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नीति आयोग की बैठक में सीएम गहलोत ने पीएम मोदी को याद दिलाया उनका ये वादा - jaipur

नीति आयोग की बैठक में सीएम गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को राजस्थान में एक जनसभा के दौरान नहर परियोजना से जुड़ा उनका एक वादा याद दिलाया. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करते हुए उसे शीघ्र स्वीकृति देने की मांग की.

नीति आयोग की बैठक में सीएम गहलोत ने रखा अपना पक्ष
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Published : Jun 16, 2019, 8:33 AM IST

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को दिल्ली में हुई नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की पांचवी बैठक में वर्षा, जल संरक्षण, पेयजल , कृषि , सूखा , प्रबंधन एवं चिकित्सा सहित राज्य के विकास के संबंध में विभिन्न मुद्दों पर प्रदेश का पक्ष मजबूती से रखा. सीएम गहलोत ने केंद्र प्रवर्तित योजनाओं में केंद्र से उनके हिस्से की राशि समय पर उपलब्ध कराने की अपेक्षा करते हुए राज्य के वित्तीय प्रबंधन को मजबूत करने के लिए सहयोग मांगा.

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य के 13 जिलों में वर्ष 2051 तक पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करने तथा 2 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में नवीन सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने के लिए पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करते हुए उसे शीघ्र स्वीकृति देने की मांग की. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को राजस्थान में एक जनसभा के दौरान इस परियोजना को लेकर किया गया उनका ये वादा भी याद दिलाया, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आश्वासन दिया था कि उनकी सरकार इस परियोजना पर सहानुभूति के साथ विचार कर इसे शीघ्र स्वीकृति प्रदान करेगी, सीएम गहलोत ने राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम के तहत चालू वित्तीय वर्ष हेतु 370 करोड़ रुपए की प्रथम किस्त को शीघ्र जारी करने का आग्रह किया.

जल संग्रहण परियोजनाओं में पहले की तरह मिले केंद्रीय हिस्सा
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बैठक में कहा कि एकीकृत जल संरक्षण परियोजना के तहत वर्ष 2013-14 और 2014-15 तक केंद्र एवं राज्य का अंश 90 अनुपात 10 था, लेकिन केंद्र सरकार ने इस परियोजना के तहत स्वीकृत 205 प्रोजेक्टों को पूरा करने के लिए पूर्ण राज्य सरकार पर डाल दिया है, उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार राज्य की जल संग्रहण की महती आवश्यकता को देखते हुए केंद्र का अंश पूर्व की भांति अनुवाद करें.

नीति आयोग की बैठक में सीएम गहलोत ने रखा अपना पक्ष

राजीव गांधी लिफ्ट कैनाल के तीसरे चरण के लिए 1454 करोड़ रुपए के प्रस्ताव को भी मंजूरी
सीएम गहलोत ने राजीव गांधी लिफ्ट कैनाल परियोजना के तृतीय चरण के लिए 1454 करोड़ की ब्राह्म वित्त पोषण सहायता प्राप्त करने के प्रस्ताव को मंजूरी देने की मांग की, इस योजना से जोधपुर, बाड़मेर को पाली में 2014 गांव तथा पांच कस्बों को वर्ष 2051 तक जलापूर्ति की जा सके, उन्होंने प्रदेश के 4 जिलों जयपुर, अजमेर, टोंक और नागौर को पेयजल उपलब्ध कराने के लिए बीसलपुर बांध को ब्राह्मणी नदी से जोड़ने की योजना के लिए ब्राह्मी वित्त पोषण प्राप्त करने के लिए सहयोग मांगा.

