जयपुर/सूरत. भीलवाड़ा में बच्चियों की खरीद फरोख्त के मामले में भाजपा कांग्रेस पार्टी पर हमलावर हुई तो, गहलोत ने भी गुजरात की सूरत में हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान राजस्थान के भीलवाड़ा से जुड़े इस मामले का जवाब दिया (Bhilwara Girls auctioned On Stamp). उन्होंने कहा कि ये घटना 2005 की है. तब प्रदेश में भाजपा राज था और कांग्रेस ने इस मैटर को एक्सपोज किया था.
गहलोत ने खोली पोथी: गहलोत ने कहा कि भीलवाड़ा में गर्ल्स के साथ हुई घटना का जो इश्यू बना वो 2005 का किस्सा है. गहलोत ने कहा कि उनको पूछो 2005 में जब घटना हुई तब राजस्थान में भाजपा की सरकार थी. हमने 2019 में हमारी सरकार थी तो उस मामले को एक्सपोज किया है. गहलोत ने कहा कि उस मामले में 21 लोग जेल में बैठे रहे. जिनमें से 3 लोगों की मौत हो गई और केवल 1 व्यक्ति है जो गायब है.
भाजपा और केजरीवाल की पैकेज राजनीति: गहलोत ने कहा कि केवल दो बच्चियां हैं वहां पर, बाकी सब बच्चियां अपने घरों पर चली गई. अब उन दोनों के इंटरव्यू ले मीडिया ने ये खबर चला दी और यह पूरे देश की खबर बन गई. गहलोत ने कहा कि ऐसी खबरें भाजपा और अरविंद केजरीवाल की पैकेज राजनीति का हिस्सा है. सवाल किया- क्या ऐसी खबर कभी केजरीवाल के खिलाफ बनती है? क्या दिल्ली में एससी एसटी महिलाओं या दलितों के खिलाफ कभी कोई क्राइम नहीं होता? यह पैकेज की राजनीति है.
आप पर बरसे सीएम: सूरत में मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आम आदमी पार्टी पर भी जमकर निशाना साधा. गहलोत ने कहा कि गांधी को हटाने वालों को आपने गुजरात में घुसने ही क्यों दिया. गांधी जो आपके गुजरात के हैं. दुनिया में उसका मान नाम सम्मान है. अगर हमारे देश का नाम पूरी दुनिया में है तो उसमें एक कारण यह भी है कि यह महात्मा गांधी का देश है. गहलोत ने कहा कि देश की आजादी के बाद पहली बार ऐसा हुआ है कि किसी पॉलिटिकल पार्टी ने हिम्मत की है गांधी को हटाने की और वो अब गुजरात मे आकर ही राजनीति करना चाहते हैं. गुजरात की जनता उन्हें स्वीकार नहीं करेगी.
केजरीवाल का शिगुफा: गुजरात में कांग्रेस के सीनियर ऑर्ब्जवर गहलोत ने करेंसी पर लक्ष्मी गणेश की बात पर भी राय रखी. बोले- जिन लोगों के पास कुछ सामान नहीं होता है वह ऐसे शिगुफा छोड़ते हैं. गहलोत ने कहा कि अब सामने आ गया न कि कहीं कोई लालू यादव की मांग कर रहा है कोई मुलायम सिंह की मांग कर रहा है, यह क्या राजनीति है? लोकतंत्र में प्रोग्राम, प्रिंसिपल और पॉलिसी की बात होनी चाहिए ऐसे मुद्दे कहां से आ जाते हैं. जब किसी के पास कोई सामान नहीं होता है तब वह ऐसी बात करता है.