का श्रेय वसुंधरा और पूनिया को मिले, इसलिए डाल रहे रोड़ा- सुभाष गर्ग

महिलाओं की गरिमा बढ़ा रही सरकार
गहलोत ने कहा कि राज्य में 600 करोड़ के बजट से उड़ान योजना में हर महिला को 12 निःशुल्क सैनिटरी नैपकिन देने की घोषणा की गई है. चिरंजीवी परिवारों की सभी महिला मुखियाओं को 3 साल की इंटरनेट कनेक्टिविटी के साथ निःशुल्क स्मार्टफोन दिए जाएंगे, इन्दिरा गांधी मातृत्व पोषण योजना के तहत महिलाओं को दूसरे बच्चे के संस्थागत प्रसव पर 6,000 रुपये दिए जा रहे हैं. बेहतरीन चिकित्सा सुविधाओं से तीन साल में IMR और MMR में बड़ी कमी आई है. उन्होंने बताया कि प्रदेश में लगभग 96 प्रतिशत संस्थागत प्रसव हो रहे हैं, कामकाजी महिलाओं के लिए मुख्यमंत्री बैक टू वर्क एवं मुख्यमंत्री वर्क फ्रॉम होम योजना लागू की गई है जिससे करियर ब्रेक ले चुकी 15,000 महिलाओं को वापस काम पर लाया गया है.

FIR की अनिवार्य पंजीकरण नीति हुई सफल
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान में FIR के अनिवार्य पंजीकरण की नीति के बावजूद 2021 में 2019 की तुलना में करीब 5 प्रतिशत अपराध कम दर्ज हुए हैं. गुजरात में अपराधों में करीब 69 प्रतिशत, हरियाणा में 24 प्रतिशत एवं मध्यप्रदेश में करीब 20 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है. हत्या, महिलाओं के विरुद्ध अपराध और अपहरण में उत्तर प्रदेश देश में सबसे आगे है. सबसे अधिक कस्टोडियल डेथ गुजरात में हुई हैं, नाबालिगों से बलात्कार यानी पॉक्सो एक्ट के मामले में मध्य प्रदेश देश में पहले स्थान पर है जबकि राजस्थान 12वें स्थान पर है. अनिवार्य पंजीकरण नीति का ही परिणाम है कि 2017-18 में 33 प्रतिशत FIR कोर्ट के माध्यम से इस्तगासे से दर्ज होती थी, लेकिन अब यह संख्या सिर्फ 13 प्रतिशत रह गई है.

ERCP पर गहलोत का बयान

जयपुर. गहलोत सरकार की चौथी वर्षगांठ पर मुफ्त (CM Gehlot government 4 years) मोबाइल का इंतजार कर रही प्रदेश की सवा सौ करोड़ महिलाओं को अभी और इंतजार करना पड़ेगा. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने माना कि यह बड़ा काम है और पब्लिक इंटरेस्ट के बारे में सोच कर काम करना पड़ेगा. इसके साथ ही ERCP योजना में देरी को लेकर पूर्व सीएम वसुंधरा राजे और जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के रिश्तों में खटास को जिम्मेदार ठहराया. वहीं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक सवाल के जवाब में मजाकिया अंदाज में कहा कि जब वो राजनीति से इस्तीफा दे देंगे तो उसके बाद राजनीति की कोचिंग खोल लेंगे.

महिलाओं को मुफ्त स्मार्ट फोन के लिए करना होगा इंतजार
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने तीसरे कार्यकाल के 4 साल पूरे होने पर मीडिया से के समक्ष अपनी सरकार की (CM Gehlot counted achievements of government) उपलब्धियां गिनाईं. इसके बाद गहलोत ने कहा कि वे अपने बजट से पहले जन घोषणा पत्र के सभी वादों को पूरा करने का प्रयास भी करेंगे. इस दौरान एक सवाल पर उन्होंने बताया कि तय कार्यक्रम के मुताबिक मोबाइल वितरण का काम (Cm Gehlot on free smart phone to women) शुरू नहीं हो पाएगा. गहलोत ने कहा कि ये बड़ा काम है. पब्लिक इंटरेस्ट में किया जाने वाला काम सोच कर करना पड़ेगा. इस दिशा में अभी इंतजार और होगा. इससे पहले पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा और पार्टी के प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने भी कांग्रेस के विजन को सामने रखा.

पढ़ें. Gehlot on ERCP: ईआरसीपी पर बोले सीएम गहलोत,'केंद्र सरकार रोक रही योजना को, लेकिन हमने....'