बेहतर सूखा प्रबंधन के लिए एसडीआरएफ नियमों में हो संशोधन -
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राजस्थान की भौगोलिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए एसडीआरएफ नियमों में कृषि आदान अनुदान के लिए भूमि सीमा डेजर्ट डेवलपमेंट प्रोग्राम के तहत 12 जिलों में 2 हेक्टेयर से बढ़ाकर पांच एक्टर की जाए उन्होंने लघु एवं सीमांत किसानों के अलावा अन्य किसानों एवं भूमिहीन कृषि को के पशुओं के लिए दी जाने वाली सहायता को भी एसडीआरएफ नोमर्स में शामिल किए जाने के आग्रह किया, साथ ही अवधि के दौरान गौशालाओं में संरक्षित सभी पशुओं को दी जाने वाली सहायता भी एसडीआरएफ नॉर्म्स में शामिल करने की मांग की.


एमएसपी पद दलहन और तिलहन की खरीद सीमा बढ़ाई जाए-
सीएम गहलोत ने प्रदेश के किसानों के हितों की पुरजोर पैरवी करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में कई पेचीदगियां है उन्हें दूर कर किसानों को इसका वास्तविक लाभ दिलाने के लिए आवश्यक सुधार किया जाए साथ ही उन्होंने दलहन और तिलहन की समर्थन मूल्य पर खरीद कुल उत्पादन का 25% के स्थान पर 40% करने के साथ एक दिवस में तिलहन और दलहन एक जींस की खरीदी में 25 क्विंटल से बढ़ाकर 40 क्विंटल तक करने की मांग रखी, उन्होंने आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 में राज्यों से चर्चा के बाद ही यह सूचित संशोधन करने का अनुरोध किया.

लंबित रेल परियोजना जल्द शुरू हो
सीएम गहलोत ने प्रदेश में महत्वपूर्ण लंबित रेल परियोजनाओं पर भी नीति आयोग की बैठक में उठाया मुख्यमंत्री ने कहा कि विशेष रेल परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण की लागत राज्य द्वारा तथा समस्त परियोजना लागत केंद्र द्वारा वहन की जानी चाहिए, इस आधार पर रतलाम डूंगरपुर वाया बांसवाड़ा रेल लाइन परियोजना का कार्य शुरू किया जाए, उन्होंने धौलपुर सरमथुरा के बीच गंगापुर सिटी तक विस्तार के साथ ब्रॉडगेज लाइन अजमेर से सवाई माधोपुर वाया टोंक रेल लाइन परियोजना का निर्माण कार्य शीघ्र प्रारंभ करने का अनुरोध किया.

आयुष्मान योजना में हो बदलाव वरना वंचित रहेंगे प्रदेश की 40 लाख गरीब परिवार
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि वर्तमान में राज्य में संचालित स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत एनएफएसए में पात्र करीब एक करोड़ परिवारों को स्वास्थ्य बीमा का लाभ मिल रहा है, जबकि आयुष्मान भारत योजना में वर्ष 2011 की सामाजिक आर्थिक एवं जाति आधारित जनगणना के अनुसार प्रदेश के केवल 59 लाख 71 हजार परिवारों को भी लाभ मिल सकेगा. ऐसी स्थिति में 40 लाख परिवार स्वास्थ्य बीमा योजना से वंचित हो जाएंगे. केंद्र सरकार इस शेष परिवारों को ध्यान रखते हुए सामाजिक आर्थिक एवं जाति आधारित जनगणना 2011 के मापदंडों की बजाय राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा में पात्र परिवारों को योजना की परिधि में शामिल करें.

समय पर मिले केंद्रीय योजनाओं की राशि
गहलोत ने कहा कि केंद्र प्रवर्तित योजनाओं में विभिन्न क्रियात्मक बाधाओं के कारण केंद्रीय मंत्रालय द्वारा केंद्र के हिस्से की राशि समय पर उपलब्ध नहीं कराई जा रही है. उन्होंने अनुरोध किया कि संघीय ढांचे को सुदृढ़ करने के लिए इन बाधाओं को दूर किया जाए और पूर्व अनुभवों के आधार पर विकसित मापदंडों के साथ लचीले रूप में केंद्र के अंश का उपयोग करने की अनुमति दी जाए.

