जयपुर. राजभवन की तैयारियों के बीच प्रदेश में भजनलाल शर्मा सरकार का मंत्रिमंडल विस्तार एक बार फिर टल गया. 27 दिसंबर को प्रस्तावित मंत्रिमंडल विस्तार अब वीकेंड में हो सकता है. हालांकि, इसको लेकर अभी भी कोई आधिकारिक आदेश नहीं निकाले गए हैं, लेकिन अब संकेत मिल रहे हैं कि मंत्रिमंडल का गठन इस सप्ताह के अंत तक हो सकता है. इस बीच मंत्री बनने की उम्मीद के साथ जयपुर में ठहरे विधायक भी अपने-अपने विधानसभा क्षेत्रों में जाने लगे हैं.
राजभवन में तैयारियां : बताया जा रहा है कि प्रदेश के मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर आला नेताओं से चर्चाओं का दौर पूरा हो चुका है. पिछले दिनों मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, डिप्टी सीएम दीया कुमारी और प्रेमचंद बैरवा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी. इसके बाद ये माना जा रहा था कि मंत्रिमंडल विस्तार इसी सप्ताह में होगा. इन सम्भवनाओं के बीच राजभवन में भी तैयारियां शुरू हुईं. प्रस्तावित 27 दिसंबर को मंत्रिमंडल विस्तार के लिए राजभवन में टेंट लगा दिए गए. कैटरिंग के सामान तैयार हो गए, लेकिन एक दिन पहले तक मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर राजभवन कोई संदेश नहीं पहुंचा. अब राजभवन के सूत्रों की मानें तो इस सप्ताह के आखिरी तक ही मंत्रिमंडल विस्तार सम्भव है, क्योंकि सरकार की ओर से संदेश आने के बाद कम से कम 24 घंटे से ज्यादा का वक्त चाहिए, ताकि आमंत्रण पत्र भी छपवाए जा सकें और उन्हें वितरित भी किया जा सके.
विपक्ष ने उठाए सवाल : पहले मुख्यमंत्री की चयन में देरी, उसके बाद अब मंत्रिमंडल विस्तार में हो रही देरी ने विपक्ष में बैठी कांग्रेस को भाजपा सरकार को घरने का मौका दे दिया है. पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा सहित कांग्रेस के कई नेताओं ने भजनलाल सरकार पर निशान साधा. उन्होंने कहा कि भाजपा हमेशा एकजुटता की बात करती है, लेकिन उनमें किस तरह से अंदरखाने बिखराव है इसका उदाहरण है कि पहले मुख्यमंत्री के चयन में देरी हुई और अब मंत्रिमंडल विस्तार में सामंजस्य नहीं बिठा पा रहे हैं. भाजपा भले ही बाहर से कितना ही दिखावा करे, लेकिन पार्टी के अंदरखाने सबकुछ ठीक-ठाक नहीं है.
धारीवाल का भजन सरकार के मंत्रिमंडल गठन पर जताई आपत्ति : पूर्व मंत्री शांति धारीवाल ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में गठित भाजपा सरकार पर हमला बोला है और आरोप लगाते हुए कहा है कि सुप्रीम कोर्ट की रनिंग के अवहेलना विधानसभा सत्र बुलाने के दौरान हुई है. बिना मंत्रिमंडल के गठन हुए विधानसभा का सत्र बुलाया गया है, यह पूरी तरह से गैरकानूनी है. इसके साथ ही धारीवाल का यह कहना है कि उन्हें सदन में बोलने नहीं दिया गया.
मंत्रिमंडल के गठन पर भी जताई आपत्ति : शांति धारीवाल ने नियमों का हवाला देते हुए कहा कि आर्टिकल 164 (1ए) के प्रोविजन में यह प्रावधान है कि किसी राज्य में मुख्यमंत्री सहित मंत्रियों की संख्या बारह से कम नहीं होगी, जबकि वर्तमान में राजस्थान में मुख्यमंत्री सहित केवल दो उप मुख्यमंत्री हैं. मंत्रिमंडल का गठन ही नहीं हुआ है. ऐसी स्थिति में मंत्रिमंडल का गठन किए बिना केवल तीन मंत्रियों ने राज्यपाल को विधानसभा की बैठक बुलाने का सलाह देना संविधान का स्पष्ट उल्लंघन है.
आशान्वित विधायक लौटने लगे क्षेत्र में : उधर मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चाओं के बीच जयपुर में डटे कई आशान्वित विधायक अब अपने-अपने क्षेत्रों में वापस लौटने लगे हैं. पहले बताया जा रहा था कि विधायकों को जयपुर में रहने को कहा गया था, लेकिन अब सरकार की ओर से किसी तरह का कोई न्योता नहीं मिलने की स्थिति में विधायक अपने-अपने विधानसभा क्षेत्रों में जनता के बीच पहुंच रहे हैं. माना जा रहा है कि 15 कैबिनेट और 10 राज्य मंत्री बनाए जा कटे हैं. जिसमें डॉक्टर किरोड़ीलाल मीणा, पुष्पेंद्र सिंह राणावत, बाबा बालक नाथ, जोगेश्वर गर्ग, भैराराम सियोल, संजय शर्मा, श्रीचंद कृपलानी, झाबर सिंह खर्रा, प्रताप सिंह सिंघवी, हीरालाल नागर, फूलसिंह मीणा, शैलेश सिंह, जितेंद्र गोठवाल, सिद्धि कुमारी, दिप्ती माहेश्वरी, महेंद्र प्रताप पुरी, अजय सिंह किलक, शत्रुघ्न गौतम, मंजू बाघमार, सुमित गोदारा, जवाहर सिंह बेढम, जयदीप बिहाणी के संभावित नाम हैं.