जन आधार कार्ड धारक महिलाओं को मुफ्त स्मार्टफोन देने की गहलोत सरकार की योजना का इंतजार लंबे समय से था और उम्मीद की जा रही थी कि इस बारे में गहलोत अपनी सरकार की चौथी वर्षगांठ पर कोई घोषणा कर सकते हैं. इस बीच मुख्यमंत्री ने कानून व्यवस्था के मसले पर भी बात रखी और कहा कि राजस्थान में सभी मुकदमों की एफआईआर दर्ज करने की अनिवार्यता की वजह से ही मुकदमों में इजाफा हुआ है. इससे राजस्थान की छवि को नुकसान हुआ है, लेकिन वे जनहित में इस व्यवस्था को जारी रखना चाहेंगे. हालांकि उन्होंने इस बात पर भी चिंता जाहिर की है कि ऐसे मामलों में भी इजाफा हुआ है और समाज को भी इस गंभीर विषय पर सोचना चाहिए.

ERCP को लेकर मंत्री गुमराह कर रहे
राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट (ERCP) पर जारी राजनीति का मसला सरकार की चौथी वर्षगांठ के दौरान भी नजर आया. मुख्यमंत्री ने कहा कि (CM gehlot big statement on ERCP) तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के कार्यकाल में इस प्रोजेक्ट को शुरू किया गया था और मौजूदा जल शक्ति मंत्री पार्टी के आंतरिक कारणों से इस प्रोजेक्ट को फिलहाल अटका रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि सवाई माधोपुर में राहुल गांधी की फाउंडर मीटिंग में हुई बातचीत के बाद आनन-फानन में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने जयपुर में प्रेस वार्ता कर एक बार फिर इस प्रोजेक्ट पर जनता को गुमराह करने का प्रयास किया.

पढ़ें. सीएम गहलोत बोले, हाड़ौती की नदियों में उफान से बने बाढ़ के हालात, इसलिए ईआरसीपी जरूरी

उन्होंने कहा कि शेखावत और पूर्व मुख्यमंत्री के बीच शायद किसी निजी विवाद के कारण यह प्रोजेक्ट धरातल पर नहीं उतर रहा है, लेकिन शेखावत को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से 3 बार किए गए वादे का ख्याल रखना चाहिए क्योंकि 13 जिलों के लाखों लोग फिलहाल पेयजल की समस्या से जूझ रहे हैं. भारत जोड़ो यात्रा के दौरान इसका फीडबैक उनके सामने आया है. उन्होंने बताया कि ईआरसीपी प्रोजेक्ट से हजारों हेक्टेयर भूमि पर सिंचाई की जा सकेगी और राजस्थान की जनता लाभान्वित होगी. शेखावत और भाजपा को इस दिशा में काम करना चाहिए और प्रधानमंत्री के सामने यह बात रखनी चाहिए कि ERCP को राष्ट्रीय परियोजना घोषित किया जाए.

बजट का 7 प्रतिशत स्वास्थ्य पर हो रहा खर्च
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाओं में राज्य सरकार ने अभूतपूर्व कार्य किया है. देश के बड़े राज्यों में राजस्थान एकमात्र ऐसा राज्य है, जहां हेल्थकेयर पर बजट का 7 प्रतिशत खर्च हो रहा है, जबकि गुजरात में सिर्फ 5.6 प्रतिशत बजट ही स्वास्थ्य पर खर्च होता है. प्रदेश में सभी को स्वास्थ्य सुविधाओं की निःशुल्क कवरेज देने की व्यवस्था लागू की गई है. राइट टू हेल्थ बिल भी लाया गया है जो विधानसभा में विचाराधीन है. सभी सरकारी अस्पतालों में सम्पूर्ण इलाज, जांच एवं दवाएं निःशुल्क हैं. ऐसा करने वाला राजस्थान देश का पहला राज्य है. मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना में सभी सरकारी एवं निजी अस्पतालों में भी 10 लाख रुपये तक का कैशलेस इलाज़, 5 लाख रुपये का दुर्घटना बीमा दिया जा रहा है . हार्ट ट्रांसप्लांट, बोनमैरो ट्रांसप्लांट, कॉक्लियर इंप्लांट समेत तमाम महंगे ट्रांसप्लांट एवं इंप्लांट का पूरा खर्च राज्य सरकार दे रही है. ऐसी योजना लागू करने वाला राजस्थान देश का पहला राज्य बना है.