सकल उधार सीमा के आधार पर चलने की मिली अनुमति
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आग्रह किया कि विश्वास 2019-20 प्रथम 9 महीनों के लिए वित्त मंत्रालय के 16 जून 2016 के पत्र के अनुसार इस सकल उधार सीमा के आधार पर खुले बाजार से ऋण लेने की सहमति प्रदान किया जाए , उन्होंने कहा कि वित्त मंत्रालय कि 5 अप्रैल 2019 के नए पत्र के कारण प्रदेश के केवल प्रथम तीन महीनों के लिए ही शुद्ध उधर सीमा के आकलन के आधार पर ही खुले बाजार से धन लेने की अनुमति प्रदान की जाए इससे राज्य को विकास कार्यों और ऋण तथा ब्याज के भुगतान में काफी समस्या का सामना करना पड़ रहा है.

राजस्थान की तर्ज पर केंद्र एमएसएमई इकाइयों को दे छूट

बैठक में मुख्यमंत्री ने राज्य की महत्वपूर्ण उपलब्धियों को गिनाते हुए कहा कि राज्य सरकार ने उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए कानून बनाया है, जिसे एमएसएम इकाइयों को 3 वर्ष तक राज्य की कानून में किसी प्रकार की को अनुमति की आवश्यकता नहीं है. केंद्र सरकार को इस तर्ज पर केंद्रीय कानूनों में उद्यमियों को छूट देनी चाहिए.नीति आयोग की बैठक में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश का मजबूती से पक्ष रखकर प्रदेश के विकास के लिए आवश्यक डिमांड भी रखी लेकिन जिस तरीके से राज्य और केंद्र में अलग अलग पार्टी की सरकार है. उससे यह साफ है कि आने वाले दिनों में प्रदेश सरकार को इसका नुकसान भी उठाना पड़ सकता है.

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को दिल्ली में हुई नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की पांचवी बैठक में वर्षा, जल संरक्षण, पेयजल , कृषि , सूखा , प्रबंधन एवं चिकित्सा सहित राज्य के विकास के संबंध में विभिन्न मुद्दों पर प्रदेश का पक्ष मजबूती से रखा. सीएम गहलोत ने केंद्र प्रवर्तित योजनाओं में केंद्र से उनके हिस्से की राशि समय पर उपलब्ध कराने की अपेक्षा करते हुए राज्य के वित्तीय प्रबंधन को मजबूत करने के लिए सहयोग मांगा.

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य के 13 जिलों में वर्ष 2051 तक पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करने तथा 2 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में नवीन सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने के लिए पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करते हुए उसे शीघ्र स्वीकृति देने की मांग की. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को राजस्थान में एक जनसभा के दौरान इस परियोजना को लेकर किया गया उनका ये वादा भी याद दिलाया, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आश्वासन दिया था कि उनकी सरकार इस परियोजना पर सहानुभूति के साथ विचार कर इसे शीघ्र स्वीकृति प्रदान करेगी, सीएम गहलोत ने राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम के तहत चालू वित्तीय वर्ष हेतु 370 करोड़ रुपए की प्रथम किस्त को शीघ्र जारी करने का आग्रह किया.

जल संग्रहण परियोजनाओं में पहले की तरह मिले केंद्रीय हिस्सा
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बैठक में कहा कि एकीकृत जल संरक्षण परियोजना के तहत वर्ष 2013-14 और 2014-15 तक केंद्र एवं राज्य का अंश 90 अनुपात 10 था, लेकिन केंद्र सरकार ने इस परियोजना के तहत स्वीकृत 205 प्रोजेक्टों को पूरा करने के लिए पूर्ण राज्य सरकार पर डाल दिया है, उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार राज्य की जल संग्रहण की महती आवश्यकता को देखते हुए केंद्र का अंश पूर्व की भांति अनुवाद करें.

नीति आयोग की बैठक में सीएम गहलोत ने रखा अपना पक्ष

राजीव गांधी लिफ्ट कैनाल के तीसरे चरण के लिए 1454 करोड़ रुपए के प्रस्ताव को भी मंजूरी
सीएम गहलोत ने राजीव गांधी लिफ्ट कैनाल परियोजना के तृतीय चरण के लिए 1454 करोड़ की ब्राह्म वित्त पोषण सहायता प्राप्त करने के प्रस्ताव को मंजूरी देने की मांग की, इस योजना से जोधपुर, बाड़मेर को पाली में 2014 गांव तथा पांच कस्बों को वर्ष 2051 तक जलापूर्ति की जा सके, उन्होंने प्रदेश के 4 जिलों जयपुर, अजमेर, टोंक और नागौर को पेयजल उपलब्ध कराने के लिए बीसलपुर बांध को ब्राह्मणी नदी से जोड़ने की योजना के लिए ब्राह्मी वित्त पोषण प्राप्त करने के लिए सहयोग मांगा.

बेहतर सूखा प्रबंधन के लिए एसडीआरएफ नियमों में हो संशोधन -
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राजस्थान की भौगोलिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए एसडीआरएफ नियमों में कृषि आदान अनुदान के लिए भूमि सीमा डेजर्ट डेवलपमेंट प्रोग्राम के तहत 12 जिलों में 2 हेक्टेयर से बढ़ाकर पांच एक्टर की जाए उन्होंने लघु एवं सीमांत किसानों के अलावा अन्य किसानों एवं भूमिहीन कृषि को के पशुओं के लिए दी जाने वाली सहायता को भी एसडीआरएफ नोमर्स में शामिल किए जाने के आग्रह किया, साथ ही अवधि के दौरान गौशालाओं में संरक्षित सभी पशुओं को दी जाने वाली सहायता भी एसडीआरएफ नॉर्म्स में शामिल करने की मांग की.


एमएसपी पद दलहन और तिलहन की खरीद सीमा बढ़ाई जाए-
सीएम गहलोत ने प्रदेश के किसानों के हितों की पुरजोर पैरवी करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में कई पेचीदगियां है उन्हें दूर कर किसानों को इसका वास्तविक लाभ दिलाने के लिए आवश्यक सुधार किया जाए साथ ही उन्होंने दलहन और तिलहन की समर्थन मूल्य पर खरीद कुल उत्पादन का 25% के स्थान पर 40% करने के साथ एक दिवस में तिलहन और दलहन एक जींस की खरीदी में 25 क्विंटल से बढ़ाकर 40 क्विंटल तक करने की मांग रखी, उन्होंने आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 में राज्यों से चर्चा के बाद ही यह सूचित संशोधन करने का अनुरोध किया.

लंबित रेल परियोजना जल्द शुरू हो
सीएम गहलोत ने प्रदेश में महत्वपूर्ण लंबित रेल परियोजनाओं पर भी नीति आयोग की बैठक में उठाया मुख्यमंत्री ने कहा कि विशेष रेल परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण की लागत राज्य द्वारा तथा समस्त परियोजना लागत केंद्र द्वारा वहन की जानी चाहिए, इस आधार पर रतलाम डूंगरपुर वाया बांसवाड़ा रेल लाइन परियोजना का कार्य शुरू किया जाए, उन्होंने धौलपुर सरमथुरा के बीच गंगापुर सिटी तक विस्तार के साथ ब्रॉडगेज लाइन अजमेर से सवाई माधोपुर वाया टोंक रेल लाइन परियोजना का निर्माण कार्य शीघ्र प्रारंभ करने का अनुरोध किया.

आयुष्मान योजना में हो बदलाव वरना वंचित रहेंगे प्रदेश की 40 लाख गरीब परिवार
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि वर्तमान में राज्य में संचालित स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत एनएफएसए में पात्र करीब एक करोड़ परिवारों को स्वास्थ्य बीमा का लाभ मिल रहा है, जबकि आयुष्मान भारत योजना में वर्ष 2011 की सामाजिक आर्थिक एवं जाति आधारित जनगणना के अनुसार प्रदेश के केवल 59 लाख 71 हजार परिवारों को भी लाभ मिल सकेगा. ऐसी स्थिति में 40 लाख परिवार स्वास्थ्य बीमा योजना से वंचित हो जाएंगे. केंद्र सरकार इस शेष परिवारों को ध्यान रखते हुए सामाजिक आर्थिक एवं जाति आधारित जनगणना 2011 के मापदंडों की बजाय राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा में पात्र परिवारों को योजना की परिधि में शामिल करें.