पढ़ें. 4 Years Of Gehlot Government: 1.36 लाख को मिला रोजगार, पेपर लीक का भी गहरा दाग

रिन्यूएबल एनर्जी पर फोकस
गहलोत ने कहा कि कोयले पर निर्भरता कम करने तथा सोलर, विंड व बायोमॉस एनर्जी से बिजली बनाने के लिए प्रदेश में परम्परागत ऊर्जा स्रोतों के स्थान पर रिन्यूवल एनर्जी पर फोकस किया जा रहा है. राजस्थान 16,000 मेगावॉट सोलर एनर्जी क्षमता के साथ देश में प्रथम स्थान पर है. राज्य में 1 लाख करोड़ रुपये के सोलर क्षेत्र में निवेश के MOU किए गए हैं, 50 यूनिट तक घरेलू बिजली मुफ्त, 150 यूनिट तक 3 रुपये एवं 300 यूनिट तक 2 रुपये प्रति यूनिट की छूट दी जा रही है. इस छूट से करीब 38 लाख उपभोक्ताओं का बिजली का बिल शून्य हो गया है.

53,789 किमी सड़कों का विकास
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में परिवहन व्यवस्था को निरंतर सुदृढ़ बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं. राज्य में 24,405 करोड़ रुपये खर्च कर 53,789 किमी सड़कों का विकास किया गया, 3828 करोड़ रुपये से 8987 किलोमीटर नई सड़कों का निर्माण, 4084 करोड़ रुपये से 1068 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्गों का चौड़ीकरण और सुदृढ़ीकरण, लगभग 8004 करोड़ रुपये से 6448 किलोमीटर स्टेट हाईवे के साथ मुख्य जिला सड़कों के विकास कार्य, 8489 करोड़ रुपये से 37,286 किलोमीटर लम्बाई की अन्य जिला सड़कों और ग्रामीण सड़कों का विकास हुआ. राज्य में 500 से अधिक आबादी के 697 गांवों को सड़क से जोड़ा गया, 1833 किलोमीटर की मुख्य जिला सड़कों और अन्य सड़कों को स्टेट हाईवे में क्रमोन्नत किया, 5935 किलोमीटर लम्बाई की अन्य जिला सड़कों और गांव की सड़कों को मुख्य जिला सड़कों में तब्दील किया गया है.

पढ़ें. Politics on ERCP: शेखावत नहीं चाहते ईआरसीपी का श्रेय वसुंधरा और पूनिया को मिले, इसलिए डाल रहे रोड़ा- सुभाष गर्ग

महिलाओं की गरिमा बढ़ा रही सरकार
गहलोत ने कहा कि राज्य में 600 करोड़ के बजट से उड़ान योजना में हर महिला को 12 निःशुल्क सैनिटरी नैपकिन देने की घोषणा की गई है. चिरंजीवी परिवारों की सभी महिला मुखियाओं को 3 साल की इंटरनेट कनेक्टिविटी के साथ निःशुल्क स्मार्टफोन दिए जाएंगे, इन्दिरा गांधी मातृत्व पोषण योजना के तहत महिलाओं को दूसरे बच्चे के संस्थागत प्रसव पर 6,000 रुपये दिए जा रहे हैं. बेहतरीन चिकित्सा सुविधाओं से तीन साल में IMR और MMR में बड़ी कमी आई है. उन्होंने बताया कि प्रदेश में लगभग 96 प्रतिशत संस्थागत प्रसव हो रहे हैं, कामकाजी महिलाओं के लिए मुख्यमंत्री बैक टू वर्क एवं मुख्यमंत्री वर्क फ्रॉम होम योजना लागू की गई है जिससे करियर ब्रेक ले चुकी 15,000 महिलाओं को वापस काम पर लाया गया है.

FIR की अनिवार्य पंजीकरण नीति हुई सफल
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान में FIR के अनिवार्य पंजीकरण की नीति के बावजूद 2021 में 2019 की तुलना में करीब 5 प्रतिशत अपराध कम दर्ज हुए हैं. गुजरात में अपराधों में करीब 69 प्रतिशत, हरियाणा में 24 प्रतिशत एवं मध्यप्रदेश में करीब 20 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है. हत्या, महिलाओं के विरुद्ध अपराध और अपहरण में उत्तर प्रदेश देश में सबसे आगे है. सबसे अधिक कस्टोडियल डेथ गुजरात में हुई हैं, नाबालिगों से बलात्कार यानी पॉक्सो एक्ट के मामले में मध्य प्रदेश देश में पहले स्थान पर है जबकि राजस्थान 12वें स्थान पर है. अनिवार्य पंजीकरण नीति का ही परिणाम है कि 2017-18 में 33 प्रतिशत FIR कोर्ट के माध्यम से इस्तगासे से दर्ज होती थी, लेकिन अब यह संख्या सिर्फ 13 प्रतिशत रह गई है.

Last Updated : Dec 17, 2022, 7:06 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.