समय पर मिले केंद्रीय योजनाओं की राशि
गहलोत ने कहा कि केंद्र प्रवर्तित योजनाओं में विभिन्न क्रियात्मक बाधाओं के कारण केंद्रीय मंत्रालय द्वारा केंद्र के हिस्से की राशि समय पर उपलब्ध नहीं कराई जा रही है. उन्होंने अनुरोध किया कि संघीय ढांचे को सुदृढ़ करने के लिए इन बाधाओं को दूर किया जाए और पूर्व अनुभवों के आधार पर विकसित मापदंडों के साथ लचीले रूप में केंद्र के अंश का उपयोग करने की अनुमति दी जाए.

सकल उधार सीमा के आधार पर चलने की मिली अनुमति
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आग्रह किया कि विश्वास 2019-20 प्रथम 9 महीनों के लिए वित्त मंत्रालय के 16 जून 2016 के पत्र के अनुसार इस सकल उधार सीमा के आधार पर खुले बाजार से ऋण लेने की सहमति प्रदान किया जाए , उन्होंने कहा कि वित्त मंत्रालय कि 5 अप्रैल 2019 के नए पत्र के कारण प्रदेश के केवल प्रथम तीन महीनों के लिए ही शुद्ध उधर सीमा के आकलन के आधार पर ही खुले बाजार से धन लेने की अनुमति प्रदान की जाए इससे राज्य को विकास कार्यों और ऋण तथा ब्याज के भुगतान में काफी समस्या का सामना करना पड़ रहा है.

राजस्थान की तर्ज पर केंद्र एमएसएमई इकाइयों को दे छूट

बैठक में मुख्यमंत्री ने राज्य की महत्वपूर्ण उपलब्धियों को गिनाते हुए कहा कि राज्य सरकार ने उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए कानून बनाया है, जिसे एमएसएम इकाइयों को 3 वर्ष तक राज्य की कानून में किसी प्रकार की को अनुमति की आवश्यकता नहीं है. केंद्र सरकार को इस तर्ज पर केंद्रीय कानूनों में उद्यमियों को छूट देनी चाहिए.नीति आयोग की बैठक में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश का मजबूती से पक्ष रखकर प्रदेश के विकास के लिए आवश्यक डिमांड भी रखी लेकिन जिस तरीके से राज्य और केंद्र में अलग अलग पार्टी की सरकार है. उससे यह साफ है कि आने वाले दिनों में प्रदेश सरकार को इसका नुकसान भी उठाना पड़ सकता है.

Intro:जयपुर

नीति आयोग की बैठक में सीएम गहलोत ने रखा मजबूती से पक्ष , पीएम कोन्याद दिलाई ईआरसीपी का वादा , राष्ट्रीय योजना घोषित करे केंद्र

एंकर:- मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आज दिल्ली में हुई नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की पांचवी बैठक में वर्षा , जल , संरक्षण , पेयजल , कृषि , सूखा , प्रबंधन एवं चिकित्सा सहित राज्य के विकास के संबंध में विभिन्न मुद्दों पर प्रदेश का पक्ष मजबूती से रखा , सीएम गहलोत ने केंद्र प्रवर्तित योजनाओं में केंद्र से उनके हिस्से की राशि समय पर उपलब्ध कराने की अपेक्षा करते हुए राज्य के वित्तीय प्रबंधन को मजबूत करने के लिए कहने से सहयोग मांगा ।


Body:vo:- मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य के 13 जिलों में वर्ष 2051 तक पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करने तथा 2 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में नवीन सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने के लिए पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करते हुए उसे शीघ्र स्वीकृति देने की मांग की , उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को राजस्थान में एक जनसभा के दौरान इस परियोजना को लेकर किया गया उनका वादा याद दिलाया , प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आश्वासन दिया था कि उनकी सरकार इस परियोजना पर सहानुभूति विचार कर इसे शीघ्र स्वीकृति प्रदान करेगी , सीएम गहलोत ने राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम के तहत चालू वित्तीय वर्ष हेतु 370 करोड रुपए की प्रथम किस्त को शीघ्र जारी करने का आग्रह किया ।

जल संग्रहण परियोजनाओं में पहले की तरह मिले केंद्रीय हिस्सा -
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बैठक में कहा कि एकीकृत जल संरक्षण परियोजना के तहत वर्ष 2013-14 और 2014-15 तक केंद्र एवं राज्य का अंश 90 अनुपात 10 था , लेकिन केंद्र सरकार ने इस परियोजना के तहत स्वीकृत 205 प्रोजेक्टों को पूरा करने के लिए पूर्ण राज्य सरकार पर डाल दिया है , उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार राज्य की जल संग्रहण की महती आवश्यकता को देखते हुए केंद्र का अंश पूर्व की भांति अनुवाद करें ।

राजीव गांधी लिफ्ट कैनाल के तीसरे चरण के लिए 1454 करोड रुपए के प्रस्ताव को भी मंजूरी -
सीएम गहलोत ने राजीव गांधी लिफ्ट कैनाल परियोजना के तृतीय चरण के लिए 1454 करोड़ की ब्राह्म वित्त पोषण सहायता प्राप्त करने के प्रस्ताव को मंजूरी देने की मांग की , इस योजना से जोधपुर, बाड़मेर को पाली में 2014 गांव तथा पांच कस्बों को वर्ष 2051 तक जलापूर्ति की जा सके , उन्होंने प्रदेश के 4 जिलों जयपुर ,अजमेर, टोंक और नागौर को पेयजल उपलब्ध कराने के लिए बीसलपुर बांध को ब्राह्मणी नदी से जोड़ने की योजना के लिए ब्राह्मी वित्त पोषण प्राप्त करने के लिए सहयोग मांगा ।

बेहतर सूखा प्रबंधन के लिए एसडीआरएफ नियमों में हो संशोधन -
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राजस्थान की भौगोलिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए एसडीआरएफ नियमों में कृषि आदान अनुदान के लिए भूमि सीमा डेजर्ट डेवलपमेंट प्रोग्राम के तहत 12 जिलों में 2 हेक्टेयर से बढ़ाकर पांच एक्टर की जाए उन्होंने लघु एवं सीमांत किसानों के अलावा अन्य किसानों एवं भूमिहीन कृषि को के पशुओं के लिए दी जाने वाली सहायता को भी एसडीआरएफ नोमर्स में शामिल किए जाने के आग्रह किया , साथ ही अवधि के दौरान गौशालाओं में संरक्षित सभी पशुओं को दी जाने वाली सहायता भी एसडीआरएफ नॉर्म्स में शामिल करने की मांग की ।


एमएसपी पद दलहन और तिलहन की खरीद सीमा बढ़ाई जाए-
सीएम गहलोत ने प्रदेश के किसानों के हितों की पुरजोर पैरवी करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में कई पेचीदगियां है उन्हें दूर कर किसानों को इसका वास्तविक लाभ दिलाने के लिए आवश्यक सुधार किया जाए साथ ही उन्होंने दलहन और तिलहन की समर्थन मूल्य पर खरीद कुल उत्पादन का 25% के स्थान पर 40% करने के साथ एक दिवस में तिलहन और दलहन एक जींस की खरीदी में 25 क्विंटल से बढ़ाकर 40 क्विंटल तक करने की मांग रखी , उन्होंने आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 में राज्यों से चर्चा के बाद ही यह सूचित संशोधन करने का अनुरोध किया ।

लंबित रेल परियोजना जल्द शुरू हो -
सीएम गहलोत ने प्रदेश में महत्वपूर्ण लंबित रेल परियोजनाओं पर भी नीति आयोग की बैठक में उठाया मुख्यमंत्री ने कहा कि विशेष रेल परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण की लागत राज्य द्वारा तथा समस्त परियोजना लागत केंद्र द्वारा वहन की जानी चाहिए , इस आधार पर रतलाम डूंगरपुर वाया बांसवाड़ा रेल लाइन परियोजना का कार्य शुरू किया जाए , उन्होंने धौलपुर सरमथुरा के बीच गंगापुर सिटी तक विस्तार के साथ ब्रॉडगेज लाइन अजमेर से सवाई माधोपुर वाया टोंक रेल लाइन परियोजना का निर्माण कार्य शीघ्र प्रारंभ करने का अनुरोध किया ।

आयुष्मान योजना में हो बदलाव वरना वंचित रहेंगे प्रदेश की 40 लाख गरीब परिवार -
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि वर्तमान में राज्य में संचालित स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत एनएफएसए में पात्र करीब एक करोड़ परिवारों को स्वास्थ्य बीमा का लाभ मिल रहा है जबकि आयुष्मान भारत योजना में वर्ष 2011 की सामाजिक आर्थिक एवं जाति आधारित जनगणना के अनुसार प्रदेश के केवल 59 लाख 71 हजार परिवारों को भी लाभ मिल सकेगा ऐसी स्थिति में 40 लाख परिवार स्वास्थ्य बीमा योजना से वंचित हो जाएंगे केंद्र सरकार इस शेष परिवारों को ध्यान रखते हुए सामाजिक आर्थिक एवं जाति आधारित जनगणना 2011 के मापदंडों की बजाय राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा में पात्र परिवारों को योजना की परिधि में शामिल करें ।

समय पर मिले केंद्रीय योजनाओं की राशि
गहलोत ने कहा कि केंद्र प्रवर्तित योजनाओं में विभिन्न क्रियात्मक बाधाओं के कारण केंद्रीय मंत्रालय द्वारा केंद्र के हिस्से की राशि समय पर उपलब्ध नहीं कराई जा रही है , उन्होंने अनुरोध किया कि संघीय ढांचे को सुदृढ़ करने के लिए इन बाधाओं को दूर किया जाए और पूर्व अनुभवों के आधार पर विकसित मापदंडों के साथ लचीले रूप में केंद्र के अंश का उपयोग करने की अनुमति दी जाए ।

सकल उधार सीमा के आधार पर चलने की मिली अनुमति -
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आग्रह किया कि विश्वास 2019-20 प्रथम 9 महीनों के लिए वित्त मंत्रालय के 16 जून 2016 के पत्र के अनुसार इस सकल उधार सीमा के आधार पर खुले बाजार से ऋण लेने की सहमति प्रदान किया जाए , उन्होंने कहा कि वित्त मंत्रालय कि 5 अप्रैल 2019 के नए पत्र के कारण प्रदेश के केवल प्रथम तीन महीनों के लिए ही शुद्ध उधर सीमा के आकलन के आधार पर ही खुले बाजार से धन लेने की अनुमति प्रदान की जाए इससे राज्य को विकास कार्यों और ऋण तथा ब्याज के भुगतान में काफी समस्या का सामना करना पड़ रहा है ।

राजस्थान की तर्ज पर केंद्र एमएसएमई इकाइयों को छूट -
बैठक में मुख्यमंत्री ने राज्य की महत्वपूर्ण उपलब्धियों को गिनाते हुए कहा कि राज्य सरकार ने उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए कानून बनाया है जिसे एमएसएम इकाइयों को 3 वर्ष तक राज्य की कानून में किसी प्रकार की को अनुमति की आवश्यकता नहीं है , केंद्र सरकार को इस तर्ज पर केंद्रीय कानूनों में उद्यमियों को छूट देनी चाहिए ।





Conclusion:vo :- नीति आयोग की बैठक में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश का मजबूती से पक्ष रखकर प्रदेश के विकास के लिए आवश्यक डिमांड भी रखी लेकिन जिस तरीके से राज्य और केंद्र में अलग अलग पार्टी की सरकार है उससे यह साफ है कि आने वाले दिनों में प्रदेश सरकार को इसका नुकसान भी उठाना पड़ सकता है
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